नई दिल्ली। राज्यसभा में आज नागरिकता संशोधन विधेयक पेश हुआ। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यह बिल मुस्लिमों के खिलाफ नहीं है। हालांकि कांग्रेस की ओर से इसका पुरजोर विरोध किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने सबसे पहले भाषण शुरु किया। उन्होंने कहा कि अगर सरदार पटेल कभी पीएम मोदी से मिलेंगे तो बहुत नाराज होंगे, महात्मा गांधी भी जरूर दुखी होंगे। उन्होंने कहा कि केवल महात्मा गांधी का केवल नाम लेने से ही कुछ नहीं होगा। गांधी जी के विचारों को भी समझना होगा। उनके चश्में से ही देश को देखने की जरूरत है। सरदार पटेल और गांधी जी के नाम लेने से कुछ नहीं होता है। ंआगे उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि जीवन में क्या होता है। सुना है हमारे धर्म में पुनर्जन्म को मानते हैं। तो बुजुर्ग कभी मिलते हैं… अगर सरदार पटेल कभी आपके प्रधानमंत्री जी को मिल लिए तो बहुत नाराज होंगे। यह मैं कह सकता हूं। गांधी जी तो दुखी होंगे ही कि मेरे 150 साल मना रहे हो और ऐसा करते हो। गांधी जी का चश्मा और उनका नाम विज्ञापन के लिए नहीं है। मेरा आग्रह है उनके चश्मे से हिंदुस्तान को देखो, समाज को और दुनिया को देखो। आपका नागरिकता बिल उससे टकराता है। साथ ही उन्होंने कहा कि टू नेशन थ्योरी कांग्रेस की ओर से नहीं दी गई थी यह केवल हिंदु महासभा में पारित हुआ था। यह सावरकर ने दी थी