आजादी के बाद से ही समाज को विधानसभा, लोकसभा व राज्यसभा
सहित किसी भी बड़े राजनीतिक मंच पर नहीं मिली है भागेदारी
दो प्रतिशत जनसंख्या होने के बावजूद भी किसी भी राजनीतिक दल ने नहीं दिया कोई विशेष महत्व
नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़ :
सैन समाज वैलफेयर कमेटी (कोर कमेटी) रजी. हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सैन ने सभी राजनीतिक पार्टियों के पदाधिकारियों से सैन समाज को उनकी जनसंख्या के अनुपात में राजनीतिक भागीदारी देने की मांग की है। हरियाणा प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष, सांसद कुमारी शैलजा व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डा. सुशील गुप्ता, जननायक जनता पार्टी के राष्टीय अध्यक्ष डा. अजय सिंह चौटाला, इनेलो सुप्रीमो अभय सिंह चौटाला को लिखे पत्रों में उन्होंने सैन समाज को विधानसभा, लोकसभा व राज्यसभा सहित किसी भी बड़े राजनीतिक मंच पर अवसर देने की मांग की है प्रदेश अध्यक्ष सैन समाज हरियाणा कुलदीप सैन के अनुसार हरियाणा प्रदेश के सभी 90 हलकों में सैन समाज के 4000 से लेकर 17000 के मध्य मतदाता है। अकेले गुरुग्राम में ही 15 हजार से अधिक मतदाता हैं, बरवाला विधानसभा में 9200 व हिसार विधानसभा में 10,000 से अधिक मतदाता हैं फरीदाबाद एन.आई.टी 86 में 12000 से अधिक मतदाता है ऐसे में जब प्रदेश में 17 विधानसभा सीटों में हार-जीत का अन्तर एक से चार हजार के मध्य रहता है कुल 22 सीटों का हार व जीत का अंतर पांच हजार व 25 सीटों पर यह अन्तर महज तीन से 5000 हजार के मध्य ही रहता है। इसलिए किसी भी राजनीतिक दल के लिए सैन समाज की एकजुटता किसी वरदान से कम नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सैन समाज उनका मान रखने वाले राजनीतिक दल को सत्ता की चाबी दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
सैन समाज हरियाणा कोर कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सैन ने कहा है कि प्रदेश में हांसी, नारनौंद, हिसार, आदमपुर, करनाल, इन्द्री, बरवाला, बादशाहपुर, गुरुग्राम, फरीदाबाद, तोशाम, भटटू-फतेहाबाद, ऐलनाबाद, सिरसा, रोहतक, घरौंडा, बाढड़ा, दादरी, कुरुक्षेत्र, बहादुरगढ़, असंध, जींद सहित कुल ऐसे 20-22 विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां से सैन समाज लंबे समय से अपनी राजनीतिक भागेदारी के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि समाज के दस से अधिक ऐसे व्यक्ति भी हैं जो कि सर्व समाज में अपनी बड़ी पकड़ रखते हैं। ऐसे में आगामी विधानसभा में समाज व व्यक्तियों की ताकत को ध्यान में रखते हुए सभी राजनीतिक दलों को इस बारे में विचार करने की जरुरत है। कुलदीप सैन ने कहा है कि सैन समाज हमेशा से ही राजनीतिक चर्चा के केन्द्र बिन्दू के तौर पर चर्चा में तो रहा है, मगर हमेशा से ही उसकी उपेक्षा होती आ रही है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में दो प्रतिशत से अधिक मतदाता होने के बावजूद भी उसे किसी भी बड़े राजनीतिक दल ने उसकी संख्या व शक्ति के अनुरुप उचित मान नहीं दिया है। हरियाणा प्रदेश की सत्ता में सैन समाज की राजनीतिक भागेदारी न होने के कारण यह समाज आर्थिक व सामाजिक तौर पर भी पिछड़ सा गया है। राजनीतिक पार्टियों के पदाधिकारियों को लिखे पत्रों में प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सैन ने कहा है कि राजनीतिक पार्टी अपने-अपने सर्वें या जरुरतों व गुणा भाग से सैन समाज के किसी भी व्यक्ति को टिकट देता है तो पूरे का पूरा सैन समाज उसी पार्टी/ दल का साथ व समर्थन करेगा।