CBI Raids Bhupesh Baghel Residence, (आज समाज), रायपुर: महादेव सट्टेबाजी ऐप से जुड़े मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के आवास पर सीबीआई ने छापेमारी की है। बता दें कि आठ और नौ अप्रैल को गुजरात के अहमदाबाद में होने वाली एआईसीसी बैठक के लिए गठित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ‘ड्राफ्टिंग कमेटी’ की बैठक के लिए बघेल आज दिल्ली पहुंचने वाले थे।

10 मार्च को ईडी ने दी थी दबिश

भूपेश बघेल के कार्यालय ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, अब सीबीआई आ गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद में होने वाली एआईसीसी की बैठक के लिए गठित “ड्राफ्टिंग कमेटी” की बैठक के लिए आज दिल्ली जाने वाले हैं। उससे पहले ही सीबीआई रायपुर और भिलाई स्थित आवास पर पहुंच गई। बता दें कि इससे पहले 10 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित करोड़ों रुपए के शराब घोटाले की चल रही जांच के सिलसिले में भूपेश बघेल, उनके बेटे चैतन्य बघेल और अन्य के आवास पर छापेमारी की थी।

ईडी को मेरे घर में केवल 3 चीजें मिलीं : बघेल

भूपेश बघेल ने 10 मार्च की छापेमारी को लेकर उस समय कहा था, ईडी को मेरे घर में केवल तीन चीजें मिलीं। मंतूराम और डॉ. पुनीत गुप्ता (डॉ. रमन सिंह के दामाद) के बीच करोड़ों के लेन-देन की बातचीत वाली पेन ड्राइव। डॉ. रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह की सेल कंपनी के कागजात। उन्होंने कहा, पूरे संयुक्त परिवार में खेती, डेयरी, स्त्रीधन और कैश इन हैंड मिलाकर करीब 33 लाख रुपए हैं, जिसका हिसाब उन्हें दिया जाएगा। खास बात यह है कि ईडी के अधिकारी कोई ईसीआईआर नंबर नहीं दे पाए हैं।

बेटे चैतन्य बघेल को तलब किए जाने का खंडन किया

हालांकि, भूपेश बघेल ने ईडी द्वारा उनके बेटे चैतन्य बघेल को तलब किए जाने की खबरों का खंडन करते हुए कहा कि यह नेताओं को बदनाम करने की भाजपा की साजिश है। उन्होंने कहा, कोई नोटिस नहीं मिला है, इसलिए कहीं भी पेश होने का सवाल ही नहीं उठता। नोटिस मिलने पर हम निश्चित रूप से उनके सामने पेश होंगे। पूर्व सीएम ने कहा, ईडी का काम जानबूझकर मीडिया में सनसनी फैलाना है। एजेंसियों का इस्तेमाल दूसरे व्यक्तियों को बदनाम करने के लिए किया जाता है। उन्होंने (बीजेपी) अब तक यही किया है।

ईडी ने ये लगाए हैं आरोप

ईडी ने आरोप लगाया है कि सरकारी अधिकारियों, राजनेताओं और शराब कारोबारियों के एक गिरोह ने एक योजना चलाई, जिसके तहत 2019 से 2022 के बीच राज्य में शराब की बिक्री से अवैध रूप से करीब 2,161 करोड़ रुपए एकत्र किए गए। कथित घोटाले में शराब की आपूर्ति श्रृंखला में हेरफेर शामिल था, जहां एक गिरोह ने सरकारी दुकानों के माध्यम से शराब की बिक्री और वितरण को नियंत्रित किया। एजेंसी ने पहले भी छत्तीसगढ़ में पिछली कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार से जुड़े राजनेताओं और नौकरशाहों सहित कई छापे मारे हैं।

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