महेंद्रगढ़: हकेंवि के इंजीनिरिंग पाठ्यक्रमों को मिली एआईसीटीई की मंजूरी

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All India Council for Technical Education
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नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़

हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेंवि), महेंद्रगढ़ के स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के अंतर्गत उपलब्ध सभी 4 पाठ्यक्रमों को आल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई), नई दिल्ली ने सत्र 2021-22 के लिए मान्यता प्रदान कर दी है। विश्वविद्यालय को मिली इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने कहा कि यह मान्यता विद्यार्थियों के लिए उपयोगी साबित होगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू करते समय हमनें यह भरोसा दिलवाया था कि इंजीनियरिंग के लिए आवश्यक सभी मानकों को हम पूर्ण करेंगे और बीत वर्ष एआईसीटीई की ओर से सभी इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों को शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए मान्यता प्रदान की गई थी। इसी क्रम में एक बार पुन: एआईसीटीई से शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए सभी चार इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों सहित औषधि विज्ञान विभाग के अंतर्गत उपलब्ध नए पाठ्यक्रम एम.फॉर्म इन फॉर्माक्लोजी को मान्यता दे दी है।

विश्वविद्यालय के कुलपति ने एआईसीटीई की इस मंजूरी के बाद खुशी जाहिर करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय इन सभी तकनीकी पाठ्यक्रमों के संचालन हेतु आवश्यक संसाधनों के विकास की दिशा में अग्रसर है। हमारे पास अनुभवी संकाय सदस्यों के साथ-साथ जरूरी अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं भी उपलब्ध हैं। कुलपति बोले कि इंजीनियरिंग के लिए निर्धारित प्रमुख मानकों के अंतर्गत अब स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में उपलब्ध सभी चार पाठ्यक्रमों को एआईसीटीई की भी मान्यता मिल गई है जोकि साबित करती है कि हम विद्यार्थियों के हित में किस तरह से अनवरत प्रयासरत है। साथ ही विश्वविद्यालय में उपलब्ध एम.फॉर्म इन फॉर्माक्लोजी को भी एआईसीअीई ने मंजूरी प्रदान कर दी है जो हर्ष का विषय है।

स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डीन डॉ. अजय बंसल ने बताया कि एआईसीटीई से प्राप्त पत्र के अनुसार बी.टेक. इन कंप्यूटर सांइस एंड इंजीनियरिंग, बी.टेक. इन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, बी.टेक. इन सिविल इंजीनियरिंग और बी.टेक इन प्रिंटिंग एंड पैकेजिंग टेक्नोलॉजी के पाठ्यक्रमों सहित एम.फॉर्म इन फॉर्माक्लोजी पाठ्यक्रम को औषधि विज्ञान विभाग के अंतर्गत मान्यता मिल गई है। डॉ. बंसल ने इस एआईसीटीई की मान्यता को विश्वविद्यालय कुलपति की ओर से मिली प्रेरणा व मार्गदर्शन का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि इस मान्यता से विद्यार्थियों के लिए निर्धारित मानकों के अनुरूप तैयार पाठ्यक्रमों में अध्ययन का अवसर प्राप्त होगा व रोजगार के विकल्पों में भी इजाफा होगा।