नई दिल्ली। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भाजपा में अपनी एक अलग जगह रखती थी। वह तेज तर्रार और कद्दावर नेताओं में गिनी जाती थी। सुषमा स्वराज को राजनीति में इतनी उंचाई तक पहुंचने में को बीजेपी के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने मदद की थी। सुषमा को भाजपा के पितामह कहे जाने वाले आडवाणी ने उनके घर जाकर श्रद्धांजलि दी। उनके साथ उनकी बेटी प्रतिभा आडवाणी भी मौजूद थीं। इस दौरान दोनों ही काफी भावुक नजर आए। वहीं, प्रतिभा आडवाणी फूट-फूटकर रोती हुई दिखीं। इससे पहले सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि देने पहुंचे पीएम मोदी भी भावुक हुए थे। सुषमा स्वराज को याद करते हुए लाल कृष्ण आडवाणी ने बताया कि एक भी ऐसा साल नहीं रहा, जब वह उनके जन्मदिन पर उनका पसंदीदा चॉकलेट केक लाना भूली हो। आडवाणी ने एक बयान में कहा कि स्वराज उन लोगों में से थीं जिन्हें वह भारतीय जनता पार्टी में उनकी शानदार पारी की शुरूआत से जानते हैं और उनके साथ काम कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि वह एक होनहार युवा कार्यकर्ता थीं जिसे उन्होंने अपनी टीम में शामिल किया था।लालकृष्ण आडवाणी भाजपा के सबसे सीनियर नेता हैं और 91 वर्षीय आडवाणी ने सुषमा स्वराज के बारे में कहा कि इतने वर्षों में वह हमारी पार्टी के सबसे लोकप्रिय और प्रतिष्ठित नेताओं में से एक बनीं, महिला नेताओं के लिए प्रेरणास्रोत बनीं। मैं अक्सर एक तेजस्वी वक्ता के तौर पर घटनाओं को याद रखने और पूरी स्पष्टता तथा वाक्पटुता के साथ उन्हें पेश करने की उनकी काबिलियत का कायल हो जाता था।