Life experience: किसी करीबी को खोने का दुख हर किसी को होता है। वहीं, अन्य कई कारणों से भी हम दुखी हो जाते हैं। लेकिन, अगर ये शोक और दुख हमारी रोजमर्रा की जिंदगी पर असर डालने लगे, तो इस पर ध्यान देना जरूरी हो जाता है। किसी अपने को खोने के बाद, ज्यादातर लोगों के मन में बेशक यादें बनी रहती हैं। लेकिन, कुछ दिन, हफ्ते या महीने बाद, सभी अपनी रूटीन लाइफ में लौट आते हैं। लेकिन, अगर इसका असर आपके दिल और दिमाग पर पड़ने लगे, तो इस पर ध्यान देने की जरूरत है और आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
डेली एक्टिविटीज करने का न करें मन
अगर आपको दुख इतना प्रभावित करे कि रोजमर्रा के काम भी आपको एक बोझ की तरह लगने लगे तो यह नॉर्मल नहीं है। जिन लोगों पर किसी दुख का रहरा असर होता है, वे अपने डेली टास्क को करने के लिए भी खुद को तैयार नहीं कर पाते हैं।
यादों से बाहर निकलना न हो पाए संभव
बेशक यादें हम सभी की जिंदगी का हिस्सा होती हैं। लेकिन, कई बार किसी को खोने के बाद, कुछ व्यक्ति, उसकी यादों में इस कदर खो जाते हैं कि उन्हें वह इंसान उनके आस-पास महसूस होने लगता है। उनके लिए, इन यादों से निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है।
किसी से मिलने-जुलने का न करें मन
अगर किसी गम या सदमे के बाद, कोई व्यक्ति सोशल इवेंट्स से पूरी तरह खुद को दूर करने लगे, दोस्त और परिवार के कॉल तक न उठाएं और किसी से मिलने-जुलने से कतराए, तो यह नॉर्मल नहीं है।
किसी भी इमोशन को फील न कर पाना
कई बार किसी गंभीर दुख या सदमे के बाद, व्यक्ति किसी भी इमोशन को फील नहीं कर पाते हैं। यह दर्द उनके अंदर इस तरह आ जाता है कि वह किसी भी इमोशन को फील नहीं कर पाते हैं और एकदम शून्य महसूस करते हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।