Maharashtra Sindhudurg News, (आज समाज), मुंबई: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मामले में पुलिस ने मूर्ति बनाने वाले जयदीप आप्टे को गिरफ्तार कर लिया है। वह 35 फीट ऊंची मूर्ति गिरने की घटना के बाद से फरार था। 26 अगस्त को मूर्ति गिर गई थी। पुलिस ने जयदीप आप्टे बुधवार देर रात गिरफ्तार किया। उसे ठाणे से सिंधुदुर्ग ले जाया गया है, जहां कोर्ट में पेश किया जाएगा। बता दें कि पीएम मोदी ने सिंधुदुर्ग के राजकोट किले में 4 दिसंबर 2023 को शिवाजी की प्रतिमा का उद्घाटन किया था। 9 महीने से भी कम समय में 26 अगस्त को यह प्रतिमा गिर गई।
- शिवसेना (यूबीटी) ने उठाए सवाल
चेतन पाटिल को 30 अगस्त को गिरफ्तार किया गया
मालवण पुलिस ने जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट-ठेकेदार चेतन पाटिल के खिलाफ 26 अगस्त को केस दर्ज किया था। चेतन पाटिल को 30 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया गया था। आप्टे और पाटिल कोल्हापुर के रहने वाले हैं और दोनों को वहीं से गिरफ्तार किया गया है। आप्टे की गिरफ्तारी को लेकर शिवसेना (यूबीटी) ने पुलिस की कार्यवाही पर सवाल उठाए हैं। पार्टी के नेता सुषमा अंधारे ने कहा, गिरफ्तारी का क्रेडिट सरकार को नहीं लेना चाहिए। वह कोई अंडरवर्ल्ड डॉन नहीं था। उन्होंने सवाल उठाया कि गिरफ्तारी में इतने दिन क्यों लगे? उसकी गिरफ्तारी पहले ही हो जानी चाहिए थी।
विपक्ष को अब मुंह बंद करना चाहिए : बीजेपी
बीजेपी के नेता प्रवीण दारेकर ने कहा, विपक्ष को अब मुंह बंद कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा, पुलिस ने समय जरूर लगाया, पर काम करके दिखाया। दरअसल, शिवसेना (यूबीटी) ने पहले आरोप लगाया था कि जयदीप आप्टे मुख्यमंत्री शिंदे के बेटे का दोस्त है, इसलिए सरकार उसे बचाने की कोशिश कर रही है।
पुलिस व वकील के अलग-अलग दावे
जयदीप आप्टे की गिरफ्तारी को लेकर उसके वकील और पुलिस के अलग-अलग दावे हैं। पुलिस ने बताया कि उन्हें आप्टे के कल्याण स्थित अपने घर पर आने की खबर मिली थी। वह मास्क पहनकर परिवार से मिलने के लिए आया था, ताकि उसे कोई पहचान न सके। हालांकि, पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। वहीं जयदीप आप्टे के वकील गणेश सोवानी ने दावा किया कि आप्टे ने सरेंडर किया है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी से पहले जमानत लेने के बजाय आप्टे ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने का फैसला लिया है। वह कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए कल्याण आया था।