महाराष्ट्र : शिवसेना-बीजेपी में पक रही ये कैसी सियासी खिचड़ी

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– कांग्रेस-एनसीपी का साथ छोड़ फिर बीजेपी के साथ जाएगी शिवसेना? 
मुंबई। महाराष्ट्र में इन दिनों सत्ता परिवर्तन को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। हाल ही में खबर आई थी कि शिवसेना सांसद संजय राउत और भारतीय जनता पार्टी के विधायक आशीष शेलार के बीच भी एक सीक्रेट मीटिंग हुई है। इससे पहले भी सत्ताधारी शिवसेना और विपक्षी बीजेपी के कई नेताओं के बीच हुई गुप्त बैठकें हुई हैं। इन बैठकों ने महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन की अटकलों को हवा दी।

उद्धव ठाकरे ने ऐसी किसी भी संभावना से इनकार किया

हालांकि, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ऐसी किसी भी संभावना से इनकार किया। उन्होंने कहा कि मैं अभी भी अजित पवार और बालासाहेब थोराट के साथ बैठा हूं। मैं कहीं नहीं जा रहा। शिवसेना-भाजपा के एक साथ आने की अटकलों पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह जवाब दिया है। सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया जा रहा है। इसे काला दिवस कहा जा रहा है, लेकिन क्या केंद्र लोकतंत्र को सफेद करता है जब वे दबाव बनाने की कोशिश में जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करते हैं।

महा विकास अघाड़ी सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा

आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पहले प्रदेश कांग्रेस चीफ ने कहा कि आगे से उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी और उसके बाद रविवार को देवेंद्र फडणवीस ने भी यह बयान दिया कि शिवसेना बीजेपी की दुश्मन नहीं है। इसके बाद से ही एक बार फिर से अटकलें शुरू हो गई थीं कि दोनों पूर्व सहयोगी पार्टियां एक बार फिर से साथ आ सकती हैं।इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ उनकी हालिया बैठक और भाजपा और शिवसेना के फिर से एक साथ आने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा था कि राजनीति में कोई ‘किंतु परंतु’ नहीं होता है। परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लिए जाते हैं।

भाजपा और शिवसेना दुश्मन नहीं हैं

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि भाजपा और शिवसेना दुश्मन नहीं हैं, हालांकि मतभेद हैं। स्थिति के अनुसार उचित निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि हमारे दोस्त (शिवसेना) ने हमारे साथ 2019 का विधानसभा चुनाव लड़ा। लेकिन चुनाव के बाद उन्होंने (शिवसेना) उन्हीं लोगों (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस) से हाथ मिला लिया जिनके खिलाफ हमने चुनाव लड़ा था।