महाशिवरात्रि पर शिव को करें ऐसे करें प्रसन्न Mahashivratri Pooja

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Mahashivratri Pooja
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Mahashivratri Pooja

आज समाज डिजिटल, अम्बाला:

Mahashivratri Pooja : एक मार्च 2022 यानी मंगलवार को महाशिवरात्रि है। ये शिव पूजा का महापर्व है। मान्यता है कि अगर कोई भक्त शिवलिंग पर हर रोज लोटे से जल भी चढ़ाता है तो उसे शिव जी की कृपा मिल सकती है। शिव जी का जलाभिषेक करने का महत्व काफी अधिक है। शिव जी खासतौर पर ठंडक देने वाली चीजें जैसे जल, दूध, दही, घी आदि चढ़ाया जाता है।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार जलाभिषेक यानी शिवजी को जल से स्नान कराना। शिवजी का एक नाम रुद्र भी है, इसलिए जलाभिषेक को रुद्राभिषेक भी कहते हैं। सोने, चांदी या तांबे के लोटे से शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए। स्टील, एल्युमिनियम या लोहे के लोटे से शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए।

Mahashivratri Pooja
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लोटे में जल भरें और पतली धारा शिवलिंग पर चढ़ाएं। शिवलिंग पर जल और शीतलता देने वाली चीजें चढ़ाने की परंपरा का संबंध समुद्र मंथन से है। शीतलता के लिए ही शिव जी चंद्र को अपने मस्तष्क पर धारण करते हैं।

पुराने समय में देव-दानवों ने मिलकर समुद्र मंथन किया था। समुद्र मंथन में कौस्तुभ मणि, कल्पवृक्ष, एरावत हाथी, उच्चश्रेवा घोड़ा, महालक्ष्मी, धनवंतरि, अमृत कलश जैसे 14 रत्न निकले थे, लेकिन सभी रत्नों से पहले हलाहल नाम का विष निकला था।

हलाहल विष की वजह से सृष्टि के सभी प्राणियों का जीवन खतरे में पड़ गया था। उस समय शिव जी ने ये विष पी लिया था, लेकिन उन्होंने विष को गले से नीचे नहीं जाने दिया। विष की वजह से शिव जी का गला नीला गया हो गया और उनका एक नाम नीलकंठ पड़ गया।(A day after Mahashivratri: Do Shiva worship like this)

विष के असर से शिवजी के शरीर में तेज जलन होने लगी थी, गर्मी बढ़ गई थी। इस गर्मी से मुक्ति के लिए शिव जी को ठंडा जल चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई है। भोलेनाथ को ठंडक देने वाली चीजें ही विशेष रूप से चढ़ाई जाती हैं, ताकि शिव जी को विष की गर्मी से शांति मिलती रहे।

महाशिवरात्रि पर ऐसे करें शिव जी की पूजा Shivratri Pooja Vidhi

महाशिवरात्रि पर शिव पूजा करें। सबसे पहले गणेश पूजा करें और इसके बाद शिवलिंग पर तांबे, चांदी या सोने के लोटे से जल चढ़ाएं। जल चढ़ाते समय शिव जी के मंत्रों का जप करें। जल के साथ ही शिवलिंग पर दूध, दही, शहद भी चढ़ाना चाहिए। इस तरह अभिषेक करने के बाद शिवलिंग पर बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल आदि चीजें अर्पित करें। मिठाई का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें। भगवान के मंत्रों का जाप करें। शिव मंत्र ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप किया जा सकता है।

Mahashivratri Pooja

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