(Loharu News) लोहारू। लोहारू का एक ऐसा संगठन जो पौधे लगाने का ही काम नहीं करता बल्कि पौधों को बच्चों की तरह पालन पोषण करने का भी काम कर रहा है। संगठन द्वारा 14 जून 2016 को मुक्तिधाम में पौधारोपण कर क्षेत्र में एक नई परिपाटी शुरू की थी जो अब एक अभियान बन चुका है। पर्यावरण बचाने की दिशा में अनेक संस्थाओं सहित समाजसेवी जुटे हुए हैं। हर साल पौधरोपण कर फोटो खिंचवाई जाती हैं।
इस मानसून सीजन में 500 पौधे रोपित करने का रखा है टारगेट
पूरे तामझाम के साथ लोहे, ट्री-गार्ड में पौधे रोपित किए जाते है, लेकिन खाद, पानी व देखभाल के अभाव में पौधे कुछ दिन बाद दम तोड़ देते हैं। इन सब के बीच लोहारू का प्रयास-एक कोशिश सामाजिक संगठन पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखने के लिए गंभीरता से काम कर रही है। संस्था सदस्य मानसून शुरू होने से पहले उन जगहों को चिन्हित करते हैं, जहां पर पहले पौधे लगाएं गए थे और वे सूख चुके हैं। इन जगहों को संस्था सदस्य एक बार फिर तैयार करते है, वहां पर पौधे रोपित करते हैं। पौधे रोपित करने के बाद आसपास के लोगों को पानी देने के लिए जागरूक किया जाता हैं। संगठन के प्रयासों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। संगठन द्वारा विभिन्न सामाजिक गतिविधियों में भूमिका निभाने पर सरकार द्वारा 14 जून को अंबाला में आयोजित राज्यस्तरीय सम्मान समारोह में महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय द्वारा संगठन को सम्मानित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि प्रयास एक कोशिश सामाजिक संगठन पिछले 8 वर्ष से लोहारू क्षेत्र में समाजसेवा व सामाजिक कार्यो के प्रति समर्पण भाव से कार्य कर रहा है। संगठन द्वारा समय-समय पर रक्तदान शिविर आयोजित किए जाते है तथा जब भी किसी जरूरतमंद को रक्त की आवश्यकता होती है तो व्यक्तिगत रूप से भी रक्तदान किया जाता है। संगठन द्वारा कोरोना काल में भी रक्त कोष में रक्त की कमी के चलते 2 विशेष रक्तदान शिविर आयोजित किए गए थे। संगठन के संगठन के अध्यक्ष महेंद्र कथूरिया व सचिव जितेंद्र जिंदल, मा. पवन स्वामी, महेंद्र कथूरिया, डा. उमेद जांगिड़, मनोज सिंघल, रिंकू कुमार, मा. प्रवेश श्योराण, सोनू श्योराण, महेश शर्मा, सरपंच राकेश शर्मा, अमित वालिया,डॉ. राजीव वत्स, डॉ. सुरेश भारद्वाज, नमन शर्मा, डॉ. रेखा श्योराण, चंद्रावती, अनीता बताया कि पर्यावरण बचाने के लिए कम लोग ही काम कर रहे हैं इनमें भी कुछ ऐसे हैं जो केवल फोटो सेशन तक सीमित रहते हैं।
हमारी संस्था उन जगहों पर पौधरोपण करती हैं, जहां पर पहले पौधरोपण किया गया था और लगाए गए पौधे देखभाल के अभाव में सूख गए। हम वहां पर पौधे लगाते हैं, क्योंकि वहां पर पहले से ही लोहे व कंक्रीट के ट्री-गार्ड होते हैं। हम जो भी पौधरोपण करते हैं, उसका टारगेट निर्धारित होता हैं। उन्होंने बताया कि अब तक संगठन द्वारा 5 हजार पौधे लगाए जा चुके हें जिनमें 90 फीसदी पौधे जीवित हैं। उन्होंने बताया कि इस बार बरसात के मौसम में 500 पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। ये पौधे, सार्वजनिक स्थानों पर लगाए जाएंगे। संगठन के सदस्य उनके द्वारा लगाए गए पौधों को बचाने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम चलाते हैं जिसमें सेल्फी विद ट्री, पौधों को जन्मदिन मनाना, एक पौधा एक जीवन, रक्षाबंधन के दिन पौधों को रक्षा सूत्र बांधकर उनके संरक्षण की शपथ लेना शामिल हैं। संगठन के सदस्यों का कहना है कि साल दर साल हम ऐसे ही आगे बढ़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि हम सभी से अपील करते हैं कि कम पौधरोपण करे, लेकिन जितने भी पौधे लगाए उनकी अच्छे से देखभाल करें ताकि रोपित पौधे पेड़ बन सकें। जिससे सही मायनों में पौधरोपण मानव समाज के लिए कल्याणकारी साबित हो सके। ध्यान रहे संगठन द्वारा मुक्तिधाम लोहारू,कब्रिस्तान में सघन पौधा रोपण अभियान चलाया गया था जो आज पूरे यौवन पर हैं और लोगों को ऑक्सीजन के साथ-साथ छाया भी प्रदान कर रहे हैं।
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