Maharaj Shri Das Mohit Kaushi : आत्मा और परमात्मा का मिलन है महारास :- दास मोहित कौशिक

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रुक्मणि व भगवान कृष्ण के विवाह की झांकी प्रस्तुत करते
रुक्मणि व भगवान कृष्ण के विवाह की झांकी प्रस्तुत करते

Aaj Samaj (आज समाज),Maharaj Shri Das Mohit Kaushi, नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़ : अगिहार में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के षष्ठम दिवस में रुक्मणि व भगवान कृष्ण का विवाह हुआ । खेड़ी तलवाना से पहुंचे महाराज श्री दास मोहित कौशिक जी ने कथा कर्म में आगे बढ़ते हुए बताया कि भगवान के द्वारा यज्ञ पत्नियों पर कृपा की गई और भगवान शरद पूर्णिमा की रात्रि अपनी बांसुरी का निनाद किया जिसमे सभी गोपियां अपने कार्य को छोड़कर भगवान के पास दौड़ी चली आई । उसके बाद प्रारंभ हुआ महारास, आत्मा और परमात्मा का मिलन ही महारास है। महाराज श्री ने बताया कि जो गोपियां

भगवान के साथ नृत्य कर रहीं थीं वो स्त्री नहीं वो हमारे मंत्र है और वो साधु संत हैं जो आज गोपी का रूप लिए है। इसके बाद भगवान द्वारा कंस वध, रणछोड़ना, द्वारिका आगमन । द्वारिका आने के बाद भीष्मक राजा की पुत्री रुक्मणि से साथ भगवान का विवाह हुआ । इस दौरान धूम-धाम से विवाह महोत्सव मनाया गया, जिसमें बढ़ चढ़कर भक्तो में हिस्सा लिया। आज महाराज जी ने कलयुग में दहेज रूपी अग्नि जो प्रज्वलित है उसको लेकर भी बताया कि आज की कन्याओं को दहेज ने सता रखा है। उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं से दहेज प्रथा को बंद करने का आह्वान किया।
इस मौके पर मंदिर कमेटी प्रधान रामनिवास, धर्म सिंह, साहिल शर्मा, शिव कुमार कौशिक, मुकेश फौजी, युधिष्ठिर, मूल सिंह प्रधान, बिट्टू पुजारी, सतबीर, कृपाल, रिंकू तंवर, किरोड़ी शर्मा, विजय पंडित चिड़िया, कृष्ण एसटीडी सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। यह कथा श्री बड़े गोपाल सेवा संस्थान खेड़ी के तत्वाधान में की जा रही । जिसके सहयोगी समस्त अगिहार के ग्रामवासी हैं।

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