Madras High Court: अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब नफरत भरे भाषण देना नहीं

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Madras High Court
अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब नफरत भरे भाषण देना नहीं : मद्रास हाईकोर्ट

Aaj Samaj (आज समाज), Madras High Court, चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे व तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन की सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी को लेकर बहस के बीच इस मुद्दे पर मद्रास हाईकोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। मामले की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति एन शेषशायी ने कहा है कि बोलने की आजादी एक मौलिक अधिकार है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि नफरत भरे भाषण दिए जाएं, खासकर जब यह किसी धर्म से जुड़ा हो।

सनातन धर्म शाश्वत कर्तव्यों का एक समूह

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सनातन धर्म शाश्वत कर्तव्यों का एक समूह है, जिसमें राष्ट्र, राजा, अपने माता-पिता और गुरुओं के प्रति कर्तव्य और गरीबों की देखभाल करना शामिल है। न्यायमूर्ति शेषशायी ने यह भी कहा कि समान नागरिक अधिकार वाले देश में अस्पृश्यता बर्दाश्त नहीं की जा सकती। भले ही इसे ‘सनातन धर्म’ के सिद्धांतों के भीतर कहीं न कहीं अनुमति के रूप में देखा जाता है, फिर भी इसके लिए कोई जगह नहीं हो सकती है, क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 17 में घोषित किया गया है कि अस्पृश्यता को समाप्त कर दिया गया है।

उदयनिधि की टिप्पणी को लेकर चारों तरफ बवाल

बता दें कि सनातन धर्म पर उदयनिधि की टिप्पणी को लेकर चारों तरफ मचे शोर-शराबे मचा है और पर कोर्ट ने चिंता जताई है। उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू-मलेरिया से करते हुए इसे समाप्त करने की वकालत की है और इसको लेकर उन्हें कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है। न्यायमूर्ति शेषशायी ने यह सुनिश्चित करने की जरूरत पर बल दिया कि इस तरह के भाषण से किसी को चोट नहीं पहुंचे।

सनातन का न कोई आदि न अंत : राजनाथ सिंह

लखनऊ में एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान इस पूरे विवाद को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ में एक कार्यक्रम में कहा कि सनातन धर्म ने पूरी दुनिया को ‘वसुधैव कुटुंबकम’ (पूरी दुनिया हमारा परिवार) है। का संदेश दिया है। सनातन का न कोई आद न अंत और दुनिया की कोई ताकत इसे मिटा नहीं सकती है। उन्होंने कहा, हमारी संस्कृति ऐसी है कि जब घर में हमारी माताएं-बहने आटा सानती हैं और अगर पास से कोई चींटी गुजरती है, तो वह उसे आटे का एक छोटा सा हिस्सा दे देती है।

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