
अजय त्रिवेदी
(Mahakumbh 2025) उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ में उमड़ रही भीड़ से प्रदेश में धार्मिक पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था को पंख लगे हैं। महाकुंभ में पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के स्नान के दिन आयी करोड़ों की भीड़ में अधिकांश ने प्रयागराज के आसपास के धार्मिक स्थलों वाराणसी व अयोध्या का भी रुख किया है।
आने वाले दिनों में प्रयागराज के साथ ही इन स्थालों पर भी धार्मिक पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था के तेजी से फलने फूलने के आसार हैं। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक वैश्विक पर्यटन की इकनॉमी 2032 तक 2.2 अरब डॉलर तक होगी। ताजा रुझानों और करीब 500 ऐसे प्रसिद्ध स्थलों के कारण भारत की इसमें महत्वपूर्ण हिस्सेदारी होगी। इस हिस्से में एक बड़ा योगदान उत्तर प्रदेश का होगा।
उनका कहना है कि भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या, उनके वनवास का सबसे प्रमुख पड़ाव चित्रकूट, मां विंध्येश्वरी धाम, श्रीकृष्ण, राधा और ग्वालबालों की यादें सजोए मथुरा, वृंदावन, बरसाना, नंदगांव, गोवर्धन, तीरथराज प्रयाग, शिव की काशी के कारण धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के लिहाज से उत्तर प्रदेश का बेहद महत्वपूर्ण स्थान है। आंकड़ों के मुताबिक काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के बाद वाराणसी और आस पास के क्षेत्रों में वर्ष 2023 में 10 करोड़ से अधिक पर्यटक/श्रद्धालु आए।
इसी तरह अयोध्या में रामजन्भूमि पर भगवान राम का दिव्य एवं भव्य मंदिर बनने के बाद यहां रोज आने वाले पर्यटको व श्रद्धालुओ की संख्या एक से डेढ़ लाख तक है। यह देश के किसी भी धार्मिक स्थल पर आने वाले पर्यटकों से अधिक है। एक रिपोर्ट के अनुसार पंजाब स्थित सिखों के सबसे पवित्र स्थल स्वर्ण मंदिर में आने वाले रोज के पर्यटक व श्रद्धालु का औसत एक लाख के करीब है।
जम्मू कश्मीर में मां वैष्णो देवी पहुंचने वालों को औसत संख्या 32 से 40 हजार है। प्रवक्ता ने बताया कि नीति आयोग के सुझाव पर योगी सरकार वाराणसी और प्रयागराज को मिलाकर एक नया धार्मिक क्षेत्र विकसित करने जा रही है। इस धार्मिक क्षेत्र में प्रयागराज और वाराणसी के अलावा चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, मीरजापुर, भदोही जिले शामिल होंगे। इस क्षेत्र का आकार 22 हजार वर्ग किलोमीटर से अधिक का होगा। इससे करीब दो करोड़ 38 लाख से अधिक लोगों के जीवन पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
इस परिकल्पना के साकार होने पर उत्तर प्रदेश के धार्मिक पर्यटन को पंख लग जाएंगे। गौरतलब है कि धार्मिक पर्यटन के साथ योगी सरकार का फोकस संबंधित क्षेत्र के बुनियादी विकास पर भी होता है। मसलन अयोध्या और रामसनेही घाट के बीच एक इंडस्ट्रियल सेक्टर बनाने की योजना है। यही काम केंद्र सरकार की मदद से प्रयागराज में भी किया जाना है। इसी क्रम में प्रयागराज और वाराणसी धार्मिक क्षेत्र में भी औद्योगिक क्षेत्र और नॉलेज पार्क बनाने की योजना है।
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