- एक भारत श्रेष्ठ भारत की अवधारणा को साकार करता है नाटक अपराजेय महाराणा प्रताप
- वर्ष 2022 में चित्तौडग़ढ़ से चंडीगढ़ को जोडऩे की सांस्कृतिक यात्रा का प्रयास है यह नाट्य मंचन
- इतिहास का दर्शन कराता है नाटक अपराजेय महाराणा प्रताप
प्रभजीत सिंह लक्की, यमुनानगर :
कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग, हरियाणा के सहयोग से शुरूआत समिति के माध्यम से डी ए वी गल्र्स कालेज के सभागार में नाटक अपराजेय महाराणा प्रताप का मंचन शनिवार को किया गया। नेशनल स्कूल ड्रामा की पहल पर विद्युत विभाग हरियाणा के सानिध्य में शुरूआत समिति के माध्यम से बहुआयामी कार्यशाला में तैयार नाटक अपराजेय महाराणा प्रताप में वन, शिक्षा, पर्यटन मंत्री कंवर पाल ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।
चित्तौडग़ढ़ से चंडीगढ़ को जोडऩे की सांस्कृतिक यात्रा का प्रयास
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कंवर पाल ने कहा है मातृभूमि के लिए महाराणा प्रताप कुर्बानी के प्रतीक हैं। महाराणा प्रताप मातृभूमि की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान के प्रतीक हैं महाराणा प्रताप। रणनीतिक कौश, जन प्रशिक्षण से मुगल सेना को चुनौती देने में महाराणा प्रताप जैसा दूसरा कोई इतिहास में योद्धा नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अपराजेय महाराणा प्रताप नाटक का मंचन एक भारत श्रेष्ठ भारत की अवधारणा को साकार करता है। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि यह मंचन 2022 में चित्तौडग़ढ़ से चंडीगढ़ को जोडऩे की सांस्कृतिक यात्रा का एक प्रयास है। उन्होंने नाटक पार्टी को अपने स्वेच्छिक कोष से 51 हजार रुपये दिए।
नाट्य मंचन के उपरांत कलाकारों का हौसला आफजाई करते हुए प्रख्यात साहित्यकार एवं रंगकर्मी बी.डी. कपूर ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रमों की श्रृंखला में इस नाटक का मंचन इतिहास दर्शन का अवसर है। इस नाटक से विद्यार्थी समाज अपने इतिहास से दर्शन करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. मीनू जैन प्राचार्य डी ए वी गल्र्स कालेज ने किया। हरियाणा की प्रख्यात शिक्षाविद् डा. सुषमा आर्या एवं के एन कपूर विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत किये। आज की इस प्रस्तुति में संस्कृति विभाग के प्रधान सचिव डी सुरेश एवं निदेशक महावीर कौशिक का विशेष सानिध्य प्राप्त रहा। आयोजन में कार्यक्रम अधिकारी तान्या चौहान का विशेष योगदान रहा।
महाराणा प्रताप के जीवन की मार्मिक गाथा
नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा की पहल पर 2 मार्च से 31 मार्च, 2022 तक नाट्य कार्यशाला का आयोजन शुरूआत समिति के माध्यम से बिजली विभाग के सानिध्य में एसडीपीजी कालेज, पानीपत के परिसर में किया गया। हरियाणा के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अवधारणा अन्त्योदय उत्थान वर्ष 2022 को साकार करते हुए वंचित परिवारों के 50 विद्यार्थियों के समूह से ऐसी कार्यशाला आयोजित हुई जिसमें साधारण से दिखने वाले विद्यार्थियों ने अभिनय के माध्यम से इतिहास प्रस्तुति का जीवंत मंचन प्रस्तुत किया। जीवंत प्रस्तुति के लिए प्रख्यात कवि श्यामनारायण पाण्डेय की अमर रचना हल्दी घाटी को आधार बनाया गया। स्वाधीनता, मातृभूमि से प्रेम, अपने देश की रक्षा, महाराणा प्रताप के जीवन की मार्मिक गाथा की यह कृति भारतीय इतिहास की ऐसी प्रस्तुति है, जो नई पीढ़ी में देश प्रेम की भावना को जागृत करती है।
कुल 40 कलाकारों की मुख्य भूमिका रही
नाटक का निर्देशन प्रख्यात रंगकर्मी लोकेन्द्र त्रिवेदी ने किया है, सहनिर्देशन सतेन्द्र मलिक, कोरियोग्राफी सुरेश सेती, संगीत परिकल्पना देवेन्द्र और गगन की है। नाटक का संवाद सतीश दवे ने लिखा है। कार्यशाला के समन्वय संस्कृतिकर्मी राजीव रंजन ने किया है। प्रस्तुति परक कार्यशाला का समापन 31 मार्च को किया गया। इस कार्यशाला के दौरान पीके दास ने निरंतर रचनात्मक प्रेरणा प्रदान की। नाटक अपराजेय महाराणा प्रताप नाटक में पूजा, सागर, यश, ज्योति, खशबू, वंदना, तनीशा, खुशी, संगीता, सोमनाथ, सनम, रोहित, राहुल, अंकित, हर्ष, अनु, तालीम, नेहा, सोनिया, सुमन सहित कुल 40 कलाकारों की मुख्य भूमिका रही। वही नाटक का निर्देशन रीता राय, प्रकाश व्यवस्था मनीश, संगीत परिकल्पना विकल्प रंजन, राहुल व सागर के द्वारा संयोजित किया गया। कार्यक्रम के संयोजन में रमेश, राकेश शिक्षक आईटीआई का विशेष योगदान रहा।
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