Mahakumbh 2025 : महाकुंभ में बसा कलाग्राम, दिखेगी पूरे देश की कला और संस्कृति की विवधता

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Mahakumbh 2025 : महाकुंभ में बसा कलाग्राम, दिखेगी पूरे देश की कला और संस्कृति की विवधता
Mahakumbh 2025 : महाकुंभ में बसा कलाग्राम, दिखेगी पूरे देश की कला और संस्कृति की विवधता

अजय त्रिवेदी

Mahakumbh 2025 : महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में संगम की रेती पर बसाए गए विशेष सांस्कृतिक गांव कलाग्राम में देश की आध्यत्मिक व सांस्कृतिक विरासत की झलक दिखेगी।

संस्कृति मंत्रालय द्वारा 12 ज्योतिर्लिगों के आकार में तैयार कलाग्राम में भारतीय लोक कला, संस्कृति और परंपराओं को मंच मिलेगा। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत रविवार महाकुंभ मेला क्षेत्र में कलाग्राम का उद्घाटन करेगें। कलाग्राम में विभिन्न राज्यों की लोक कलाएं, हस्तशिल्प, संगीत, नृत्य और प्रदर्शनियां प्रस्तुत की जाएंगी।

देश भर के कोने-कोने से आए कलाकारों, शिल्पकारों एवं कलाविदों एक ही छत के नीचे लाने का प्रयास किया गया

संस्कृति मंत्रालय में संयुक्त सचिव अमिता प्रसाद सारभाई ने बताया कि कलाग्राम में देश भर के कोने-कोने से आए कलाकारों, शिल्पकारों एवं कलाविदों को उनकी असाधारण प्रतिभा एवं चिरकालिक परम्पराओं को प्रदर्शित करने के लिए एक ही छत के नीचे लाने का प्रयास किया गया है, जहां प्रदर्शन, दृश्य एवं साहित्यिक कलाओं के लिए एक ही स्थान पर मंच प्रदान किया गया है।

महाकुम्भ के 45 दिनों में, कलाग्राम, गंगावतरण एवं समुद्र मंथन की कथा का वर्णन करने वाले अनुभव क्षेत्रों, महाकुम्भ के विभिन्न पहलुओं को समाहित करने वाले प्रदर्शनी क्षेत्रों, कारीगरों के कौशल, शास्त्रीय एवं लोक कलाकारों के मंत्रमुग्धकारी प्रदर्शन, सात्विक व्यंजनों की सुगन्ध, एवं यहाँ तक कि विशेष खगोल रात्रि के माध्यम से रात्रि के आकाश का अवलोकन करने के अवसर के माध्यम से एक गहन सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करेगा।

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कलाकारों द्वारा निर्मित दो विशाल पट्टचित्र माँ दुर्गा एवं गणपति की कथा का वर्णन किया गया

यहां बच्चों, युवाओं के लिए सेल्फी पांइट भी बनाया गया है। कलाग्राम मंच, चार धाम को अपनी पृष्ठभूमि के रूप में जीवन्त करता है। इसमें राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कलाकारों द्वारा निर्मित दो विशाल पट्टचित्र माँ दुर्गा एवं गणपति की कथा का वर्णन किया गया है। वही सात क्षेत्रों में हस्तशिल्प की प्रदर्शनी और ब्रिक्री हेतु आकर्षक थीम पर आंगन बनाया गया है, जिसमें उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के आंगन को दक्षेश्वर महादेव मंदिर, हरिद्वार की थीम पर जबकि पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की थीम पुष्कर का ब्रह्मा मंदिर है।

पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की थीम दक्षिणेश्वर काली मंदिर, कोलकाता है और दक्षिण क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र का आदि कुंभेश्वर मंदिर, कुंभकोणम है। वहीं उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र ने कालभैरव मंदिर, उज्जैन की थीम पर आंगन तैयार किया है। कलाग्राम में पूरे भारत की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी, इसके लिए कलाग्राम, गंगा पण्डाल, झूसी, नागावासुकी एवं अरेल में विभिन्न मंचों पर 45 दिनों के लिए 14,632 कलाकार, संगीत नाटक अकादमी, क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रों एवं सीसीआरटी द्वारा आयोजित प्रस्तुतियों में, प्रत्येक दिन पद्म एवं एसएनए पुरस्कार विजेता दिग्गजों से लेकर उदीयमान युवा प्रतिभाओं, लोक नर्तकों की रंगारंग मण्डली, भावपूर्ण शास्त्रीय शैली एवं मनोरंजक सेलिब्रिटी प्रदर्शन, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा मंचित नाट्य प्रदर्शन दर्शकों को मुग्ध करेंगे।

विभिन्न क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों से आए 84 शिल्पकार एवं 14 व्यंजनकार अपने-अपने स्टाल लगाएंगें

सांस्कृतिक महाकुंभ के तहत स्थानीय उत्पादों को बढावा देने के लिए विभिन्न क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों से आए 84 शिल्पकार एवं 14 व्यंजनकार अपने-अपने स्टाल लगाएंगें। महाकुंभ नगर में त्रिवेणी मार्ग पर बने गंगा पंडाल में 31 स्टार कलाकारों का जमावड़ा होगा जो अपने प्रस्तुतियों देंगे। कलाग्रम में मुंबई, मणिपुर, दिल्ली, भुनेश्वर, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पं बंगाल, हैदराबाद, कोलाकाता आदि विभिन्न राज्यों से कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देगें।

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