***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
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दिनाँक:- 05/09/2022, सोमवार
नवमी, शुक्ल पक्ष,
भाद्रपद
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
तुला
वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग से हानि की आशंका है, सावधानी रखें। दूसरों के झगड़ों में हस्तक्षेप न करें। आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से क्षोभ होगा। फालतू की बातों पर ध्यान न दें। व्यापार ठीक चलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें।
तिथि——— नवमी 08:27:13 तक
तिथि———– दशमी 29:53:52
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र———— मूल 20:04:30
योग————– प्रीति 11:26:22
करण———– कौलव 08:27:13
करण———– तैतुल 19:12:55
करण————– गर 29:53:52
वार———————- सोमवार
माह———————- भाद्रपद
चन्द्र राशि——————- धनु
सूर्य राशि—————— सिंह
ऋतु————————- वर्षा
सायन———————- शरद
आयन—————- दक्षिणायण
संवत्सर—————— शुभकृत
संवत्सर (उत्तर) ———————नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2078
शक संवत—————– 1944
वृन्दावन
सूर्योदय————— 06:00:57
सूर्यास्त—————- 18:34:28
दिन काल————- 12:33:30
रात्री काल————–11:26:56
चंद्रोदय—————- 14:42:51
चंद्रास्त—————- 25:04:38
लग्न—- सिंह 18°17′ , 138°17′
सूर्य नक्षत्र———— पूर्वा फाल्गुनी
चन्द्र नक्षत्र——————— मूल
नक्षत्र पाया——————– ताम्र
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
यो—- मूल 08:55:48
भा—- मूल 14:30:47
भी—- मूल 20:04:30
भू—- पूर्वाषाढा 25:37:02
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=सिंह 18:12 पू o फ़ाo , 2 टा
चन्द्र =धनु 04 °23, मूल , 2 यो
बुध =कन्या 13 ° 07′ हस्त ‘ 2 ष
शुक्र=सिंह 05°05, मघा ‘ 2 मी
मंगल=वृषभ 14°30 ‘ रोहिणी’ 2 वा
गुरु=मीन 12°30 ‘ उ o भा o, 3 झ
शनि=मकर 26°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व) मेष 22°20’ भरणी , 3 ले
केतु=(व) तुला 22°20 विशाखा , 1 ती
🚩💮🚩 मुहूर्त प्रकरण 🚩💮🚩
राहू काल 07:35 – 09:09 अशुभ
यम घंटा 10:44 – 12:18 अशुभ
गुली काल 13:52 – 15:26 अशुभ5
अभिजित 11:53 – 12:43 शुभ
दूर मुहूर्त 12:43 – 13:33 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:14 – 16:04 अशुभ
वर्ज्यम 18:36 – 20:05 अशुभ
🚩गंड मूल 06:01 – 20:05 अशुभ
💮चोघडिया, दिन
अमृत 06:01 – 07:35 शुभ
काल 07:35 – 09:09 अशुभ
शुभ 09:09 – 10:44 शुभ
रोग 10:44 – 12:18 अशुभ
उद्वेग 12:18 – 13:52 अशुभ
चर 13:52 – 15:26 शुभ
लाभ 15:26 – 17:00 शुभ
अमृत 17:00 – 18:34 शुभ
🚩चोघडिया, रात
चर 18:34 – 20:00 शुभ
रोग 20:00 – 21:26 अशुभ
काल 21:26 – 22:52 अशुभ
लाभ 22:52 – 24:18* शुभ
उद्वेग 24:18* – 25:44* अशुभ
शुभ 25:44* – 27:10* शुभ
अमृत 27:10* – 28:36* शुभ
चर 28:36* – 30:01* शुभ
💮होरा, दिन
चन्द्र 06:01 – 07:04
शनि 07:04 – 08:07
बृहस्पति 08:07 – 09:09
मंगल 09:09 – 10:12
सूर्य 10:12 – 11:15
शुक्र 11:15 – 12:18
बुध 12:18 – 13:21
चन्द्र 13:21 – 14:23
शनि 14:23 – 15:26
बृहस्पति 15:26 – 16:29
मंगल 16:29 – 17:32
सूर्य 17:32 – 18:34
🚩होरा, रात
शुक्र 18:34 – 19:32
बुध 19:32 – 20:29
चन्द्र 20:29 – 21:26
शनि 21:26 – 22:23
बृहस्पति 22:23 – 23:21
मंगल 23:21 – 24:18
सूर्य 24:18* – 25:15
शुक्र 25:15* – 26:12
बुध 26:12* – 27:10
चन्द्र 27:10* – 28:07
शनि 28:07* – 29:04
बृहस्पति 29:04* – 30:01
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
सिंह > 04:40 से 05:56 तक
कन्या > 05:56 से 08:10 तक
तुला > 08:10 से 10:16 तक
वृश्चिक > 10:16 से 12:32 तक
धनु > 12:32 से 15:02 तक
मकर > 15:02 से 16:40 तक
कुम्भ > 16:40 से 18:06 तक
मीन > 18:06 से 18:42 तक
मेष > 18:42 से 20:14 तक
वृषभ > 20:14 से 23:02 तक
मिथुन > 23:02 से 01:26 तक
कर्क > 01:26 से 03:32 तक
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
9 + 2 + 1 = 12 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शुक्र ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
9 + 9 + 5 = 23 ÷ 7 = 2 शेष
गौरि सन्निधौ = शुभ कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
* चन्दन नवमी
* अदु:ख नवमी व्रत, श्रीचन्द्र नवमी
* दशावतार व्रत, हरि जयंती
*शिक्षक दिवस
*डा० राधाकृष्णन जयंती
* दशमी तिथि क्षय
* रामदेव जयंती
*सुगन्ध दशमी
*खेजड़ली शहीद दिवस
💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮
अनालोक्य व्ययं कर्ता अनाथः कलहप्रियः ।
आर्तः स्त्रीसर्वक्षेत्रेषु नरः शीघ्र विनश्यति ।।
।। चा o नी o।।
बिना सोचे समझे खर्च करने वाला, नटखट बच्चा जिसे अपना घर नहीं, झगड़े पर आमदा आदमी, अपनी पत्नी को दुर्लक्षित करने वाला, जो अपने आचरण पर ध्यान नहीं देता है. ये सब लोग जल्दी ही बर्बाद हो जायेंगे.
🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩
गीता -: मोक्षसान्यांसयोग अo-18
इत्यहं वासुदेवस्य पार्थस्य च महात्मनः ।,
संवादमिममश्रौषमद्भुतं रोमहर्षणम् ॥,
संजय बोले- इस प्रकार मैंने श्री वासुदेव के और महात्मा अर्जुन के इस अद्भुत रहस्ययुक्त, रोमांचकारक संवाद को सुना॥,74॥,
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