Libra Horoscope 18 March 2022 तुला राशिफल 18 मार्च 2022

0
650
Libra Horoscope 18 March 2022

Libra Horoscope 18 March 2022 तुला राशिफल 18 मार्च 2022

***|| जय श्री राधे ||***
*** महर्षि पाराशर पंचांग ***
*** अथ पंचांगम् *** 
****ll जय श्री राधे ll****
*** *** *** *** *** *** 

दिनाँक-: 18/03/2022,शुक्रवार
पूर्णिमा, शुक्ल पक्ष
फाल्गुन
*** *** *** *** *** *** *** *** (समाप्ति काल)

**** दैनिक राशिफल ***

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

तुला

Libra Horoscope 18 March 2022: आज का दिन आपके लिए भाग्य के दृष्टिकोण से उत्तम रहने वाला है। आपको व्यवसाय में पिताजी के मार्गदर्शन से काफी लाभ होगा और उनका सानिध्य भी भरपूर मात्रा में मिलेगा, लेकिन आप अपने जीवन में चल रही कुछ समस्याओं को लेकर परेशान रहेंगे वरिष्ठ जन सहायता करेंगे। रुके कार्यों में गति आएगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। रोजगार बढ़ेगा। सतर्कता से कार्य करें। संतान के व्यवहार से सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी आ सकती है। व्यापार में नए अनुबंध आज नहीं करें। आर्थिक तंगी रहेगी।

Read Also: राजा नूणकर्ण के कुल देवी थी मां चामुंडा देवी Mother Chamunda Devi Was Deity Of King Nunkarna

तिथि———पूर्णिमा 12:46:38 तक
पक्ष———————– शुक्ल
नक्षत्र——- उoफाo 24:16:39
योग———– गण्ड 23:12:34
करण———- बव 12:46:38
करण——— बालव 24:14:43
वार——————— शुक्रवार
माह———————-फाल्गुन
चन्द्र राशि ——-सिंह 06:31:27
चन्द्र राशि ———————कन्या
सूर्य राशि——————- मीन
रितु———————- शिशिर
आयन—————- उत्तरायण
संवत्सर——————– प्लव
संवत्सर (उत्तर)———— आनंद
विक्रम संवत————- 2078
विक्रम संवत (कर्तक)——2078
शाका संवत————– 1943

Read Also : मां मंदिर में धागा बांधने से होती है मनोकामना पूर्ण Thread In Maa Temple

वृन्दावन
सूर्योदय————- 06:26:54
सूर्यास्त————– 18:27:58
दिन काल———– 12:01:04
रात्री काल———– 11:57:48
चंद्रोदय————- 18:37:55
चंद्रास्त————- 30:46:05

लग्न—-मीन 3°15′ , 333°15′

सूर्य नक्षत्र——— पूर्वाभाद्रपदा
चन्द्र नक्षत्र——- उत्तराफाल्गुनी
नक्षत्र पाया—————-रजत

*** पद, चरण *** 

टे—- उत्तराफाल्गुनी 06:31:27

टो—- उत्तराफाल्गुनी 12:28:09

पा—- उत्तराफाल्गुनी 18:23:11

पी—- उत्तराफाल्गुनी 24:16:39

पू—- हस्त 30:08:38

*** ग्रह गोचर *** 

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
*** *** *** *** *** *** *** *** *** 
सूर्य=मीन 03:12 ‘पू o भा o , 4 दी
चन्द्र =कन्या 00°23, उo फा o , 2 टो
बुध = कुम्भ 18 ° 07 ‘ शतभिषा ‘ 4 सू
शुक्र=मकर 16°05, श्रवण ‘ 3 खे
मंगल=मकर 14°30 ‘ श्रवण ‘ 2 खू
गुरु=कुम्भ 23°30 ‘ पू o भा o, 2 सो
शनि=मकर 25°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व)वृषभ 01°20’ कृतिका , 2 ई
केतु=(व)वृश्चिक 01°20 विशाखा , 4 तो

Read Also : हरिद्वार पर माता मनसा देवी के दर्शन न किए तो यात्रा अधूरी If You Dont see Mata Mansa Devi at Haridwar

*** मुहूर्त प्रकरण *** 

राहू काल 10:57 – 12:27 अशुभ
यम घंटा 15:28 – 16:58 अशुभ
गुली काल 07:57 – 09:27 अशुभ
अभिजित 12:03 -12:51 शुभ
दूर मुहूर्त 08:51 – 09:39 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:51 – 13:40 अशुभ

*** चोघडिया, दिन *** 
चर 06:27 – 07:57 शुभ
लाभ 07:57 – 09:27 शुभ
अमृत 09:27 – 10:57 शुभ
काल 10:57 – 12:27 अशुभ
शुभ 12:27 – 13:58 शुभ
रोग 13:58 – 15:28 अशुभ
उद्वेग 15:28 – 16:58 अशुभ
चर 16:58 – 18:28 शुभ

*** चोघडिया, रात *** 
रोग 18:28 – 19:58 अशुभ
काल 19:58 – 21:27 अशुभ
लाभ 21:27 – 22:57 शुभ
उद्वेग 22:57 – 24:27* अशुभ
शुभ 24:27* – 25:57* शुभ
अमृत 25:57* – 27:26* शुभ
चर 27:26* – 28:56* शुभ
रोग 28:56* – 30:26* अशुभ

*** होरा, दिन *** 
शुक्र 06:27 – 07:27
बुध 07:27 – 08:27
चन्द्र 08:27 – 09:27
शनि 09:27 – 10:27
गुरु 10:27 – 11:27
मंगल 11:27 – 12:27
सूर्य 12:27 – 13:28
शुक्र 13:28 – 14:28
बुध 14:28 – 15:28
चन्द्र 15:28 – 16:28
शनि 16:28 – 17:28
गुरु 17:28 – 18:28

*** होरा, रात *** 
मंगल 18:28 – 19:28
सूर्य 19:28 – 20:28
शुक्र 20:28 – 21:27
बुध 21:27 – 22:27
चन्द्र 22:27 – 23:27
शनि 23:27 – 24:27
गुरु 24:27* – 25:27
मंगल 25:27* – 26:27
सूर्य 26:27* – 27:26
शुक्र 27:26* – 28:26
बुध 28:26* – 29:26
चन्द्र 29:26* – 30:26

*** उदयलग्न प्रवेशकाल *** 

मीन > 06:22 से 07:53 तक
मेष > 07:53 से 10:36 तक
वृषभ > 10:36 से 12:17 तक
मिथुन > 12:17 से 13:41 तक
कर्क > 13:41 से 16:01 तक
सिंह > 16:01 से 17:05 तक
कन्या > 17:05 से 08:17 तक
तुला > 08:17 से 10:48 तक
वृश्चिक > 10:48 से 02:00 तक
धनु > 02:00 से 03:04 तक
मकर > 03:04 से 04:54 तक
कुम्भ > 04:54 से 06:22 तक

Read Also : भगवान शंकर की अश्रु धारा से बना सरोवर Jalandhar Shri Devi Talab Mandir

*** विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार *** 

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*** दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम *** 
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

*** अग्नि वास ज्ञान *** 
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 6 + 1 = 22 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*** ग्रह मुख आहुति ज्ञान *** 

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

चन्द्र ग्रह मुखहुति

*** शिव वास एवं फल *** 

15 + 15 + 5 = 35 ÷ 7 = 0 शेष

शमशान वास = मृत्यु कारक

*** भद्रा वास एवं फल *** 

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

*** विशेष जानकारी *** 

* बसन्त प्रतिपदा

* धुलैण्डी

* रंगोत्सव

* फूलडोल उत्सव मेला (भीलवाडा)

*बसंतोत्सव प्रारम्भ

*** शुभ विचार *** 

कःकालः कानि मित्राणि को देशः को व्ययागमौ ।
कस्याहं का च मेशक्तिरिति चिन्त्यं मुहुर्मुहुः ।।
।।चा o नी o।।

इन बातो को बार बार गौर करे…
सही समय
सही मित्र
सही ठिकाना
पैसे कमाने के सही साधन
पैसे खर्चा करने के सही तरीके
आपके उर्जा स्रोत.

*** सुभाषितानि *** 

गीता -: क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोग अo-13

यथा सर्वगतं सौक्ष्म्यादाकाशं नोपलिप्यते ।,
सर्वत्रावस्थितो देहे तथात्मा नोपलिप्यते ॥,

जिस प्रकार सर्वत्र व्याप्त आकाश सूक्ष्म होने के कारण लिप्त नहीं होता, वैसे ही देह में सर्वत्र स्थित आत्मा निर्गुण होने के कारण देह के गुणों से लिप्त नहीं होता॥,32॥,

*** आपका दिन मंगलमय हो *** 
*** *** *** *** *** *** *** 
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

Read Also : पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए फल्गू तीर्थ Falgu Tirtha For Peace Of Souls Of Ancestors

Read Also : हरिद्वार पर माता मनसा देवी के दर्शन न किए तो यात्रा अधूरी If You Dont see Mata Mansa Devi at Haridwar 

Connect With Us : Twitter Facebook