Mahakumbh 2025 News: महाकुम्भ के दौरान संगम तट और अन्य घाटों पर आकाश से होगी पुष्प वर्षा

0
128
Mahakumbh 2025: महाकुम्भ के दौरान संगम तट और अन्य घाटों पर आकाश से होगी पुष्प वर्षा
Mahakumbh 2025: महाकुम्भ के दौरान संगम तट और अन्य घाटों पर आकाश से होगी पुष्प वर्षा

Mahakumbh 2025 News, प्रयागराज, अजय त्रिवेदी : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार महाकुम्भ 2025 को यादगार बनाने के लिए संगम तट सहित अन्य घाटों पर पुष्प वर्षा कराएगी।

महाकुम्भ की भव्यता और दिव्यता को आयाम देने के लिए श्रद्धालुओं पर हर बार की तरह इस बार भी आकाश से पुष्प वर्षा किए जाने की योजना पर काम हो रहा है।

महाकुम्भ 2025 में होगी पुष्प वर्षा

गौरतलब है कि योगी सरकार इससे पहले भी कुम्भ, माघ मेला समेत कई धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा करती रही है। इस परम्परा का महाकुम्भ 2025 के दौरान भी पालन किए जाने की योजना है।

प्रयागराज मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने इस संबंध में बताया कि उत्तर प्रदेश में कई धार्मिक आयोजनों के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हेलिकॉप्टर से श्रद्धालुओं, साधु और संतों पर पुष्प वर्षा की जाती रही है। महाकुंभ 2025 में भी इस परंपरा का निर्वहन किया जाएगा। नागा संन्यासियों एवं अन्य साधु संतों के साथ-साथ श्रद्धालुओं पर भी पुष्प वर्षा किए जाने की योजना है।

जल्द कार्ययोजना तैयार होगी 

मंडलायुक्त ने बताया कि सामान्यतः संगम नोज पर पुष्प वर्षा किए जाने की परंपरा रही है, लेकिन इस बार चूंकि और अधिक संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहेंगे तो ऐसे में संगम नोज के साथ-साथ अन्य सभी घाटों पर भी पुष्प वर्षा को लेकर चर्चा चल रही है। जल्द ही इस पर कार्ययोजना तैयार कर ली जाएगी।

बीते कई सालों से कुम्भ के दौरान पवित्र स्नान पर्व हों, या फिर माघ मेला या कांवड़ियों की यात्रा,योगी सरकार पुष्प वर्षा करा रही है। स्वयं सीएम योगी कई बार हेलिकॉप्टर और मंचों के माध्यम से श्रद्धालुओं और कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा करते रहे हैं।

पहले 2019 कुम्भ के दौरान भी मौनी अमावस्या के दिन संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे करोड़ों श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की गई थी। महाकुम्भ 2025 में इस परंपरा को जारी रखते हुए और भी बड़े पैमाने पर इसका आयोजन किए जाने की संभावना है।

Mahakumbh 2025: महाकुंभ में कोरियोग्राफी के जरिए नामी कलाकार दिखाएंगे कुंभ का सफर और गंगा अवतरण