धूमधाम से मनाया गया महाशिवरात्रि पर्व, शोभायात्रा में उमड़ी भक्तों की भीड़

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Mahashivratri festival celebrated with great enthusiasm in Karnal
Mahashivratri festival celebrated with great enthusiasm in Karnal

इशिका ठाकुर,करनाल :
करनाल में महाशिवरात्रि पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। करनाल के सभी मंदिरों में सवेरे से ही भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया, भगवान शिव के भक्त मंदिरों में पहुंचकर भगवान शिव की पूजा आराधना करते हुए तथा अरदास करते हुए नजर आए। महाशिवरात्रि के दिन भक्त जप, तप और व्रत रखते हैं और इस दिन भगवान के शिवलिंग रूप के दर्शन करते हैं। इस पवित्र दिन पर करनाल के हर जगह शिवालयों में बेलपत्र, धतूरा, दूध, दही, शर्करा आदि से भगवान शिव जी का अभिषेक किया गया है।

Mahashivratri festival celebrated with great enthusiasm in Karnal
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कर्ण की नगरी करनाल हर हर महादेव के जयकारों से गूंज उठा

देश के अन्य स्थानों की तरह करनाल में विशेष रूप से महाशिवरात्रि को एक महोत्सव के रुप में मनाया जाता है। महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर करनाल में सनातन धर्म शिव मंदिर सराफा बाजार संस्था की ओर से भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष शोभायात्रा में शिव महापुराण की 16 झांकियां देवी के स्वरूप को झांकियों के रूप में ढोल नगाड़ों के साथ लोगों के समक्ष दिखाया गया है। कर्ण की नगरी करनाल का आसमान कावड़ियों द्वारा लगाए गए हर हर महादेव के जयकारों से गूंज उठा। शोभायात्रा के सम्मान करनाल में विभिन्न स्थानों पर 51 प्रकार के व्यंजनों के भंडारे भी लगाए गए। शोभा यात्रा के पूरे मार्ग पर जगह-जगह स्वागत द्वारा लगाए गए और करनाल के सभी धर्म के लोगों ने शोभा यात्रा का स्वागत पुष्प वर्षा के साथ किया। शिवरात्रि पर्व पर निकाली गई शोभायात्रा करनाल के रामलीला मैदान से शुरू होकर सराफा बाजार स्थित शिव मंदिर पर समाप्त हुई।

धर्म शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव का माता पार्वती के साथ विवाह संपन्न हुआ था। हिंदू धर्म शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि महाशिवरात्रि का व्रत करने वाले साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। महाशिवरात्रि पर्व का व्रत सर्व समाज के लिए कल्याणकारी स्थित होता है। इस व्रत को रखने से साधक के सभी दुखों, पीड़ाओं का अंत तो होता ही है साथ ही मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है। शिव की साधना से धन-धान्य, सुख-सौभाग्य,और समृद्धि की कमी कभी नहीं होती। भक्ति और भाव से स्वत: के लिए तो करना ही चाहिए साथ ही जगत के कल्याण के लिए भगवान आशुतोष की आराधना करनी चाहिए।

Mahashivratri festival celebrated with great enthusiasm in Karnal
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शिवरात्रि पर्व में भगवान शिव ज्योतिर्लिंग के रूप में पृथ्वी पर अवतरित हुए थे : पुजारी हरिकिशन

हिंदू धर्म शास्त्रों में प्रदोषकाल यानि सूर्यास्त होने के बाद रात्रि होने के मध्य की अवधि, मतलब सूर्यास्त होने के बाद के 2 घंटे 24 मिनट की अवधि प्रदोष काल कहलाती है। इसी समय भगवान आशुतोष प्रसन्न मुद्रा में नृत्य करते है। इसी समय सर्वजनप्रिय भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। यही वजह है, कि प्रदोषकाल में शिव पूजा या शिवरात्रि में औघड़दानी भगवान शिव का जागरण करना विशेष कल्याणकारी कहा गया है। हिंदू सनातन धर्म में 12 ज्योतिर्लिंग का वर्णन है। कहा जाता है कि प्रदोष काल में महाशिवरात्रि तिथि में ही सभी ज्योतिर्लिंग का प्रादुर्भाव हुआ था।

इस अवसर पर बोलते हुए करनाल के सेक्टर 8 स्थित श्री विष्णु भगवान मंदिर के पुजारी हरिकिशन ने महाशिवरात्रि पर्व के महत्व पर कहा कि फाल्गुन मास में आने वाले इस महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान शिव का विवाह मां पार्वती के साथ संपन्न हुआ था तथा सावन मास में आने वाले शिवरात्रि पर्व में भगवान शिव ज्योतिर्लिंग के रूप में पृथ्वी पर अवतरित हुए थे। महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान शिव के भक्त सच्चे मन से जो भी मनोकामना पूजा आराधना करते हुए मांगते हैं उनकी मनोकामना भगवान शिव अवश्य पूरी करते हैं। महाशिवरात्रि पर्व सर्व समाज के लिए कल्याणकारी पर्व माना जाता है।

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