जीते जी मात–पिता की सेवा करना ही असली श्राद्ध है: आचार्य संजीव

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Maharishi Dayanand Sansthan Veda Mandir New Mukhija Colony
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आज समाज डिजिटल, पानीपत:
महर्षि दयानंद संस्थान वेद मन्दिर न्यू मुखीजा कालोनी का सप्ताहिक सत्संग बड़ी श्रद्धापूर्वक मनाया गया। आचार्य संजीव वेदालंकार ने पितृपक्ष की अमावस पर आयोजित कार्यक्रम में आहुतियाँ डालकर मंत्रोच्चारण द्वारा यज्ञ सम्पूर्ण करवाया।

गरीब को भोजन कराना, वस्त्र दान करना ही सच्ची श्रद्धा

कार्यक्रम में यजमान वेद मंदिर के प्रधान सुरेश आहूजा व उनकी धर्मपत्नी संगीता आहूजा रहे। जीरकपुर से मेघा एवं सुशील आहूजा द्वारा भेजे गए बच्चों को नये गर्म कपड़े प्रधाना सरिता आहूजा एवं मंत्राणि ज्योति ठकराल, सोनिया आर्या, बलजीता यादव द्वारा लगभग 40 बच्चों में बाँटे गये। आचार्य ने अपने प्रवचन में पितृपक्ष की अमावस का वर्णन करते हुए समझाया कि जीते जी मात–पिता सेवा करना ही असली श्राद्ध है। मृत्यु उपरान्त ब्राह्मणों को भोजन कराने की बजाय किसी गरीब को भोजन कराना, वस्त्र दान करना ही सच्ची श्रद्धा है, बाकि सब पाखंड है। मंच संचालन धीरज कपूर जी ने किया। कार्यक्रम उपरान्त अपने माता पिता सुमित्रा एवं ज्ञानचंद आहूजा जी याद में उनके परिवार की ओर से सबने ऋषिलंगर बाटा गया। जिसकी व्यवस्था ओम खर्ब, हैप्पी मैहता, वरुण वधावन, मोनू गाँधी, शक्ति ठकराल, दीपक रोहिल्ला, रोहन, प्रणव, अंकुश के द्वारा की गई। कार्यक्रम की अध्यक्ष कर्नल सतीश ओबरॉय तथा संरक्षक हरिकिशन लाम्बा ने शाँति पाठ के साथ कार्यक्रम का समापन किया।

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