Mahakumbh Stampede, (आज समाज), नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मंगलवार-बुधवार की दरिम्यानी रात को हुई भगदड़ का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। वकील विशाल तिवारी (Advocate Vishal Tiwari) ने जनहित याचिका दायर कर देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं के सुरक्षा उपाय व दिशा-निर्देश लागू करने के निर्देश देने की मांग की है।

वीआईपी मूवमेंट से आम श्रद्धालु न हों प्रभावित

याचिका में मांग की गई है कि महाकुंभ में श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकास के लिए अधिकतम स्थान उपलब्ध कराया जाए। इसके अलावा वीआईपी मूवमेंट से आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्रभावित न हो या उन्हें कोई खतरा न हो, यह भी सुनिश्चित करने की मांग की गई है।

मामले की शीघ्र सुनवाई की अपील

याचिकाकर्ता ने मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ से मामले की शीघ्र सुनवाई की अपील की है। इस पर सीजेआई ने उन्हें न्यायालय रजिस्ट्री के समक्ष एक आवेदन दायर करने के लिए कहा। याचिका में महाकुंभ में हुई भगदड़ की घटना पर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

चूक, लापरवाही और प्रशासन की विफलता

वकील विशाल तिवारी ने अपनी याचिका में यह भी मांग की है कि लापरवाह आचरण करने वाले आरोपियों व अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए जाएं। उन्होंने कहा है कि भगदड़ सरकारी अधिकारियों की कथित चूक, लापरवाही और प्रशासन की पूरी तरह विफलता के कारण लोगों की विकट स्थिति और नियति को दर्शाती है।

भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत

29 जनवरी की सुबह महाकुंभ के संगम क्षेत्र में मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हो गए। याचिका में सभी राज्यों को प्रयागराज में अपने सुविधा केंद्रों पर तीर्थयात्रियों को सुरक्षा उपायों और दिशा-निर्देर्शों के बारे में बुनियादी जानकारी प्रदान करने के निर्देश देने की भी मांग की गई है।

याचिका में ये भी मांगें

याचिका में कहा गया है कि अन्य भाषाओं में घोषणाएं, दिशा-निर्देश, सड़कें आदि दिखाने वाले डिस्प्ले बोर्ड लगाने की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि दूसरे राज्यों के लोगों को परेशानी न हो और उन्हें आसानी से मदद मिल सके। सभी राज्य सरकारें श्रद्धालुओं द्वारा पालन किए जाने वाले बुनियादी दिशा-निर्देशों और सुरक्षा उपायों के बारे में एसएमएस, व्हाट्सएप संदेश भेजने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मोड संदेशों की भी व्यवस्था करें, ताकि लोगों को आसानी से जानकारी मिल सके। उत्तर प्रदेश सरकार के समन्वय से सभी राज्य सरकारें प्रयागराज महाकुंभ में डॉक्टरों और नर्सों की अपनी छोटी मेडिकल टीम भी तैनात करें, ताकि मेडिकल इमरजेंसी के समय मेडिकल स्टाफ की कमी न हो।

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