Aaj Samaj (आज समाज), Mafia Mukhtar Ansari, लखनऊ: उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद पूरब के माफिया मुख्तार अंसारी की कल रात मौत हो गई। सूत्रों के मुताबिक उसे जेल में हार्ट अटैक आया जिसके बाद अस्पताल ले जाया गया जहां ईलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। 1963 में गाजीपुर में जन्मे मुख्तार का इस समय बांदा मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम चल रहा है। किसी तरह के दंगे की आशंका को देखते हुए कॉलेज के आसपास पैरा-मिलिट्री फोर्स और पुलिस तैनात की गई है। मुख्तार अंसारी को शाम को गाजीपुर में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। बांदा से वहां पहुंचने में सात से आठ घंटे लग सकते हैं।
बेहोशी की हालत में अस्पताल लाया गया मुख्तार
जानकारी के अनुसार बेहद गंभीर हालत में मुख्तार अंसारी अस्पताल लाया गया था। अस्पताल के बयान के मुताबिक मुख्तार अंसारी को जब अस्पताल लाया गया तब वह बेहोश था। नौ डॉक्टरों की टीम ने उसकी जांच की, लेकिन उसके बचाया नहीं जा सका। बांदा के अलावा यूपी के कई संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
सीएम योगी ने दिए कानून-व्यवस्था कायम रखने के निर्देश
मुख्तार अंसारी की मौत के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने आपात बैठक बुलाकर अधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसी भी हालत में राज्य में कानून-व्यवस्था में दिक्कत न हो। सीएम के निर्देश पर लॉ एंड आर्डर को लेकर राज्य के कई हिस्सों में प्रशासन अर्लट मोड पर
समाजवादी पार्टी ने अंसारी की मौत पर जताया दुख
समजावादी पार्टी ने मुख्तार अंसारी की मौत पर दुख जताया है. पार्टी की तरफ से सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा गया है कि पूर्व विधायक श्री मुख्तार अंसारी जी का इंतकाल, दु:खद है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें. शोकाकुल परिजनों को यह असीम दु:ख सहने का संबल प्राप्त हो। विनम्र श्रद्धांजलि।
हत्या सहित मुख्तार पर दर्ज थे कई मामले, उम्रकैद की सजा
2006 में कृष्णानंद राय की हत्या के एक प्रमुख गवाह शशिकांत की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। 2004 में डीएसपी शैलेंद्र सिंह ने मुख्तार अंसारी के ठिकाने से लाइट मशीन गन बरामद की थी। मुख्तार के खिलाफ पोटा के तहत केस दर्ज किया गया था। 2012 में संगठित गैंग चलाने के चलते अंसारी पर मकोका के तहत केस दर्ज किया गया। अप्रैल 2023 में बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की हत्या के आरोप में उन्हें 10 साल सजा हुई। 13 मार्च 2024 को एक आर्म्स लाइसेंस केस में अंसारी को उम्रकैद की सजा हुई थी।
गाजीपुर में परिवार की पहचान एक प्रतिष्ठित राजनीतिक खानदान की
गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद में 3 जून 1963 को मुख्तार अंसारी का जन्म हुआ था। उसके पिता का नाम सुबाहउल्लाह अंसारी व मां का नाम बेगम राबिया था। 17 साल से ज्यादा वक्त से जेल में बंद मुख्तार के परिवार की गाजीपुर में पहचान एक प्रतिष्ठित राजनीतिक खानदान की है। उसके दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता सेनानी थे।
पिता सुबहानउल्लाह की बेहद साफ-सुथरी छवि रही
मुख्तार अंसारी के नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को 1947 की लड़ाई में शहादत के लिए महावीर चक्र दिया गया था, जबकि मुख्तार के पिता सुबहानउल्लाह अंसारी गाजीपुर की राजनीति में सक्रिय रहे थे। उनकी बेहद साफ-सुथरी छवि रही है। भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी रिश्ते में तो मुख्तार अंसारी के चाचा लगते हैं।
खाने में जहरीला पदार्थ खिलाने की बात आई थी सामने
मुख्तार अंसारी के भाई एवं गाजीपुर से बहुजन समाज पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी ने मंगलवार को बताया था कि उन्हें मोहम्मदाबाद थाने से एक संदेश प्राप्त हुआ था जिसमें उन्हें बताया गया कि मुख्तार की तबीयत खराब है और उन्हें बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। अफजाल के मुताबिक, मुख्तार ने उन्हें बताया है कि उन्हें खाने में कोई जहरीला पदार्थ खिलाया गया है और ऐसा दूसरी बार हुआ है।
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