कैथल में पहली बार शुरू हुआ महारुद्र यज्ञ Maharudra Yagya At Kaithal

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Maharudra Yagya At Kaithal
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मनोज वर्मा, कैथल:
Maharudra Yagya At Kaithal: महाभारतकालीन श्री ग्यारह रुद्री शिव मंदिर में बुधवार सुबह आठ बजे पहली बार महारुद्र यज्ञ का शुभारंभ हो गया। आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार, समाज सेवी कैलाश बंसल, राजेश गर्ग व आईपीएस राजपाल सिंह ने बतौर अतिथिगण यहां पहुंच कर यज्ञवेदी की पूजा करवाई। अतिथिगणों ने यज्ञशाला में प्रवेश कर इसका शुभारंभ किया। इसके बाद पहले दिन के यजमान बने श्रद्धालुओं की विधिवत रूप से यज्ञशाला के बाहर पूजा करवाई गई।

नौ वेदियों में मंत्रोच्चारण के बीच हवन Maharudra Yagya At Kaithal

यज्ञशाला में बनाई नौ वेदियों में वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच हवन शुरू हुआ। सुबह शुरू हुआ हवन दोपहर डेढ़ बजे तक चला। इसके बाद कुछ देर का विश्राम हुआ। तीन बजे फिर से हवन शुरू हुआ। जो सायं छह बजे तक चला। सांय के समय आयकर कमीशनर लुधियाना देवेंद्र अहलावत ने महारुद्र यज्ञ में भाग लिया। उन्होंने यज्ञशाला की परिक्रमा की और संतों का आशीर्वाद लिया। इसके बाद सांय छह बजे से रात्रि आठ बजे तक अनंत श्री विभूषित महामंडलेश्वर योगी यतिंद्रानंद गिरी (श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा) ने भगवान शिव की महिमा बताते हुए प्रवचन किए।

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महारुद्र के आशीर्वाद से होता है कल्याण Maharudra Yagya At Kaithal

शुभारंभ अवसर पर अपने संदेश में इंद्रेश कुमार ने कहा कि महारुद्र के आशीर्वाद से सभी के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। इस महायज्ञ में जीवन में कोई गलती भी हो जाए तो महारुद्र मुक्ति का मार्ग दिखाते हैं। वे सुधरने का अवसर देते हैं। महारुद्र जगत के उधारक हैं। इस यज्ञ की कामना यही है कि, सभी का कल्याण हो। हवन में काशी से आए विद्वान ब्राह्मणों ने जहां वैदिक मंत्रों से संकल्प करवाया। वहीं इंद्रेश कुमार ने मानवीय, राष्ट्रीय व सामाजिकता का संकल्प करवाया। उन्होंने कहा कि, इस यज्ञ में कामना है कि, इससे कोरोना जैसी महामारी समाप्त हो। संयुक्त राष्ट्र से ही पूरे विश्व में गाय की हत्या पर रोक लगे, भारत अखंड हो। कैलाशमान सरोवर चीन के कब्जे से मुक्त हो। सीमाओं पर शांति आए। दंगे, फसाद, आतंक व माओवाद न हो। प्रेम व सदभाव के मार्ग पर चलें। ऐसा संकल्प लिया गया है।

शिवतत्व से रुद्र और रुद्र से ज्योतिर्लिंग प्रकट हुए-यतिंद्रानंद गिरी जी Maharudra Yagya At Kaithal

सांय के समय प्रवचन करते हुए जीवनदीप आश्रम रूडकी हरिद्वार देवभूमि उत्तराखंड से अनंत विभूषित श्री महामंडलेश्वर योगी यतिंद्रानंद गिरी (श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा) ने श्री ग्यारह रुद्री मंदिर में ही आयोजित प्रवचन कार्यक्रम में भगवान शिव की महिमा की जानकारी दी। उन्होंने अखंड ब्रह्मांड में व्याप्त शिवतत्व पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि, कैसे शिवतत्व से रुद्र रूप में, रुद्र रूप से कैसे ज्योतिर्लिंग में भगवान शिव का प्राकट्य हुआ। भगवान शिव ने स्पष्ट किया था कि, वे सर्वोपरि हैं। एक बार श्री विष्णु व ब्रह्मा के बीच इस बात को लेकर विवाद हो गया कि, उनमें सर्वश्रेष्ठ कौन है। इस पर भगवान शिव ने दोनों को कहा कि, शिवलिंग का सिर जो ढूंढ लेगा, वही सर्वश्रेष्ठ होगा। इस पर भगवान विष्णु पाताल की ओर व ब्रह्मा जी आकाश की ओर गए। भगवान विष्णु पाताल से लौट और कहा कि उन्हें शिवलिंग का छोर नहीं मिला। जबकि ब्रह्मा जी आकाश से वापस आए और झूठ बोल दिया कि वे सिरे पर जाकर आए हैं।

केतकी की गवाही दिलाई Maharudra Yagya

उन्होंने केतकी की गवाही दिलवा दी। जिसे भगवान शिव ने पकड़ते हुए कह दिया कि ब्रह्मा जी की कभी पूजा नहीं होगी। उनके अनुनय विनय करने पर ब्रह्म अमावस्या के दिन केवल एक दिन साल में उनकी पूजा की बात कही। साथ ही एक ही जगह पर। इसी कारण आज भी केवल पुष्कर में ही ब्रह्मा जी की पूजा होती है। इस तरह से भगवान शिव ने स्पष्ट कर दिया था कि वे ही सर्वश्रेष्ठ हैं। स्वामी यतिंद्रानंद ने शिव चरित्र वर्णन के पहले दिन विविध कथाओं के माध्यम से श्रद्धालुओं को भक्तिसागर में गोते लगवाए। श्री ग्यारह रुद्री मंदिर समिति की ओर से बड़ा अनुष्ठान आयोजित किया गया है। इसमें घृणा, क्रोध, हिंसा को समाप्त करने का आह्वान किया गया है। सभी को इस हवन में भाग लेकर भगवान शिव का आशीर्वाद लेना चाहिए।

इन लोगों ने लिया कार्यक्रम में भाग Maharudra Yagya At Kaithal

बुधवार को पहले दिन ये रहे यजमान-नरेश मित्तल, राजकुमार मित्तल, देवीदास, प्रवीण, सुरेश मित्तल, रमेश गर्ग, मुकेश अग्रवाल, बीरभान जैन, प्रवीण कुमार, नितिन बंसल, अंकुश सिंगला, रोहन मित्तल, बहादुर सैनी, अमित बंसल, बलवान सैनी, सतीश, संजय, राजेश बरवाला, गुलशन सिंगला, राज गोयल, सुभाष बंसल, रमेश बंसल, सुशील बंसल, सुभाष गुडगांव, जगन्नाथ करनाल, राजेंद्र , संजय महम वाले, रविप्रकाश गुप्ता, नरेश गोयल, रामनिवास जैन, संजय चौधरी, पवन मार्बल, तरसेम गोयल, ईश्वर गोयल व जयप्रकाश गुप्ता ने बतौर यजमान आहुतियां डालीं। वीरवार को आएंगे असीम गोयल-श्री ग्यारह रुद्री मंदिर सभा के प्रधान विनोद मित्तल एवं महासचिव डा. राजेश गोयल ने बताया कि, आज महारुद्र यज्ञ में अंबाला से विधायक असीम गोयल आएंगे।

Maharudra Yagya At Kaithal: महाभारतकालीन श्री ग्यारह रुद्री शिव मंदिर में बुधवार सुबह आठ बजे पहली बार महारुद्र यज्ञ का शुभारंभ हो गया।साथ ही अंबाला से वरिष्ठ सर्जन डा. राजीव अग्रवाल भी पहुंचेंगे। इस अवसर पर अरुण सर्राफ, बहादुर सैनी, घनश्याम दास मित्तल, तुलसीदास सचदेवा, धर्मेंद्र गुप्ता, राजकुमार गोयल, सतनारायाण मित्तल, रामकुमार गुप्ता, इंद्रजीत सरदाना, भगत राम सैनी, बीरभान जैन, रमेश गर्ग, डा. मुकेश अग्रवाल, सुरेश मित्तल, महेंद्र पाल शर्मा, कृष्ण बत्तरा, राजकुमार गर्ग, पंकज कुमार के अलावा धर्मबीर सिंह सहित भारी संख्या में मंदिर समिति सदस्य व शहरवासी मौजूद थे।

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