आज समाज डिजिटल, चंडीगढ़:
पंजाब में करोड़ों के सिंचाई घोटाले में विजिलेंस ब्यूरो की जांच नए सिरे से शुरू होते ही 3 पूर्व नौकरशाहों और 2 अकाली नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हो गया है। पंजाब के पूर्व मुख्य सचिव सर्वेश कौशल, पूर्व विशेष मुख्य सचिव केबीएस सिद्धू और पूर्व सचिव केएस पन्नू शामिल हैं।
इन नेताओं के खिलाफ भी है नोटिस
2007-2012 और 2012-2017 के बीच तत्कालीन बादल सरकार में सिंचाई मंत्री रहे शिअद नेताओं शरणजीत सिंह ढिल्लों और जनमेजा सिंह सेखों के खिलाफ भी सर्कुलर जारी किया गया है। पंजाब सरकार के शीर्ष अधिकारियों का कहना है कि लुकआउट सर्कुलर यह सुनिश्चित करने के लिए जारी किया गया है कि ये सभी लोग देश से बाहर न जाएं। रिश्वत लेकर 1200 रुपए का काम आवंटन का आरोप पिछले सप्ताह राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार निरोधक संशोधन अधिनियम की धारा 17 ए के तहत सिंचाई घोटाले में 3 पूर्व आईएएस अधिकारियों की भूमिका की जांच की अनुमति दी थी। पूर्व मंत्रियों के निजी स्टाफ के कुछ सदस्यों सहित सभी संदिग्धों पर ठेकेदार गुरिंदर सिंह से रिश्वत लेने और उन्हें सिंचाई विभाग में 1200 करोड़ रुपये का काम आवंटित करने का आरोप लगाया गया है।
देश छोड़ने से रोकने के लिए है नोटिस
यह नोटिस खाद्य और आपूर्ति विभाग के निविदा आवंटन घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक के मद्देनजर किया गया है, जो जांच के दौरान देश छोड़कर भाग चुका है। विजिलेंस ब्यूरो के एक अधिकारी का कहना है कि जैसे ही मुख्यमंत्री ने मामले की जांच के लिए मंजूरी दी, हमने लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया। कानून प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा वांछित व्यक्तियों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया जाता है। जिस व्यक्ति के खिलाफ सर्कुलर जारी किया गया है, उसका विवरण देश छोड़ने से रोकने के लिए हवाई अड्डों और समुद्री बंदरगाहों को भेजा जाता है।
ये कहते हैं आधिकारिक सूत्र
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि विजिलेंस ब्यूरो अब ठेकेदार गुरिंदर सिंह और अन्य आरोपियों को पूछताछ के लिए एक-एक करके तलब करेगा। हालांकि, घोटाले के संबंध में मामला पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा अगस्त 2017 में दर्ज किया गया था। लेकिन जांच ठंडे बस्ते में चली गई थी। एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि जांच अब नए सिरे से शुरू की जाएगी। विजिलेंस ब्यूरो ने इस संबंध में कैप्टन अमरिंदर सिंह और चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार के समय भी अनुमति मांगी थी लेकिन दोनों ही मुख्यमंत्रियों ने जांच की अनुमति नहीं दी।
क्या है पंजाब सिंचाई घोटाला
यह घोटाला उस समय सामने आया, जब विजिलेंस विभाग को गिरफ्तार किए गए ठेकेदार गुरिंदर सिंह से पूछताछ के दौरान 17 अगस्त, 2017 को 2 पूर्व मंत्रियों, 3 पूर्व आईएएस अफसरों और कुछ इंजीनियरों की संलिप्तता के बारे में पता लगा। ठेकेदार ने पूछताछ में बताया कि काम दिलाने, बिल पास करने और टेंडर के नियम व शर्तों को उसके मुताबिक बनाने आदि को लेकर उक्त मंत्रियों, अफसरों व इंजीनियरों ने उससे मोटी रकम हासिल की। गुरिंदर ने विजिलेंस को यह भी बताया था कि तीनों आईएएस अधिकारियों को कुल 21 करोड़ रुपये दिए जबकि दोनों मंत्रियों को 10 करोड़ रुपये दिए थे।
10 साल में कंपनी हो गई 300 करोड़ की
ठेकेदार गुरिंदर सिंह को 2007 से 2016 तक 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा के काम अलाट हुए थे। इसे लेकर उसने इन अफसरों, पूर्व मंत्रियों को पैसा दिया। गुरिंदर सिंह के बारे में कहा जाता है कि सिंचाई विभाग में नीचे से लेकर ऊपर तक अफसर भी उसकी पसंद के ही लगते थे। 2006 में 4.75 करोड़ रुपये की उसकी कंपनी मात्र दस वर्ष में 300 करोड़ रुपये की हो गई। इस मामले में गुरिंदर और विभाग के रिटायर्ड इंजीनियर विजिलेंस विभाग की गिरफ्त में हैं।
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