(Mahendragarh News) नारनौल। संरक्षण अधिकारी एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी सरीता शर्मा की अध्यक्षता में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान महेंद्रगढ़ व नांगल चौधरी में घरेलू हिंसा अधिनियम-2005 व बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह रोकने के लिए जागरूकता कार्यक्रम किया।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान महेंद्रगढ़ जिले के सभी स्कूलों के प्रिंसिपल के साथ बैठक कर जागरूकता कार्यक्रम किया व नांगल चौधरी में सभी आंगनवाड़ी वर्कर व पार्षदों के साथ बैठक कर जागरूकता कार्यक्रम किया। घरेलू हिंसा अधिनियम-2005 व बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 कानून की जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सभी स्कूलों के प्रिंसिपल, आंगनवाड़ी वर्कर व पार्षदों से आह्वान किया कि बाल विवाह जैसी बुराई को जड़ से खत्म करने में अपना सहयोग दें।
संरक्षण अधिकारी एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी सरीता शर्मा ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के तहत 18 वर्ष से कम आयु की लड़की और 21 वर्ष से कम आयु के लड़के को नाबालिग माना जाता है। यदि कम आयु में विवाह किया जाता है तो यह संज्ञेय और गैर जमानती अपराध है। ऐसा कोई भी व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है उसको बढ़ावा देता है या उसकी सहायता करता है। तो 2 साल तक की सजा और 1 लाख रूपए तक का जुर्माना हो सकता है। साथ ही समस्त जनसाधारण एवं स्थानीय सभी क्षेत्रों, गांवों के मौजिज व्यक्तियों, सरपंचों, आंगनवाड़ी सुपरवाईजर, आंगनवाड़ी वर्कर, टैन्ट हाउस, विवाह समारोह स्थल, नगर पार्षदों व समाज सेवियों से अपील की है कि बाल विवाह को रोकने में मदद करें। बाल विवाह के आयोजन से संबंधित जानकारी देने के लिए बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112, मैजिस्ट्रेट या चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर 1098 पर संपर्क कर सूचना दें।
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