सांसद मनीष तिवारी ने बीबीएमबी का नोटिफिकेशन रद्द करने की मांग की

0
388
Demand to cancel notification of BBMB
Demand to cancel notification of BBMB
  • लोकसभा में पेश किया प्रस्ताव
दिनेश मौदगिल, Ludhiana News:
श्री आनंदपुर साहिब से सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने लोकसभा में प्रस्ताव पेश करके बीबीएमबी का नोटिफिकेशन रद्द करने की मांग की है, जिसे उन्होंने पंजाब के साथ पक्षपात करार दिया है।

सर्च-कम-सिलेक्शन कमेटी का गठन

गौरतलब है कि सांसद तिवारी द्वारा इस मामले में केंद्रीय बिजली मंत्री आरपी सिंह को पत्र लिखा था। जिस अधिसूचना के जरिए बोर्ड के सदस्यों व चेयरमैन की योग्यता को बढ़ाने सहित एक सर्च-कम-सिलेक्शन कमेटी का भी गठन किया गया है।

नियमों में पावर और इरीगेशन का पद जिक्र नहीं 

इससे पहले डैम द्वारा पैदा की जाती बिजली में अधिकतर हिस्सा पंजाब और हरियाणा को दिया जाता रहा है, जिनमें से मेंबर (पावर) और मेंबर (इरीगेशन) का पद क्रमशः दोनों राज्यों के प्रतिनिधियों द्वारा भरा जाता रहा है। जबकि नियमों में बदलाव के साथ ऐसा कोई जिक्र नहीं किया गया।

मैनेजमेंट बोर्ड में कोई प्रतिनिधित्व नहीं

इस दिशा में अधिसूचना के जरिए दर्शाई गई योग्यता के नियम बहुत सख्त हैं और राज्य के बिजली बोर्डों के अधिकतर सदस्य इसे पूरा नहीं करते। जिससे भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड में पंजाब और हरियाणा को कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिलेगा। वहीं पर, अधिसूचना के जरिये गठित की गई सर्च-कम-सिलेक्शन कमेटी में बिजली मंत्रालय के सचिव, चेयरमैन; न्यू एवं रिन्युअल एनर्जी मंत्रालय के सचिव, सदस्य; जल शक्ति मंत्रालय के सचिव, सदस्य; बिजली मंत्रालय के अधीन आती किसी एक केंद्रीय सर्वजनिक कंपनी के चेयरमैन, जिन्हें बिजली मंत्रालय नामांकित करेगा; बिजली मंत्रालय एक बाहरी माहिर को नियुक्त करेगा, शामिल होंगे।

सदस्य की योग्यता या कमेटी के गठन का जिक्र नहीं

इस पूरी कमेटी में केंद्र सरकार के प्रतिनिधि होंगे और इसमें संघीय प्रणाली की सच्ची आत्मा नहीं दिखती। जबकि पंजाब पुनर्गठन एक्ट 1966 की धारा-97 के अनुसार जारी अधिसूचना में साफ तौर पर किसी सदस्य की योग्यता या फिर सर्च-कम-सिलेक्शन कमेटी के गठन का जिक्र नहीं है। इस तरह यह कानून पंजाब पुनर्गठन कानून-1966 की धारा 78 और 79 की आत्मा के भी खिलाफ है।