नई दिल्ली। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद राजनीतिक परिस्थतियां बदल गर्इं थीं। भाजपा-शिवसेना जिन्होंने साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़े थे वह मुख्यमंत्री पद को लेकर एक दूसरे से अलग हो गए। हालांकि किसी भी पार्टी के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं था। महाराष्ट्र में गठबंधन की ही सरकार संभव थी हालांकि महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा-शिवसेना गठबंधन को बहुमत दिया था लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों पार्टियों में दरार पड़ गई और दोनों की तीस साल की दोस्ती समाप्त हो गई। तमाम राजनीतिक ड्रामों के बाद अब महाराष्टÑ में विधानसभा का विशेष सत्र बुधवार को शुरू हो गया है। प्रोटेम स्पीकर कालीदास कोलांबकर ने विधायकों को सपथ दिला रहे हैं। बता दें महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सीटें हैं। इसके पहले भाजपा ने एनसीपी के अजित पवार के साथ मिलकर महाराष्टÑ में सरकार बना ली थी देवेंद्र फड़णवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की सपथ ली थी लेकिन कल बदलती राजनीतिक परिस्थतियों में देवेंद्र फड़णवीस ने इस्तीफा दे दिया।
अब महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए नामित नेता उद्धव ठाकरे 28 नवंबर को पद की शपथ लेंगे। इससे पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने तीनों दलों की संयुक्त बैठक में घोषणा की थी कि नयी सरकार का शपथ ग्रहण समारोह एक दिसंबर को होगा, लेकिन उद्धव के राज्यपाल से मिलने के बाद कार्यक्रम में बदलाव किया गया। विधानसभा पहुंचे अजित पवार ने कहा कि मैं पार्टी से नाराज नहीं हूं। मंत्री पद पर अजित पवार ने कहा कि पार्टी जो भी पार्टी निर्णय लेगी वो मुझे मंजूर होगासुप्रिया सुले ने अजित पवार को गले लगाकर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि दादा बधाई हो यह दिन अप ने साथ बड़ी जिम्मेदारी भी लाया है। वहीं अजित पवार ने भी मीडिया से बातें करते हुए कहा कि वह एनसीपी में थे, एनसीपी में हैं और एनसीपी में ही रहेंगे।