Importance Of Lotus Flowers, (आज समाज): कमल के पौधे के बीज, जड़, फल, फूल व तना गंभीर रोगों के लिए रामबाण की तरह हैं। आयुर्वेद में इसके औषधीय गुण भी बताए गए हैं। मानसून की शुरुआत होते ही कई जलाशयों में पानी बढ़ जाता है और इससे बनने वाले कीचड़ में कमल के फूल खिलने लगते हैं। फूल दिखने में जितने सुंदर होते हैं, उतना ही आयुर्वेद में इनका महत्व है।
काई और ज्यादा मिट्टी वाले जलाशयों में खिलता है
कमल ज्यादातर उन जलाशयों में खिलता है जहां काई और मिट्टी ज्यादा होती है। इन फूलों को उत्तम औषधि माना जाता है। इसमें एंटीआक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। इनके अलावा, इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। कमल के फूल के अलावा इसके बीज, पत्ते और जड़ का भी औषधि के रूप में उपयोग होता है।
मलेरिया बुखार व सूजन कम करने में भी कारगर
चिकित्सकों का कहना है कि हरियाली युक्त काई वाले तालाब में कमल का फूल ज्यादा होता है और इसका उपयोग खांसी, मलेरिया बुखार, लीवर की शिकायत व जलन कम करने में किया जा सकता है। कमल में एंटी इंफ्लेमेट्री गुण होते हैं, जो सूजन कम करने में कारगर होते हैं।
हाइपरटेंशन के रोगियों के लिए कमल का फूल रामबाण
चिकित्सकों के मुताबिक जिन लोगों को हाइपरटेंशन की समस्या रहती है, उनके लिए कमल का फूल रामबाण है। अनिद्रा की समस्या होने पर ये फूल अपने सिर के पास रखकर सोना चाहिए, इससे अच्छी नींद आती है। कमल के फूल, बीज और पत्तियों के अर्क में सूजन को कम करने वाले गुण पाए जाते हैं। ये फूल मुंह या मसूड़ों के संक्रमण का इलाज करने में भी रामबाण हो सकता है। इसे चटनी और रस के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है।
वास्तुशास्त्र में समृद्धि और पवित्रता का प्रतीक
कमल के फूल को वास्तुशास्त्र में समृद्धि और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। इस फूल को ब्रह्मा का कमल भी कहा जाता है। कमल अगर आप घर में लगाते हैं, तो यह आपके जीवन में पॉजिटिव एनर्जी और सौभाग्य लाता है। यह फूल देवी लक्ष्मी से भी जुड़ा हुआ है। सकारात्मक ऊर्जा के लिए कमल के पौधे को अपने घर के केंद्र में रखें। उत्तर-पूर्व कोने में रखने से ये बुद्धि और विवेकपूर्ण सोच को बढ़ावा देता है।
अस्वीकरण: यह आर्टिकल केवल आपकी सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। इस पर अमल करने से पहले हमारी सलाह है कि आप अपने डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ से सलाह लें। आज समाज इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।