Aaj Samaj (आज समाज), Maharashtra Political Crisis, मुंबई: महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट के बीच शरद पवार और अजित पवार गुट की बैठकों का दौर जारी है। बुधवार यानी पिछले कल दोनों गुटों ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायकों और सांसदों की मुंबई में बैठक बुलाकर शक्ति प्रदर्शन किया।
अजित पवार की बैठक में 53 में से एनसीपी के 35 विधायकों और पांच एमएलसी के शामिल होने का दावा किया गया। यह भी बताया गया है कि अजित पवार गुट 42 से अधिक विधायकों के समर्थन का दावा कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक अजित ने स्वयं अपने साथ 40 से ज्यादा विधायक होने का दावा किया है। दूसरी तरफ आज दिल्ली में आज एनसीपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक है और इसमें शरद पवार पार्टी नेताओं को जुटाने की कोािशश करेंगे।
- शरद पवार व अजित पवार गुट ने किया शक्ति प्रदर्शन
- पवार 80 के पार, उन्हें रिटायर होना चाहिए : अजित
- 9 विधायक आयोग्य घोषित किए जाएं : शरद गुट
अजित पवार को मुझसे बात करनी चाहिए थी : शरद
शरद पवार गुट की बैठक में 14 विधायक और दो एमएलसी पहुंचे। चार सांसद भी उनके गुट की बैठक में मौजूद रहे। शरद पवार ने बैठक में कहा, जो शिवसेना के साथ हुआ, वही एनसीपी के साथ हुआ है। अजित पवार के मन में कुछ था तो मुझसे बात करनी चाहिए थी। एनसीपी प्रमुख ने यह भी कहा कि सहमति नहीं हो तो बातचीत से हल निकालना चाहिए। गलती सुधारना हमारा काम है। आपने (अजित) गलती की है तो सजा भुगतने तैयार रहें।
मैं चुप बैठा तो लोग समझेंगे, मुझमें ही खोट है : अजित
अजित पवार ने अपने गुट की बैठक के दौरान कहा, मैं आज जो भी हूं पवार साहब की वजह से ही हूं। अगर मैं चुप बैठा तो लोग समझेंगे, मुझमें ही खोट है। उन्होंने कहा, शरद पवार हमारे देवता हैं और हम उनका आशीर्वाद चाहते हैं। शरद पवार की उम्र पर सवाल उठाते हुए अजित ने यह भी कहा कि बीजेपी में नेता 75 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं और आपकी (शरद पवार) की उम्र 80 के पार हो गई है, आप रिटायर क्यों नहीं हो जाते।
आगामी मानसून सत्र में स्थिति साफ होने की उम्मीद : स्पीकर
महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा है कि अभी किसी भी पक्ष ने दावा नहीं किया है कि पार्टी का विभाजन हुआ है। उम्मीद है कि आगामी मानसून सत्र में इस बारे में स्थिति साफ हो जाएगी कि विधानसभा में पार्टी का मुख्य सचेतक कौन होगा। उधर शरद गुट के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने अजित पवार समेत 9 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की है।
अजित ने एनसीसी और उसके चुनाव चिन्ह पर ठोका दावा
अजित पवार ने इस बीच चुनाव आयोग में एनसीसी और उसके चुनाव चिन्ह घड़ी पर अपना दावा ठोक दिया है। इस संबंध में उन्होंने चुनाव आयोग को पत्र भेजा है। शरद पवार ने इस बीच कहा कि पार्टी का चुनाव चिह्न हमारे पास है, वह कहीं नहीं जाएगा। जो लोग और पार्टी कार्यकर्ता हमें सत्ता में लाए, वे हमारे साथ हैं। हम पार्टी का सिंबल किसी को नहीं लेने देंगे। अजित पवार खोटा सिक्का निकला।जिन विधायकों ने अलग होने का फैसला किया, उन्होंने हमें विश्वास में नहीं लिया।
दल-बदल कानून की दोनों शर्तों में अजित का पलड़ा भारी
बता दें कि दल-बदल कानून की दो शर्तें हैं। इसके अनुसार जिस दल को नेता छोड़ रहा है, उसका दूसरे दल में विलय हो जाए। दूसरी शर्त यह कि दो तिहाई विधायक सहमत हों। दोनों स्थितियां अजित के पक्ष में हैं। अजित पवार का दावा है कि उन्हें राज्य विधानसभा में एनसीसी के कुल 53 विधायकों में से 40 से अधिक का समर्थन प्राप्त है। दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों से बचने के लिए अजित के पास 36 से अधिक विधायक होने चाहिए। 36 से कम विधायक साथ रहे तो निलंबन तय है।
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