Aaj Samaj (आज समाज), Maharashtra Political Crisis, नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के विधायकों की अयोग्यता के मामले में प्रदेश विधानसभा स्पीकर को 31 दिसंबर तक फैसला लेने का स्पष्ट निर्देश दिया है। सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, हम नहीं चाहते कि मामला अगले चुनाव तक लटका रहे। शीर्ष अदालत ने कहा, यदि स्पीकर सुनवाई नहीं कर सकते तो हम करेंगे। जजों ने कहा, हमने बार-बार स्पीकर से फैसला लेने को कहा है। बता दें कि राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके गुट के 33 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
एनसीपी मामले में 31 जनवरी तक फैसला करने का निर्देश
एनसीपी के मामले में 31 जनवरी तक फैसला करने का निर्देश दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि ऐसा लगता है कि अयोग्यता याचिकाओं को निष्प्रभावी बनाने की कोशिश की जा रही है। उद्धव ठाकरे गुट और शरद पवार गुट की तरफ से याचिकाएं दायर की गई हैं। 31 दिसंबर से पहले सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर फैसले के लिए विधानसभा स्पीकर के लिए 18 सितंबर तक की समयसीमा तय की थी। लेकिन इसका निपटारा नहीं होने पर अब एक बार फिर से कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया है।
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर का यह प्रस्ताव कि वह 29 फरवरी, 2024 तक अयोग्यता याचिकाओं पर कार्यवाही समाप्त कर सकते हैं, शीर्ष अदालत ने अस्वीकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अयोग्यता याचिकाओं में देरी के लिए प्रक्रियात्मक उलझनों की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
पीठ ने यह भी कहा, हम चिंतित हैं कि दसवीं अनुसूची की पवित्रता बरकरार रहनी चाहिए। अन्यथा, हम इन प्रावधानों को हवा में फेंक रहे हैं।बता दें कि दसवीं अनुसूची राजनीतिक दलबदल को रोकने के लिए बनाई गई है। पीठ ने कहा, प्रक्रियात्मक उलझनों के कारण याचिकाओं में देरी नहीं होनी चाहिए. हम निर्देश देते हैं कि कार्यवाही 31 दिसंबर, 2023 तक समाप्त की जाएगी और निर्देश पारित किए जाएंगे।
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