Maharashtra Arrest: शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के मामले में ठेकेदार चेतन पाटिल गिरफ्तार

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Maharashtra Arrest शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के मामले में ठेकेदार चेतन पाटिल गिरफ्तार
Maharashtra Arrest : शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के मामले में ठेकेदार चेतन पाटिल गिरफ्तार

Shivaji Maharaj Statue Fall In Kolhapur,(आज समाज), मुंबई: महाराष्ट्र पुलिस ने छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के मामले में ठेकेदार को गिरफ्तार किया है। 26 अगस्त को राज्य के कोल्हापुर में शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा गिरने का मामला सामने आया था। मामले में सिंधुदुर्ग पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें ठाणे के मूर्तिकार जयदीप आप्टे का नाम भी शामिल था।

नौसेना पर प्रतिमा का ऊंचाई बढ़ाने के आरोप

सिंधुदुर्ग पुलिस ने स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट व ठेकेदार चेतन पाटिल को कोल्हापुर में उसके रिश्तेदार के घर से अरेस्ट बीती रात अरेस्ट किया। उसे आज सिंधुदुर्ग लाया जाएगा। चेतन ने पहले दावा किया था कि वह प्रोजेक्ट का स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट नहीं था। इधर, महाराष्ट्र कला निदेशालय के डायरेक्टर राजीव मिश्रा ने कहा, हमने शिवाजी महाराज की प्रतिमा के केवल 6 फीट ऊंचाई के लिए अनुमति दी थी, लेकिन नौसेना ने बिना बताए इसकी ऊंचाई 35 फीट कर दी।

निदेशालय को नहीं बताया कि मूर्ति 35 फीट ऊंची होगी

राजीव मिश्रा ने कहा कि ठाणे के मूर्तिकार जयदीप आप्टे ने मिट्टी का मॉडल दिखाया था। उन्होंने यह भी कि मंजूरी मिलने के बाद नौसेना ने निदेशालय को यह नहीं बताया कि मूर्ति 35 फीट ऊंची होगी। न ही यह बताया गया कि इसमें स्टील की प्लेटों का इस्तेमाल किया जाएगा। स्टेट पीडब्ल्यूडी ने नौसेना को 2.44 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए थे।

नौसेना ने मूर्तिकार और सलाहकार नियुक्त किए व डिजाइन फाइनल होने के बाद इसे निदेशालय को मंजूरी के लिए भेजा गया। बाद में ऊंचाई बढ़ा ली होगी। राजीव मिश्रा ने कहा, अब से कलाकारों और मूर्तिकारों को प्रतिमा स्थापित होने के बाद निदेशालय से अंतिम मंजूरी लेने के लिए कहा जाना चाहिए, न कि केवल मिट्टी के मॉडल के आधार पर। मंजूरी के लिए यह एक शर्त होनी चाहिए।

एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में प्रोफेसर भी रहे चेतन पाटिल

चेतन पाटिल 2010 से कोल्हापुर के एक एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में प्रोफेसर भी रहे। जब शिवाजी महाराज की प्रतिमा लगाई गई थी तब चेतन पाटिल स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट थे। उन्होंने 2 दिन पहले एक मराठी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि प्रतिमा के निर्माण से मेरा कोई लेना-देना नहीं हैं। मैंने मूर्ति के लिए केवल प्लेटफॉर्म का डिजाइन तैयार किया था। मूर्ति का काम पुणे की कंपनी को दिया गया था।