Lucknow News यूपी में क्यों कम हुई बीजेपी की सीटें, क्यों खिसका दलित वोट बैंक?

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निकिता सरीन।
  • बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने समझे कारण, जाने सुझाव भी
    2027 के विधानसभा चुनाव से पहले तैयार होगा वोट बैंक संभालने का प्लान

लखनऊ(नीकिता सरीन) लोकसभा चुनाव में यूपी में बीजेपी की सीटें कम होने के बाद पहली बार लखनऊ आए बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने दो दिन तक यूपी के नेताओं संग हार के कारणों पर मंथन किया। शनिवार से शुरू हुई बैठक रविवार शाम तक अलग-अलग हिस्सों में चली। संतोष के सामने नतीजों के बाद सभी लोकसभा सीटों का दौरा कर लौटे भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्षों और प्रदेश महामंत्रियों ने प्रत्याशियों और स्थानीय अधिकारियों पर जमकर भड़ास निकाली। रविवार को दलित मंत्रियों और दलित नेताओं के साथ बैठकर संतोष ने बीजेपी से दलित वोट बैंक खिसकने की वजह को भी समझा। संतोष अब दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठकर अपना फीडबैक देंगे। इसी आधार पर 2027 में होने वाली यूपी विधानसभा चुनाव की जीत का रोड मैप तैयार होगा।

दलितों यूथ में आउटसोर्सिंग-रोजगार न मिलने पर गुस्सा

सूत्रों का कहना है कि संतोष के साथ बीजेपी प्रदेश अनुसूचित मोर्चे के पदाधिकारियों, दलित मंत्रियों ने सीधा संवाद किया। कुछ नेताओं ने कहा कि ज्यादातर सरकारी विभागों में अब आउटसोर्सिंग से भर्तियां हो रही हैं। इनमें अनुसूचित जाति के लोगों को मौका कम मिल रहा है। इससे दलित युवाओं में नाराजगी बढ़ गई। अगर इसमें भी दलितों के लिए अलग से आरक्षण दिया जाए तो दलित फिर से बीजेपी से जुड़ जाएगा। दलित महिलाओं को अलग से विशेष आरक्षण देने की भी मांग बैठक में रखी गई। विपक्ष ने संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने का नैरेटिव गांव-गांव तक फैलाया जिससे यह नाराजगी और बढ़ गई। बीजेपी के कार्यकर्ताओं के पास इसकी कोई काट नहीं थी।

प्रत्याशियों का अंहकार भी बना नाराजगी की वजह

क्षेत्रीय अध्यक्षों और महामंत्रियों ने हार को लेकर जमकर गुबार निकाला। पदाधिकारियों ने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं की सुनी नहीं जाती। प्रत्याशियों से जनता में नाराजगी थी और सुनना हमारे कार्यकर्ताओं को पड़ता था। दोबारा या तीसरी बार टिकट पाए प्रत्याशी अंहकार से भरे थे। वह कार्यकर्ताओं से सीधे बात तक नहीं कर रहे थे। एक प्रत्याशी तो अपने यहां चाय तक नहीं पूछते थे। विधायकों और सांसदों के बीच संवाद नहीं था। विधायक भी भितरघात कर रहे थे। यही नहीं पार्टी ने विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों करीब दो लाख लोग भाजपा में शामिल करा लिए। उन्हें चुनाव में कोई जिम्मेदारी ही नहीं दी गई। बाहर से आए यह लोग केवल शो पीस बनकर रह गए।

सोशल मीडिया पर आक्रामक होगी बीजेपी

बीएल संतोष ने बीजेपी की सोशल मीडिया टीम और मीडिया टीम से भी अलग से बात की। उन्हें संतोष ने बताया कि विपक्ष अगर कोई मुद्दा उठाता है तो हमें उसका जवाब आक्रामक ढंग से देना चाहिए। इसके लिए रोज अखबार पढ़कर तैयारी करनी चाहिए। सरकार से मिले आंकड़ों से खुद को अपडेट रखना चाहिए। उन्होंने सोशल मीडिया की मंडल स्तर तक ट्रेनिंग कराए जाने पर भी जोर दिया।