Loneliness at Workplace: वर्कप्लेस पर अकेलेपन से कैसे निपटें

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Loneliness at Workplace

Loneliness at Workplace: हम में से कई लोग काम पर दोस्त बनाने की उम्मीद करते हैं। यह जरूरी भी है क्योंकि आप जहां रोजाना 9 से 10 घंटे बिता रहें हैं, वहां आप अकेले रहने की उम्मीद नहीं कर सकते। इसके लिए आप किसी न किसी के साथ बात करना या समय बिताना चाहेंगे। पर यह इतना भी आसान नहीं है। प्रतिद्वंद्विता और अलग-अलग बैकग्राउंड, अनुभव और सोच के कारण आप कई बार खुद को दूसरों से अलग-थलग महसूस कर सकते हैं। दफ्तर या वर्कप्लेस पर अकेलापन एक ऐसी भावना है जिसका सामना बहुत सारे युवा करते हैं। खासतौर से वे लोग जो अपनी पहली या किसी नई नौकरी में आए होते हैं। यह सहज स्वभाविक है, इसलिए इससे परेशान होने की बजाए इस अकेलेपन का सामना कैसे करना है, इसके कुछ उपाय आपको जान लेने चाहिए।

क्यों महसूस होता है वर्कप्लेस पर अकेलापन

शोध बताते हैं कि हर पांच में से एक व्यक्ति रोज़ाना काम पर अकेलापन महसूस करता है। कई लोग जल्दी दोस्त बना लेतें है, तो कइयों को दोस्त बनाने में बहुच संकोच होता है। उन्हें ट्रस्ट करने में समस्या हो सकती है या वे इंट्रोवर्ट हो सकते है या वे अलग तरह का व्यक्तित्व रखते है जिसे अपने जैसे ही लोग पसंद हो। समस्या कोई भी हो अगर ऑफिस में आपके पास कोई बात करने वाला नहीं है तो उससे आपको अकेलापन महसूस हो सकता है।

हम घर पर या घर से दूर, लोगों के बीच या फिर काम पर भी अकेले हो सकते हैं। हालांकि यह लोगों से भरी हुई जगह है और हर किसी का दिमाग काम में लगा रहता है, लेकिन वर्कप्लेस पर अकेलापन कभी-कभी साइलेंट किलर साबित होता है। जो आपकी प्राेडक्टिविटी को भी प्रभावित कर सकता है। चाहे आप किसी ऑफिस में काम कर रहे हों या कहीं और से, अकेलापन कर्मचारियों को एक जैसा ही प्रभावित कर सकता है।

1 बातचीत के लिए खुले रहें

हर किसी में बदलाव लाने की क्षमता होती है। ऐसा करने के लिए किसी को मैनेजर, बॉस या नेता होने की ज़रूरत नहीं है। आप वर्कप्लेस पर लोगों को प्रभावित कर सकते है। यानी, बिना किसी शर्मिंदगी के आत्मविश्वास के साथ कुछ मुद्दों या समस्याओं के बारे में बात करना शुरू करें। इससे आप शायद ये देख कर चौंक सकते है कि आपको देख कर न जाने कितने लोग आपकी तरह बात करना शुरू करते है।

2 सहकर्मियों की मदद के लिए आगे आएं

टीम को एक-दूसरे के बारे में अधिक जानने के लिए एक साथ लाना और बातचीत को आगे बढ़ाने में एक लंबा रास्ता हो सकता है। लेकिन यह अलग-थलग पड़े कर्मचारियों को फिर से जोड़ने और लोगों को कम अलग-थलग महसूस कराने का एक प्रभावी तरीका है। आपके सहकर्मी अगर किसी मुश्किल में हैं, तो उन्हें मदद की पहल करें। यह ईमानदाराना लगनी चाहिए और अपनी सीमाओं का अतिक्रमण भी न करे।

3 किसी के भी प्रति भेदभाव न रखें

यह जिम्मेदारी आप पर भी है और आपके संस्थान पर भी है। किसी भी कंपनी या ऑर्गनाइजेशन के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अपने कार्यस्थलों को भेदभाव मुक्त रखें। लोगों को भेदभाव के बारे में अपने नकारात्मक अनुभवों के बारे में बात करने के लिए प्रोत्साहित करना कार्यस्थल में एक समान प्रभाव डाल सकता है। इससे अलग-अलग विचारों और पृष्ठभूमि के लोग भी एक-दूसरे से मिलजुल सकते हैं।

4 हाइब्रिड विकल्प की अनुमति देना

हाइब्रिड वर्किंग मॉडल में लोग अपनी सुविधानुसार ऑफिस आने के दिन चुनते हैं। इससे उनकी बिना किसी असुविधा के वे एक-दूसरे से मिल और विचार साझा कर सकते हैं। यह कई लोगों के लिए वरदान साबित हो सकता है। अगर किसी कर्मचारी के लिए कार्यस्थल पर काम करना मुश्किल हो गया है, तो उस व्यक्ति को घर से या हाइब्रिड सेटिंग में काम करने की सुविधा देने से कर्मचारी को फिर से जुड़ने में मदद मिल सकती है।

5 एक समान रूचियां खोजने की कोशिश करें

आप काम पर अलग-थलग महसूस कर सकते हैं क्योंकि आपको नहीं लगता कि आपकी टीम के अन्य सदस्यों के साथ कोई समानता है। आप जितने लोगों से मिलते हैं, उनमें से लगभग सभी के साथ आपकी कम से कम एक समान रुचि हो सकती है। इसे खोजने में बस समय लग सकता है। अपने सहकर्मियों के साथ ज़्यादा से ज़्यादा बातचीत शुरू करें ताकि आप उनके शौक, रुचियों और अतीत के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जान सकें। आप लोगों में जितनी समानता पाएंगे उनसे उतना ही जुड़ पाएंगे।