Maharashtra and Jharkhand Election News | अजीत मेंदोला | नई दिल्ली । महाराष्ट्र और झारखंड के शनिवार को आने वाले चुनावी परिणाम बीजेपी और कांग्रेस के साथ देश की राजनीति के लिए भी खासे महत्वपूर्ण होने वाले हैं। जो भी गठबंधन जीतेगा वह राजनीतिक रूप से और ताकतवर होगा। खासतौर पर कांग्रेस के लिए यह चुनाव मरण जीवन का प्रश्न बन चुके है। कांग्रेस महाराष्ट्र जैसे राज्य की हार सहन करने की स्थिति में नहीं है।
हारे तो कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के लिए मुश्किलें खड़ी होंगी। वहीं बीजेपी अगर किन्हीं कारणों से महाराष्ट्र में सरकार रिपीट कराने से चूक जाती है तो फिर विपक्ष और ताकतवर हो राजग सरकार को आसानी से कार्यकाल पूरा नहीं करने देगा। हालांकि अभी तक एक्जिट पोल और जो रिपोर्ट आ रही हैं उनमें बीजेपी अपने सहयोगियों के साथ सरकार रिपीट करती दिख रही है।
असल पता शनिवार दोपहर तक चल जाएगा कि देश की राजनीति किस दिशा की ओर जाने वाली है। बीजेपी जीती तो कांग्रेस पर सबसे ज्यादा संकट आने वाला है। कर्नाटक, हिमाचल और तेलंगाना जैसे राज्यों में चल रही कांग्रेस की सरकारों पर सबसे ज्यादा संकट होगा।
इसके बाद अगले साल होने वाले कुछ राज्यों के चुनाव में पार्टी के लिए वजूद बचाने की चुनौती होगी। कांग्रेस यूं भी बहुत अच्छी स्थिति में नहीं है। झारखंड के चुनाव परिणाम भी बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए अहम हैं। लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर झारखंड का इतना प्रभाव नहीं होगा जितना महाराष्ट्र का होगा।
क्योंकि महाराष्ट्र में लड़ाई असली नकली की भी है। दिग्गज नेता महाराष्ट्र की राजनीति से जुड़े हुए हैं। शरद पंवार जैसे अनुभवी नेता का भी सब कुछ दांव पर लगा है। महाविकास आघाड़ी नहीं जीता तो पंवार की राजनीति संकट में आ सकती है। पंवार अपनी बेटी सुप्रिया सुले के भविष्य को लेकर पहले ही चिन्तित है।
हारने से चिंता और बढ़ जाएगी। हार से परिवार में खाई और बढ़ेगी। उनके भतीजे अजीत पंवार की पार्टी को ही फिर असली एनसीपी मान लिया जाएगा। कार्यकर्ताओं में भगदड़ मचेगी। इसी तरह उद्धव ठाकरे की भी भविष्य की राजनीति आज आने वाले चुनावी परिणाम से ही तय होगी।
क्योंकि ठाकरे ने कांग्रेस से सीट बंटवारे में काफी सौदे बाजी की थी। जीत का भरोसा दिलवाया था। परिणाम बताएंगे कि ठाकरे कितने सही थे और कितने गलत। ठाकरे भी अपने बेटे को राजनीति में स्थापित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मतलब विपक्ष की तरफ से राहुल गांधी, उद्धव ठाकरे, शरद पंवार के लिए चुनाव परिणाम बहुत अहम होने वाले हैं।
हारे तो बड़ा झटका लगेगा। उसी तरह बीजेपी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, संघ, देवेंद्र फडणवीस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अजीत पंवार जैसे नेताओं के लिए हार आगे की राजनीति को गड़बड़ा सकती है। इससे अलग एक अनुमान यह भी है कि परिणामों के बाद 2019 की तरह दल बदल भी हो सकता है।
तब उद्धव ठाकरे बीजेपी के साथ मिल चुनाव जीते, लेकिन परिणामों के बाद सीएम की कुर्सी के लिए कांग्रेस के साथ चले गए थे। इस बार भी कई तरह की कयासबाजी चल रही है।
त्रिशंकु विधानसभा आने पर तो निर्दलीयों के साथ रीजनल पार्टियों की आस्था बदल सकती है। ऐसा होने पर कांग्रेस और बीजेपी जैसे राष्ट्रीय दलों को हार का अभिशाप नहीं झेलना होगा।
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