***|| जय श्री राधे ||***
*** महर्षि पाराशर पंचांग ***
*** अथ पंचांगम् ***
****ll जय श्री राधे ll****
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दिनाँक:-12/05/2022, गुरुवार
एकादशी, शुक्ल पक्ष
वैशाख
*** *** *** *** *** *** *** *** (समाप्ति काल)
*** दैनिक राशिफल ***
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
तुला
उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। बड़ा काम करने का मन बनेगा। झंझटों से दूर रहें। कानूनी अड़चन का सामना करना पड़ सकता है। फालतू खर्च होगा। व्यापार मनोनुकूल लाभ देगा। जोखिम बिलकुल न लें। तुला राशि वाले न्यायिक विषयो में ढिलाई से बचें। रिश्ते संवारेंगे। सहजता और प्रसन्नता बनाए रखेंगे। दान धर्म बढ़ेगा।
तिथि——– एकादशी 18:50:52 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र—- उत्तराफाल्गुनी19:28:53
योग———— हर्शण 17:49:11
करण———- वणिज 07:16:34
करण——- विष्टि भद्र 18:50:52
वार———————– गुरूवार
माह———————— वैशाख
चन्द्र राशि—————— कन्या
सूर्य राशि——————– मेष
रितु————————- ग्रीष्म
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर———————– नल
संवत्सर (उत्तर) ——————-राक्षस
विक्रम संवत—————- 2079
विक्रम संवत (कर्तक)———- 2078
शाका संवत—————- 1944
वृन्दावन
सूर्योदय————— 05:33:34
सूर्यास्त—————- 18:57:53
दिन काल————- 13:24:19
रात्री काल—————10:35:03
चंद्रोदय—————-15:04:54
चंद्रास्त—————- 27:34:17
लग्न—- मेष 27°7′ , 27°7′
सूर्य नक्षत्र—————– कृत्तिका
चन्द्र नक्षत्र———– उत्तराफाल्गुनी
नक्षत्र पाया——————- रजत
*** पद, चरण ***
टो—- उत्तराफाल्गुनी 07:33:24
पा—- उत्तराफाल्गुनी 13:32:32
पी—- उत्तराफाल्गुनी 19:28:53
पू—-हस्त 25:22:27
*** ग्रह गोचर ***
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
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सूर्य=मेष 27:12 कृतिका , 1 अ
चन्द्र =कन्या 02°23 , पू oफाo , 2 टो
बुध =वृषभ 10 ° 07′ रोहिणी ‘ 1 ओ
शुक्र=मीन 16 °05, उo भा o ‘ 4 ञ
मंगल=कुम्भ 26°30 ‘ पूoभाo’ 2 सो
गुरु=मीन 05°30 ‘ ऊ o भा o, 1 दू
शनि=कुम्भ 00°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 3 गु
राहू=(व) मेष 28°30’ कृतिका , 1 अ
केतु=(व) तुला 28°30 विशाखा , 3 ते
*** मुहूर्त प्रकरण ***
राहू काल 13:56 – 15:37 अशुभ
यम घंटा 05:34 – 07:14 अशुभ
गुली काल 08:55 – 10:35 अशुभ
अभिजित 11:49 -12:43 शुभ
दूर मुहूर्त 10:02 – 10:55 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:23 – 16:17 अशुभ
चोघडिया, दिन
शुभ 05:34 – 07:14 शुभ
रोग 07:14 – 08:55 अशुभ
उद्वेग 08:55 – 10:35 अशुभ
चर 10:35 – 12:16 शुभ
लाभ 12:16 – 13:56 शुभ
अमृत 13:56 – 15:37 शुभ
काल 15:37 – 17:17 अशुभ
शुभ 17:17 – 18:58 शुभ
चोघडिया, रात
अमृत 18:58 – 20:17 शुभ
चर 20:17 – 21:37 शुभ
रोग 21:37 – 22:56 अशुभ
काल 22:56 – 24:15* अशुभ
लाभ 24:15* – 25:35* शुभ
उद्वेग 25:35* – 26:54* अशुभ
शुभ 26:54* – 28:14* शुभ
अमृत 28:14* – 29:33* शुभ
होरा, दिन
बृहस्पति 05:34 – 06:41
मंगल 06:41 – 07:48
सूर्य 07:48 – 08:55
शुक्र 08:55 – 10:02
बुध 10:02 – 11:09
चन्द्र 11:09 – 12:16
शनि 12:16 – 13:23
बृहस्पति 13:23 – 14:30
मंगल 14:30 – 15:37
सूर्य 15:37 – 16:44
शुक्र 16:44 – 17:51
बुध 17:51 – 18:58
होरा, रात
चन्द्र 18:58 – 19:51
शनि 19:51 – 20:44
बृहस्पति 20:44 – 21:37
मंगल 21:37 – 22:30
सूर्य 22:30 – 23:23
शुक्र 23:23 – 24:15
बुध 24:15* – 25:08
चन्द्र 25:08* – 26:01
शनि 26:01* – 26:54
बृहस्पति 26:54* – 27:47
मंगल 27:47* – 28:40
सूर्य 28:40* – 29:33
*** उदयलग्न प्रवेशकाल ***
मेष > 03:16 से 04:58 तक
वृषभ > 04:58 से 06:58 तक
मिथुन > 06:58 से 09:06 तक
कर्क > 09:06 से 11:24 तक
सिंह > 11:24 से 13:40 तक
कन्या > 13:40 से 05:52 तक
तुला > 05:52 से 06:03 तक
वृश्चिक > 06:03 से 08:17 तक
धनु > 08:17 से 22:18 तक
मकर > 22:18 से 11:58 तक
कुम्भ > 11:58 से 01:44 तक
मीन > 01:40 से 03:16 तक
विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
दिशा शूल ज्ञान————-दक्षिण
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
11 + 5 + 1 = 17 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
*** ग्रह मुख आहुति ज्ञान ***
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शनि ग्रह मुखहुति
शिव वास एवं फल -:
11 + 11 + 5 = 27 ÷ 7 = 6 शेष
क्रीड़ायां = शोक, दुःख कारक
भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
*** विशेष जानकारी ***
*मोहिनी एकादशी व्रत (सर्वेषां)
*श्री हितहरिवंश महाप्रभु प्राकट्य उत्सव (राधावल्लभ) वृन्दावन
*** शुभ विचार ***
कुचैलिनं दन्तमलोपधारिणां
बह्वाशिनंनिष्ठुरभाषिणां च ।
सूर्योदये वाऽस्तमिते शयानं
विमुञ्चति श्रीर्यदि चक्रपाणिः ।।
।। चा o नी o।।
जो अस्वच्छ कपडे पहनता है. जिसके दात साफ़ नहीं. जो बहोत खाता है. जो कठोर शब्द बोलता है. जो सूर्योदय के बाद उठता है. उसका कितना भी बड़ा व्यक्तित्व क्यों न हो, वह लक्ष्मी की कृपा से वंचित रह जायेगा.
*** सुभाषितानि ***
गीता -: दैवासुरसम्पद्विभागयोग अo-16
दम्भो दर्पोऽभिमानश्च क्रोधः पारुष्यमेव च।,
अज्ञानं चाभिजातस्य पार्थ सम्पदमासुरीम्॥,
हे पार्थ! दम्भ, घमण्ड और अभिमान तथा क्रोध, कठोरता और अज्ञान भी- ये सब आसुरी सम्पदा को लेकर उत्पन्न हुए पुरुष के लक्षण हैं॥,4॥,
*** आपका दिन मंगलमय हो ***
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आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
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