Lok Sabha Passes Bills: जम्मू-कश्मीर आरक्षण और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल लोकसभा में पास

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Lok Sabha Passes Bills
जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 को मिली लोकसभा की मंजूरी।

Aaj Samaj (आज समाज), Lok Sabha Passes Bills, नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र का बुधवार को तीसरा दिन था। इस दौरान जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 को लोकसभा की मंजूरी मिल गई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ये दोनों विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश किए थे।

  • वंचितोें को आगे लाना संविधान की मूल भावना

जिनकी अनदेखी हुई उन्हें न्याय दिलाने के लाए गए विधेयक

अमित शाह ने सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए बुधवार को लोकसभा में कहा कि जम्मू-कश्मीर से संबंधित जिन दो विधेयकों पर सदन में विचार हो रहा है, वे उन सभी लोगों को न्याय दिलाने के मकसद से लाए गए हैं, जिनकी 70 साल तक अनदेखी की गई और जिन्हें अपमानित किया गया। करीब 46,631 परिवार और 1,57,967 लोग जम्मू-कश्मीर से देशभर में विस्थापित होने को मजबूर हुए, उन्हें न्याय दिलाने के लिए सरकार विधेयक लाई है। अगर वोट बैंक के बारे में सोचे बिना शुरुआत में ही आतंकवाद से निपटा जाता तो कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़कर नहीं जाना पड़ता।

पीओके लिए 24 सीटें आरक्षित

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के जिन दो विधेयकों पर यहां विचार हो रहा है, उनमें से एक में एक महिला समेत कश्मीरी विस्थापित समुदाय के दो सदस्यों को विधानसभा में मनोनीत करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा एक सीट पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से विस्थापित लोगों के लिए आरक्षित की जाएगी। अमित शाह के मुताबिक, विधानसभा में 9 सीट अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित की गई हैं। पीओके लिए 24 सीटें आरक्षित की गई हैं, क्योंकि पीओके हमारा है।

दोनों संशोधन को हर वो कश्मीरी याद रखेगा जो पीड़ित और पिछड़ा है

गृह मंत्री ने कहा कि इन दोनों संशोधन को हर वो कश्मीरी याद रखेगा जो पीड़ित और पिछड़ा है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीबों का दर्द समझते हैं और वह ही एकमात्र ऐसे नेता हैं जिन्होंने पिछड़ों के आंसू पोंछे हैं। अमित शाह ने कहा, विस्थापितों को आरक्षण देने से उनकी आवाज जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में गूंजेगी। उन्होंने कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी के सवालों पर कहा कि कश्मीरी विस्थापितों के लिए 880 फ्लैट बन गए हैं और उनको सौंपने की प्रक्रिया भी जारी है।

पाकिस्तान से  युद्धों के दौरान विस्थापित हुए हजारों परिवार

केंद्रीय गृह मंत्री ने बताया, पाकिस्तान ने 1947 में कश्मीर पर हमला किया, जिसमें लगभग 31,789 परिवार विस्थापित हुए। 1965 और 1971 के युद्धों के दौरान 10,065 परिवार विस्थापित हुए। 1947, 1965 और 1969 के इन तीन युद्धों के दौरान कुल 41,844 परिवार विस्थापित हुए। ये विधोयक उन लोगों को अधिकार देने का, उन लोगों को प्रतिनिधित्व देने का एक प्रयास है।

पंडित नेहरू की गलती से बना पीओके

अमित शाह ने कहा, पंडित जवाहर लाल नेहरू के समय में जो गलतियां हुई थीं, उसका खामियाजा वर्षों तक कश्मीर को उठाना पड़ा। उन्होंने कहा, पहली और सबसे बड़ी गलती, जब हमारी सेना जीत रही थी उस समय पंजाब का क्षेत्र आते ही सीजफायर कर दिया गया और पीओके का जन्म हुआ। अगर सीजफायर तीन दिन बाद होता तो आज पीओके भारत का हिस्सा होता। नेहरू जी ने संयुक्त राष्टÑ में भारत के आंतरिक मसले को ले जाने की दूसरी बड़ी गलती की।

370 हटने पर कश्मीर में एक कंकड़ तक नहीं उछाला गया

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, अब भी सवाल किया जाता है कि अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर में क्या हासिल हुआ। उन्होंने कहा, पहले लोग कहते थे कि अनुच्छेद 370 समाप्त हो जाएगी तो वहां खून की नदियां बह जाएंगी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने इसके प्रावधानों को समाप्त कर दिया और इसके विरोध में कश्मीर में एक कंकड़ तक नहीं उछाला गया।

अमित शाह ने राहुल गांधी पर साधा निशाना

अमित शाह ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता ओबीसी की बात करते हैं। कुछ नेता होते हैं उन्हें कुछ लिखकर हाथ में पकड़ा दो तो जब तक नई पर्ची नहीं मिलती, वह छह महीने तक एक ही बात बोलते रहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछड़े वर्गों का सबसे बड़ा विरोध और पिछड़े वर्गों को रोकने का काम कांग्रेस ने किया है।

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