अजीत मेंदोला
(Maha Kumbh stampede) नई दिल्ली। प्रयागराज में चल रहे आस्था के महाकुंभ में बुधवार की रात को मची भगदड़ की घटना से पूरा देश दुःखी है।राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू,उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से लेकर पक्ष विपक्ष सब ने दुख जताया।अच्छा होता अगर यह घटना नहीं होती तो पूरी दुनिया में यह कुंभ हमारी साख को और बढ़ा देता।लेकिन घटना के बाद स्थिति को जितनी तेजी से संभाल और सामान्य बनाया गया उसकी तारीफ तो दुनिया को करनी ही होगी। दुनिया के मीडिया ने मृतकों की संख्या को लेकर जो बहस छेड़ी है वह भी हमारे प्रबंधन पर सवाल नहीं उठा सकती है।क्योंकि जिस हिसाब से भीड़ उमड़ी थी,नियंत्रण करना आसान नहीं था।प्रबंधन का ही कमाल है कि मृतकों की संख्या सैकड़ों,हजारों में नहीं हुई।करोड़ों की भीड़ अनियंत्रित हो जाती तो फिर हालात बहुत ही भयावह हो जाते।लेकिन योगी सरकार और उसके प्रबंधन ने जिस तरह स्थिति को संभाला उसकी जितनी तारीफ की जाए कम है।

इतनी बड़ी भीड़ को एकत्रित कर स्नान का आयोजन कैसे कराया जा रहा

विकसित देशों के लिए भी इस तरह का आयोजन पहेली बना हुआ है।देश विदेश के कई शोधकर्ता यही पता लगाने में जुटे हैं कि आखिरकार इतनी बड़ी भीड़ को एकत्रित कर स्नान का आयोजन कैसे कराया जा रहा है।वाकई यह एक पहेली है। डेढ़ साल के भीतर इस तरह की भव्य तैयारी करवा महाकुंभ का आयोजन कराना छोटी मोटी चुनौती नहीं थी।क्योंकि 50 करोड़ से ज्यादा लोगों के मेले में आने का अनुमान लगाया गया है।बुधवार की भीड़ को जोड़ लिया जाए तो 30 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं।अभी फरवरी में कई प्रमुख स्नान होने हैं।सबसे बड़े स्नान मौनी अमावस्या में तो बुधवार को एक दिन में ही दस करोड़ से ज्यादा लोगों का आने का अनुमान था।वही हुआ भी।दस करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच गए।इतनी भीड़ को नियंत्रण करना आसान नहीं था।क्योंकि देश दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रहता।श्रद्धालु अमावस्या के दिन कुंभ में अमृत स्नान का शुभ फल लेना चाहते थे।इसलिए भीड़ का जनसैलाब प्रयागराज पहुंच गया।

आयोजकों ने सूझबूझ से भगदड़ की घटना पर नियंत्रण कर अखाड़ों के स्नान के साथ करोड़ों को लोगों को स्नान करवाया

आयोजकों ने सूझबूझ से भगदड़ की घटना पर नियंत्रण कर अखाड़ों के स्नान के साथ करोड़ों को लोगों को स्नान करवाया।विपक्ष भले ही भगदड़ को लेकर व्यवस्था पर सवाल उठा रहा है,लेकिन उसे यह भी देखना होगा कि भगदड़ की घटना पर जिस तरह तुरंत नियंत्रण कर स्थिति को संभाला गया उसकी सराहना की जानी चाहिए।सरकार का प्रबंधन सजग नहीं होता तो हालात बहुत भयावह होते।मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ओर उनकी टीम ने इससे पहले एक अग्निकांड की घटना को तुरंत नियंत्रित कर जता दिया था प्रबंधन विश्वस्तरीय है। बुधवार को साबित भी कर दिया कि वाकई प्रबंधन विश्वस्तरीय है।भगदड़ पर तुरंत नियंत्रण कर स्थिति को सामान्य किया।

अमावस्या के प्रमुख स्नान पर जिस तरह से दिल्ली,लखनऊ ने नजर रखी उसकी सराहना करनी ही होगी।पता था कि दस करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु स्नान को आयेंगे।यह जनसंख्या जर्मनी,ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के बराबर मानी जा रही है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहले दिन से ही प्रयागराज पर नजर रखे हुए थे।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रबंधन खुद संभाले हुए थे।पल पल की जानकारी ली जा रही थी।लेकिन दुर्भाग्य से भगदड़ की घटना की खबर आ ही गई।जैसे ही आधी रात को घटना घटी दिल्ली,लखनऊ सब ने तुरंत मोर्चा संभाल लिया।प्रधानमंत्री मोदी ने खुद सीएम योगी से संपर्क कर रिपोर्ट लेनी शुरू कर दी।वह भी एक बार नहीं।चार चार बार।प्रधानमंत्री मोदी जानते थे कि महाकुंभ की प्रतिष्ठा देश और सनातन धर्म से जुड़ी हुई है।इसलिए सीएम योगी को पीछे से पूरा सपोर्ट देते हुए प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने स्थिति को जल्द सामान्य बनाने पर जोर दिया।

योगी ने भोर होते होते स्थिति को सामान्य भी कर दिया।साधु संतों ने भी सरकार की मदद करते हुए स्थिति को सामान्य बनाने में मदद की।दस करोड़ से ज्यादा लोगों ने कुंभ में स्नान कर अमृत फल की प्राप्ति की।विपक्ष जो भी सवाल उठाए,आलोचक कुछ भी बोलें लेकिन इतने बड़े आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बधाई के पात्र तो हैं ही।अभी अगले माह कई प्रमुख स्नान होने है।प्रधानमंत्री मोदी खुद 5 फरवरी को कुंभ में नहाने जाएंगे।

144 साल बाद होने वाले इस महाकुंभ पर इतिहास कार जब भी इतिहास लिखेंगे वह प्रबंधन की जरूर तारीफ करेंगे।महाकुंभ का यह सफल आयोजन हमारी भारतीयता की एकता की जीत मानी जाएगी।इस महाकुंभ से पूरी दुनिया में सनातन धर्म की संस्कृति के प्रचार को ताकत मिलेगी।विश्व के लिए कुंभ कौतूहल का विषय बना हुआ है।अच्छा हो विपक्ष भगदड़ पर राजनीति करने के बजाए कुंभ के प्रबंधन की तारीफ करे जिससे दुनिया में भारत और सनातन के प्रति मान बढ़े।