आज समाज डिजिटल, मंडी:
Lost Life In Saving 38 People: हिमाचल रोडवेज के बस चालक नंदकिशोर ने अपनी जान की बाजी लगाकर 38 लोगों को बचा लिया। इस बहादुरी में उसकी खुद की जान चली गई, लेकिन घायल यात्री तक उसका शुक्रिया अदा करते नहीं थकते। नंद किशोर की आयु मात्र 33 वर्ष थी।
नंद की जांबाजी यात्रियों की जुबानी Lost Life In Saving 38 People
जोनल हास्पिटल मंडी में उपचाराधीन कुल्लू जिला निवासी चंद्र शर्मा और यूपी निवासी आशीष शर्मा ने बताया कि दुर्घटना से पहले चालक ने बस को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश की, जिस तरफ बस चल रही थी, उसके ठीक नीचे पंडोह डैम था और दूसरी तरफ पहाड़ी थी। चालक से जब बस नियंत्रित नहीं हुई तो उसने पहाड़ी से बस को टकराना बेहतर समझा। अगर बस पंडोह डैम में समा जाती तो भारी जानी नुकसान हो सकता था। इस हादसे में सिर्फ नंद किशोर की मौत हुई है, जबकि परिचालक सहित 38 यात्री घायल हुए हैं।
बस में थी तकनीकी खराबी Lost Life In Saving 38 People
हादसे में अभी तक यही बात सामने आ रही है कि बस में तकनीकी खराबी आ गई थी, जिस कारण बस अनियंत्रित हो गई और यह हादसा हुआ। हालांकि, इस संदर्भ में अभी परिवहन विभाग की टेक्निकल रिपोर्ट आना बाकी है। उसके बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि बस में तकनीकी खराबी थी या नहीं। बता दें कि नंद किशोर कोटली उपमंडल के तहत आने वाले समराहन गांव का रहने वाला था और दो वर्ष पूर्व ही एचआरटीसी में बतौर चालक भर्ती हुआ था।
सीएम ने परिजनों से की मुलाकात Lost Life In Saving 38 People
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी जोनल हास्पिटल मंडी के शव गृह जाकर मृतक नंद किशोर के परिजनों को ढांढस बंधाया और उन्हें सरकार की तरफ से हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। मृतक नंद किशोर के परिजनों ने सीएम जयराम ठाकुर को बताया कि नंद किशोर अपने पीछे बूढ़ी मां को छोड़ गया हैस जिस उम्र में नंद किशोर का देहांत हुआ है, उसी उम्र में उसके पिता भी दुनिया को अलविदा कह गए थे। उस वक्त भी परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था और आज फिर से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
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