नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार पर संकट गहरा गया है। कांग्रेस पार्टी के मध्य प्रदेश से कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया अब भाजपा के साथ हो गए हैं। जिसकी वजह से अब कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल गहरा गए हैं। अपनी सरकार बचाने के लिए कमलनाथ लगातार प्रयासरत हैं। आज वह मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन से मिलने पहुंचे। मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ ने इस मुलाकात के दौरान राज्यपाल को एक पत्र सौंपा। पत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर विधायकों की ‘हॉर्सट्रेडिंग’ किए जाने का आरोप लगाया। तीन पेज का यह पत्र राज्यपाल को सौंपने के साथ ही कमलनाथ ने उन्हें राजनैतिक हालातों से अवगत कराया। कमलनाथ द्वारा कांग्रेस के विधायको को भाजपा पार्टी द्वारा बंधक बनाने का आरोप लगाया गया और राज्यपाल से अनुरोध किया गया कि वह ‘बेंगलुरु में कैद में रखे गए विधायकों की रिहाई’ सुनिश्चित करें। कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन को सौंपे पत्र में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा आगामी सत्र में फ्लोर टेस्ट कराने का अनुरोध किया है। मध्य प्रदेश में हो रहे राजनीतिक बदलावों के चलते राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मध्य प्रदेश में होने वाले चुनाव में भी बदलाव होते दिख रहे हैं। दोनों पार्टियां विधायकों के संख्या बल के आधार पर आसानी से अपने एक-एक प्रत्याशियों को राज्यसभा भेज सकती है। जबकि तीसरी सीट के लिए कांग्रेस को बढ़त मिलती दिख रही थी लेकिन 22 विधायकों के विधानसभा से इस्तीफे के बाद से स्थिति बदलती दिख रही है।