हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के संकाय सदस्य को मिला रिसर्च एक्सीलेंस अवार्ड-2022

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Research Excellence Award-2022
Research Excellence Award-2022

नीरज कौशिक, Mahendergarh News:
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के भैषजिक विज्ञान विभाग में सहायक आचार्य डॉ. सुमित कुमार को टयूबरक्लोसिस (टीबी) पर उनके शोध कार्य के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ स्कॉलर्स द्वारा रिसर्च एक्सीलेंस अवार्ड-2022 से सम्मानित किया गया है।

टीबी को खत्म करने में मदद

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने डॉ. सुमित कुमार को बधाई देते हुए कहा कि निश्चित ही उनके शोध कार्य से टीबी को खत्म करने की दिशा में मदद मिलेगी। इंटरडिसिप्लिनरी एंड एप्लाइड साइंसेज की अधिष्ठाता प्रो. नीलम सांगवान ने डॉ. सुमित को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। भैषजिक विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. दिनेश कुमार ने इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए बताया कि इंस्टीट्यूट ऑफ स्कॉलर भारत सरकार के एमएसएमई और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत पंजीकृत है।

नोवेल ड्रग डिलीवरी सिस्टम

डॉ. दिनेश कुमार ने बताया कि डॉ. सुमित कुमार ने नोवेल ड्रग डिलीवरी सिस्टम (एनडीडीएस) तैयार करके टीबी की अग्रिम पंक्ति की परम्परागत दवाई को नया रूप देते हुए उसके प्रभाव को बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। टीबी विश्व में संक्रामक रोगों से होने वाली मृत्यु का प्रमुख कारण बना हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (2021) के अनुसार, लगभग 4000 लोग प्रतिदिन टीबी से अपनी जान गंवाते हैं और विश्व स्तर पर प्रतिदिन करीब 28,000 लोग इस बीमारी से संक्रमित हो रहे हैं।

संक्रामक बीमारी पर शोध कार्य 

गरीबों की बीमारी के नाम से कुख्यात इस संक्रामक बीमारी पर बहुत कम ही शोध कार्य हुए हैं। कोई भी मल्टीनेशनल फार्मास्युटिकल कंपनी टीबी पर शोध कार्य करने में रूचि नहीं दिखा रही है। डॉ. सुमित कुमार ने आश्वासन दिया कि यह एनडीडीएस निश्चित रूप से भारत से टीबी के पूर्ण उन्मूलन में लोगों की मददगार साबित होगा।

टीबी मुक्त भारत 

साथ ही यह टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य टीबी मुक्त वैश्विक लक्ष्य (2030) से पांच साल पहले यानी 2025 में प्राप्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टीबी मुक्त भारत के सपने को साकार करने में अहम भूमिका अदा करेगी। उन्होंने बताया कि टीबी अनुसंधान पर विस्तृत अध्ययन के लिए एक परियोजना तैयार की गई है और जल्द ही वित्तीय सहायता के लिए भारत सरकार को प्रस्तुत की जाएगी। डॉ. सुमित कुमार की इस उपलब्धि के लिए संकाय संदस्यों ने भी उन्हें बधाई दी।

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