Mahendragarh News : शरीर पर सर्दी के प्रभाव को कम करने के लिए रामबाण है बाजरे की रोटी, अलूना घी व सरसों का साग

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Mahendragarh News : शरीर पर सर्दी के प्रभाव को कम करने के लिए रामबाण है बाजरे की रोटी, अलूना घी व सरसों का साग
चूल्हे पर बाजरे की रोटियां सेंकती एक युवती।
  • सर्दी के साथ ही गांवों में देशी खाने का लुत्फ उठा रहे लोग

(Mahendragarh News) सतनाली। दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में कड़ाके की ठंड अपना असर दिखा रही है तथा हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बीच समूचा क्षेत्र शीतलहर व कोहरे की चपेट में है। ऐसे में दक्षिणी हरियाणा के अंतिम छोर पर बसे सतनाली, लोहारू क्षेत्र के लोग बाजरे की रोटी, सरसों के साग व अलूणी घी के सहारे सर्दी को मात दे रहे हैं। अंगारों पर पकाई गई बाजरे की रोटियां जहां सर्दी में भी गर्मी का एहसास कराती हैं वहीं अलूणी घी का तड़का तन-मन को ताकत प्रदान करता है।

ग्रामीण अंचल में सदियों से शीत ऋतु का प्रमुख खाद्यान्न रहे बाजरे में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट के साथ-साथ फाइबर का एक अच्छा स्रोत है तथा शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। अब वैज्ञानिक भी परंपरागत रोटी, खिचड़ी के साथ-साथ बाजरे के लड्डू, केक, बिस्किट, मटर, मट्ठी सहित विभिन्न पकवानों को उपयोग लेने की सलाह दे रहे है। उल्लेखनीय है कि दक्षिण हरियाणा क्षेत्र में दशकों से बाजरा एक प्रमुख खाद्यान्न रहा है तथा कम वर्षा में भी अच्छी पैदावार होने से यह पशुओं का भी प्रमुख आहार रहा है।

बाजरे की गरम गरम राबड़ी सर्दी, जुकाम, बदहजमी व अनिद्रा की रामबाण औषधि मानी जाती है

ग्रामीण अंचल में हर मौसम में बाजरे का किसी न किसी रूप में प्रयोग किया जाता है। परंतु सर्दी में बाजरे की रोटियां सरसों के साग व ताजा निकाले गए अलूणी घी के साथ खाई जाती हैं। सप्ताह में कम से कम दो दिन लोग बाजरे की खिचड़ी का उपयोग करते हैं और शाम को बनने वाली बाजरे की गरम गरम राबड़ी सर्दी, जुकाम, बदहजमी व अनिद्रा की रामबाण औषधि मानी जाती है।

वहीं दूसरी ओर वर्तमान में फास्ट फूड के बढ़ते चलन के कारण बच्चों व युवाओं में बाजरे के उपयोग की रुचि कम होती जा रही है। वे नाश्ते में रोटी की बजाय ब्रेड, बिस्किट, मटर, फ्लेक्स आदि पसंद करते हैं परंतु बुजुर्गों की पहली पसंद आज भी बाजरे के पकवान बने है। बाजरे का आटा जल्दी ही खट्टा या कड़वा हो जाता है, ऐसे में इसका प्रयोग सीमित रह गया है।

परंतु बावजूद इसके लोग घरों में सर्दी से बचाव के लिए बाजरे की रोटियों, बाजरें व गुड के लड्डू का सहारा ले रहे है। बुजुर्गों की मानें तो बाजार से परंपरागत खिचड़ी या रोटी के साथ-साथ बिस्किट, सेवइयां, केक, मट्ठी, मटर, लड्डू सहित अनेक लजीज व पौष्टिक व्यंजन बनाए जा सकते हैं जो न केवल स्वादिष्ट है बल्कि शरीर के लिए भी फायदेमंद है।

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