- विपक्ष के नेता आज जेब में रखते हैं संविधान
- प्रधानमंत्री कल शाम को देंगे चर्चा का जवाब
Rajnath On Constitution, (आज समाज) नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र का आज 14वां दिन है और संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर आज लोकसभा में विशेष चर्चा चल रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा की शुरुआत की। बहस दो दिन होगी। राजनाथ ने संविधान के निर्माण में कई नेताओं के योगदान को याद किया। उन्होंने इस दौरान कांग्रेस पर निशाना साधा। कहा, कांग्रेस कभी संस्थाओं की स्वतंत्रता और स्वायत्तता को बर्दाश्त नहीं कर सकी और उसने हमेशा संविधान के सिद्धांतों को नष्ट करने की कोशिश की।
बचपन से सीखा है संविधान जेब में रखना
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 12 से अधिक नेताओं के बहस में भाग लेने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 दिसंबर की शाम को चर्चा का जवाब देंगे। राजनाथ ने कहा, संविधान की रक्षा की बात करना उचित नहीं लगता। इन दिनों मैं देख रहा हूं कि विपक्ष के कई नेता संविधान अपनी जेब में रखते हैं। दरअसल, उन्होंने बचपन से यही सीखा है। उन्होंने अपने परिवारों को पीढ़ियों से संविधान को अपनी जेब में रखते देखा है।
हमेशा संविधान के सामने झुकती है भाजपा
रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा, भाजपा हमेशा संविधान के सामने झुकती है और उसने कभी भी संस्थाओं की स्वतंत्रता और स्वायत्तता के साथ खिलवाड़ नहीं किया है। राजनाथ ने कहा कि संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता की बात की गई है और यह निर्दिष्ट किया गया है कि राज्य का कोई धर्म नहीं होगा बल्कि वह धर्मनिरपेक्ष होगा। यह उन लोगों द्वारा कहा गया था जिन्हें कांग्रेस के लोगों ने सांप्रदायिक करार दिया था।
संविधान ऐतिहासिक घटनाओं की एक श्रृंखला का परिणाम
राजनाथ ने कहा, संविधान लोगों की सामान्य इच्छा की अभिव्यक्ति है। उन्होंने कहा, हमारा संविधान सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक जीवन को छूता है और राष्ट्र निर्माण का रास्ता दिखाता है। यह भारत को विश्व मंच पर अपना स्थान दिलाने का रोडमैप है। रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि संविधान ऐतिहासिक घटनाओं की एक श्रृंखला का परिणाम है।
रक्षा मंत्री ने कहा, हमें उन लोगों को भी याद रखना चाहिए जो संविधान सभा का हिस्सा नहीं थे, लेकिन उनके विचार इसका (संविधान का) हिस्सा हैं और उन्होंने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हमें पंडित मदन मोहन मालवीय, लाला लाजपत राय, भगत सिंह, वीर सावरकर और कई अन्य ऐसे महापुरुषों को याद करना चाहिए जिनके विचारों ने संविधान को मजबूत किया।
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