Kaithal News : महापुरुषों के मान सम्मान के लिए 18 अक्तूबर को कैथल में होगा महांकुभ

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कलायत में बृहस्पतिवार को सम्राट मिहिर भोज प्रकरण को लेकर लगातार चल रहे धरना प्रदर्शन में रोष प्रकट करते राजपूत समाज के लोग ।
कलायत में बृहस्पतिवार को सम्राट मिहिर भोज प्रकरण को लेकर लगातार चल रहे धरना प्रदर्शन में रोष प्रकट करते राजपूत समाज के लोग ।
  • महाकुंभ में देश के अलग-अलग राज्यों से लाखों राजपूत समाज के लोग होंगे एकत्रित

Aaj Samaj (आज समाज),Kaithal News , मनोज वर्मा,कैथल: राजपूत समाज द्वारा कलायत में सम्राट मिहिर भोज प्रकरण को लेकर लगातार चल रहा धरना प्रदर्शन 47 वें दिन भी जारी रहा। वीर चक्र कर्नल देविंद्र की अध्यक्षता में धरना प्रदर्शन में शामिल सदस्यों अशोक ठाकुर थंबड़, सलिंद्र प्रताप राणा, विनोद राणा, गुरदीप बिजणा, सुगमपाल, जंगशेर राणा, रविंद्र, रामपाल राणा, प्रदीप ठेकेदार, डा. संदीप राणा, मुकेश खजूरी, राकेश बंगाली ने कहा कि कोई ऐसी पार्टी नहीं है जिसने राजपूत समाज के बगैर देश में राज किया हो। पूरे प्रकरण को लेकर सत्ता पक्ष के ओहदेदारों के साथ साथ उन्हें राजपूत समाज के उन जयचंदों से भी आपत्ति है जो सत्ता की मलाई के लिए बिरादरी को भूल चुके हैं।

हमने सत्ता पक्ष के ओहदेदारों के लिए क्या नहीं किया, लेकिन यह सब नेता आज मौन हैं। धरना स्थल पर मौजूद सदस्यों ने कहा कि सरकार को सब पता है कि जिसने हमारे राजपूत समाज की नजर अंदाजी की है वह सत्ता में कभी नहीं रह पाई। गलत जगह रहने से आदमी कभी बड़ा नहीं हो सकता। आज जो लोग बीजेपी पार्टी को छोडक़र आए हैं, उनका हम हमेशा सम्मान करेंगे लेकिन जो लोग बीजेपी को छोडक़र नहीं आए वह जहां भी मिलेंगे हम कोशिश करेंगे कि उनका अपमान करें। एक समय वह था जब महापुरुष हमें बचाने के लिए लड़े और आज भी महापुरुष हमें जगाने के लिए लड़ रहे हैं। कमेटी सदस्यों ने कहा कि बीजेपी सरकार में बैठे कुछ स्वार्थी लोगों द्वारा इतिहास चोरी कर महापुरुषों को जातियों में बांट कर समाज की दो बिरादरियों का भाईचारा खराब कर घटिया राजनीति कर रही है।

महापुरुष सबके होते हैं, उनकी कोई जाति नहीं होती  

कमेटी सदस्यों ने कहा कि भाजपा के स्थानीय विधायक व भाजपा जिला अध्यक्ष द्वारा महापुरुषों के नाम के आगे जाति सूचक शब्द लिखवाकर आपसी भाईचारा तोडऩे का प्रयास किया गया है। राजपूत समाज ने कभी यह नहीं कहा कि सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के आगे राजपूत सम्राट लिखा जाए। उन्होंने तो यह मांग की है कि उनके नाम के आगे हिंदू सम्राट लिखा जाए जो उनकी मांग जायज है। कुछ लोग महापुरुषों के आगे जाति सूचक शब्द लगाकर उन्हें अपमानित करने का कार्य कर रहे हैं। महापुरुष सबके होते हैं। उनकी कोई जाति नहीं होती। जातिगत शब्द लिखकर सम्राट मिहिर भोज मूर्ति अनावरण कर राजपूत समाज के साथ विश्वासघात किया और सरकार द्वारा गलत ढंग से उनका समर्थन किया गया है। उन्होंने कहा कि 18 अक्टूबर को कैथल के हुड्डा ग्राउंड में होने वाले महा कुंभ समागम में अपनी मांगों को लेकर राजपूत समाज एकत्रित होगा जिसमें देश के कोने-कोने से लाखों राजपूत समाज के लोग एकत्रित होंगे जो बीजेपी सरकार की नींव हिलाने का कार्य करेंगे।

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