Maharashtra Govt: नई सरकार के गठन के बाद महा विकास आघाड़ी में ‘खेला’ के आसार

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Maharashtra Govt: नई सरकार के गठन के बाद महा विकास आघाड़ी में 'खेला' के आसार
Maharashtra Govt: नई सरकार के गठन के बाद महा विकास आघाड़ी में 'खेला' के आसार
  • विपक्ष के विधायक दलबदल को तैयार
Maharashtra Govt News, अजीत मेंदोला, (आज समाज), नई दिल्ली: महाराष्ट्र में 5 दिसंबर को बीजेपी की अगुवाई में नई सरकार का गठन होने के बाद महा विकास आघाड़ी में और खेला हो सकता है। सूत्रों की माने तो कांग्रेस, यूबीटी और शरद पंवार की पार्टी के जीते हुए विधायकों में करारी हार के बाद बड़ी बेचैनी है। कोई कहीं भी जा सकता है। अधिकांश की नजरें बीजेपी की तरफ है।जहां तक बीजेपी का सवाल है तो यह तय हो गया है कि 5 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह हो जाएगा।लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी सस्पेंस बरकरार है।
सूत्र बताते है कि नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर बीजेपी आलाकमान चौंका भी सकता है।कई नाम चर्चा में है।हालांकि संघ की तरफ से देवेंद्र फडणवीस के नाम को हरी झंडी दे दी गई है। अधिक संभावना यही है कि फडणवीस के नाम पर ही आखिर में मोहर लग जाएगी।लेकिन असल पता 3 दिसंबर को होने वाली विधायकों की बैठक में पता चलेगा।केंद्रीय गृहमंत्री 2 दिसंबर को महाराष्ट्र बीजेपी की कोर कमेटी के साथ बैठक करेंगे और 3 को विधायकों की बैठक में शामिल भी होंगे जिसमें मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की जाएगी।
इसके बाद शपथ ग्रहण समारोह 5 को तय माना जा रहा है। मोटे तौर पर आलाकमान ने महाराष्ट्र को लेकर पूरा खाका तैयार कर लिया है।दो उप मुख्यमंत्री होंगे। एनसीपी की तरफ से अजीत पंवार और शिवसेना की तरफ से एकनाथ शिंदे हो सकते हैं।अगर वह तैयार नहीं होते हैं तो फिर देखना होगा किसे मौका मिलता है।बीजेपी आलाकमान ने शिंदे को सब कुछ स्पष्ट कर दिया है।जानकारों का मानना है कि शिंदे के पास कोई दूसरा विकल्प है नहीं।बीजेपी के साथ ही उन्हें रहना होगा।
महाराष्ट्र में बीजेपी भले ही अपने दम पर बहुमत से का कुछ सीट कम रह गई हों,लेकिन उनके पास  व्यवस्था पूरी है।पहले अजीत पंवार की एनसीपी एक दम साथ खड़ी है। शिंदे की शिवसेना में 10 से 12 विधायक बीजेपी समर्थक ही हैं।सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि कांग्रेस और पंवार की एनसीपी से भी कई विधायक जाने को तैयार हैं।इन हालात में शिंदे साथ ही रहेंगे।
महाराष्ट्र के चुनाव परिणामों ने शरद पंवार,कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के सामने पार्टी को बचाने का संकट खड़ा कर दिया है।क्योंकि तीनों दलों की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि प्रतिपक्ष का नेता पद भी नहीं मिलेगा।जो स्थिति बन गई उनमें जीते हुए विधायक भी अपनी भविष्य की राजनीति को लेकर चिन्तित है।शरद पंवार की पार्टी के दस विधायक आने वाले दिनों में कहीं भी जा सकते हैं। यही स्थिति कांग्रेस के विधायकों की है।बीजेपी की अगुवाई में 5 दिसंबर को सरकार का गठन होने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में अभी और खेला होने के आसार हैं।