Mahendragarh News : शिक्षा से वंचित बच्चों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए निशुल्क शिक्षा का प्रकाश फैला रही अंजलि तंवर

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Anjali Tanwar is spreading the light of free education to children deprived of education
अंजलि निशुल्क पाठशाला के बच्चों के लिए दीपावली पर्व पर मिठाई भेंट करते गणमान्य लोग।
  • शिक्षा से वंचित बच्चों के लिए पांच वर्ष से संचालित कर रही है निशुल्क पाठशाला, सामाजिक कार्यो के लिए सदैव तत्पर रहती है अंजलि

(Mahendragarh News) सतनाली। आधुनिकता के इस दौर में निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर सकारात्मक सोच के साथ शिक्षा से वंचित बच्चों के उत्थान व जागरूकता के लिए प्रयास करना हर किसी के वश की बात नहीं है। ऐसा करने के लिए न केवल भागदौड़ भरी जिंदगी में समय निकालना पड़ता है बल्कि खुद को भी मानसिक रूप से परिपक्व करना पड़ता है। ऐसी ही एक शख्सियत है अंजलि तंवर।

अंजलि तंवर की उम्र महज 22 वर्ष है लेकिन वह शिक्षा से वंचित रहे बच्चों को निशुल्क शिक्षा का प्रकाश देकर उन्हें समाज की मुख्यधारा के साथ जोड़ने के प्रयासों में जी जान से जुटी है। सतनाली कस्बे की झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले परिवारों के बच्चों को अक्षर ज्ञान देने की दिशा में अंजलि तंवर का यह अनूठा प्रयास करीब पांच वर्ष से निरंतर जारी है तथा इसमें वे सफल भी हो रही है।

अपनी खुद की शिक्षा जारी रखते हुए जब अंजलि ने अपने घर के सामने झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को दिनभर खेलते देखा तो उसके मन में इन बच्चों के भविष्य को लेकर टीस दिखाई दी तथा अंजलि को सोचने को मजबूर कर दिया। अंजलि ने उसी दिन से इन बच्चों को अक्षर ज्ञान देने की ठान ली तथा सभी बच्चों को एकत्रित कर उनकी पढ़ाई की इच्छा जानी। बच्चों में पढ़ाई की ललक तो दिखाई दी परंतु इनके परिवार की आर्थिक तंगी की मजबूरी भी सामने आई।

इसके बाद अंजलि ने कस्बे के एक छोटी सी पहल ग्रामीण सेवा ट्रस्ट के संचालक नीरज सतनाली से इस बारे बात की तथा ट्रस्ट सदस्यों ने इन बच्चों को अक्षर ज्ञान देने के उद्देश्य से अंजलि निशुल्क पाठशाला के नाम से झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों के लिए 14 नवंबर 2019 को बाल दिवस के उपलक्ष्य में पाठशाला शुरू की। पाठशाला में अंजलि तंवर खुद ही शिक्षक की भूमिका निभा रही है तथा बच्चों को अक्षर ज्ञान दे रही है।

सकारात्मक परिणाम यह रहा कि आज अनेक बच्चे पाठशाला से जुड़ने के बाद सरकारी स्कूल में अपने दाखिले करवा चुके है। पाठशाला शुरू करने के बाद अंजलि की मुहिम की जमकर सराहना हुई तथा इसके संचालन में विभिन्न सामाजिक संस्थाओं का भी सहयोग मिला। एक छोटी सी पहल ग्रामीण सेवा ट्रस्ट के सदस्य झुग्गी झोपड़ी पाठशाला के बच्चों के लिए समय-समय पर पाठ्य सामग्री उपलब्ध करवाते है वहीं कस्बे व आसपास के गांवों के जागरूक लोग अपने निजी अनुष्ठान जैसे जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ, पुण्यतिथि या त्यौहार झुग्गी झोपड़ी पाठशाला के बच्चों के बीच मनाते है। यहां तक कि नववर्ष व दीपावली पर्व की खुशियां भी इन बच्चों के साथ साझा करते है।

जिस समय अंजलि ने यह मुहिम शुरू की तब वह 11वीं कक्षा की छात्रा थी तथा पाठशाला के साथ-साथ अंजलि ने खुद की पढ़ाई भी जारी रखी। अब अंजलि सतनाली सरकारी महाविद्यालय से फर्स्ट डिवीजन से स्नातक पूरी कर चुकी है तथा इतिहास विषय से एमए के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी भी कर रही है।

अब अंजलि मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखने वाली अंजलि की सोच समाज हित में कुछ कर दिखाने की है तथा इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए वह निशुल्क पाठशाला के संचालन के साथ-साथ सामाजिक कार्यो में भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रही है। पर्यावरण संरक्षण, रक्तदान, मेडिकल कैंपों के आयोजन में भी वह सक्रियता से भी अपनी भूमिका का निर्वहन कर रही है वहीं कोविड काल के दौरान भी अंजलि ने विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से इन झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले परिवारों के लिए राशन आदि की व्यवस्था करवाने में सहयोग दिया।

शिक्षा से वंचित बच्चों को अक्षर ज्ञान देने वाली अंजली तंवर ने सही मायने में शिक्षा की मुख्यधारा से दूर बच्चों नई दिशा देने का सफल प्रयास किया है। अंजलि के सामाजिक कार्यों बदौलत उसे जिला प्रशासन सहित सामाजिक संस्थाओं द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है। वंचित बच्चों को शिक्षा व जागरूकता के लिए अंजलि के द्वारा किए जा रहे सकारात्मक प्रयास युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत भी है।

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