Libra Horoscope 02 April 2022

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Libra Horoscope 02 April 2022

***|| जय श्री राधे ||***

*** महर्षि पाराशर पंचांग ***
*** अथ पंचांगम् ***
****ll जय श्री राधे ll****
*** *** *** *** *** *** 

दिनांक-: 02/04/2022, शनिवार
प्रतिपदा, शुक्ल पक्ष
चैत्र
*** *** *** *** *** *** *** (समाप्ति काल)

*** दैनिक राशिफल ***

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

तुला

Libra Horoscope 02 April 2022: आज का दिन आपके लिए भागदौड़ भरा रहेगा, भागदौड़ अधिक होने के कारण कुछ मौसमी बीमारियां आपको अपनी चपेट में ले सकती हैं, जिनसे आपको सावधान रहना होगा। यात्रा में जल्दबाजी न करें। शारीरिक कष्ट संभव है। पुराना रोग उभर सकता है। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। हंसी-मजाक में हल्कापन न हो, ध्यान रखें। कीमती वस्तुएं इधर-उधर हो सकती हैं, संभालकर रखें। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। आय के कुछ नए स्त्रोत प्राप्त होंगे, जिन्हें आपको अपनी वाकपटुता दिखाकर पकड़ना होगा, तभी आप उनसे लाभ कमा पाएंगे। विद्यार्थियों ने यदि किसी परीक्षा को दिया था, तो उसके परिणाम प्राप होंगे। परिवार में किसी सदस्य के रिटायरमेंट होने पर पार्टी का आयोजन होगा, जिसमें परिवार के सदस्य एकजुट होकर नजर आएंगे। माता-पिता का सहयोग आपको भरपूर मात्रा में मिलता दिख रहा है।

तिथि ————–प्रतिपदा 11:57:31 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र———- रेवती 11:19:49
योग————– ऐन्द्र 08:28:38
करण————– बव 11:57:31
करण———– बालव 24:13:02
वार———————–शनिवार
माह————————–चैत्र
चन्द्र राशि——— मीन 11:19:49
चन्द्र राशि——————– मेष
सूर्य राशि——————— मीन
रितु————————- वसंत
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर———————– नल
संवत्सर (उत्तर)—————– राक्षस
विक्रम संवत—————- 2079
विक्रम संवत (कर्तक) ———2078
शाका संवत—————–1944

वृंदावन
सूर्योदय————— 06:10:06
सूर्यास्त—————- 18:35:49
दिन काल————- 12:25:42
रात्री काल————- 11:33:10
चंद्रोदय—————- 06:49:35
चंद्रास्त————— 19:44:02

लग्न—-मीन 18°6′ , 348°6′

सूर्य नक्षत्र——————–रेवती
चन्द्र नक्षत्र——————- रेवती
नक्षत्र पाया——————- स्वर्ण

*** पद, चरण ***

ची—- रेवती 11:19:49

चु—- अश्विनी 17:35:30

चे—- अश्विनी 23:53:24

*** ग्रह गोचर ***

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
*** *** *** *** *** *** *** 
सूर्य=मीन 18:12 ‘उ o भा o , 1 दे
चन्द्र =मीन 27°23, रेवती , 4 ची
बुध = मीन 17 ° 07’ उo भा o ‘ 1 दे
शुक्र=मकर 02°05, धनिष्ठा ‘ 3 गु
मंगल=मकर 25°30 ‘ धनिष्ठा’ 1 गा
गुरु=कुम्भ 27°30 ‘ पू o भा o, 3 दा
शनि=मकर 27°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी
राहू=(व)वृषभ 00°30’ कृतिका , 2 ई
केतु=(व)वृश्चिक 00°30 विशाखा , 4 तो

*** मुहूर्त प्रकरण ***

राहू काल 09:17 – 10:50 अशुभ
यम घंटा 13:56 – 15:29 अशुभ
गुली काल 06:10 – 07:43 अशुभ
अभिजित 11:58 -12:48 शुभ
दूर मुहूर्त 07:50 – 08:39 अशुभ

गंड मूल अहोरात्र अशुभ

पंचक 06:10 – 11:20 अशुभ

चोघडिया, दिन
काल 06:10 – 07:43 अशुभ
शुभ 07:43 – 09:17 शुभ
रोग 09:17 – 10:50 अशुभ
उद्वेग 10:50 – 12:23 अशुभ
चर 12:23 – 13:56 शुभ
लाभ 13:56 – 15:29 शुभ
अमृत 15:29 – 17:03 शुभ
काल 17:03 – 18:36 अशुभ

चोघडिया, रात
लाभ 18:36 – 20:02 शुभ
उद्वेग 20:02 – 21:29 अशुभ
शुभ 21:29 – 22:56 शुभ
अमृत 22:56 – 24:22* शुभ
चर 24:22* – 25:49* शुभ
रोग 25:49* – 27:16* अशुभ
काल 27:16* – 28:42* अशुभ
लाभ 28:42* – 30:09* शुभ

होरा, दिन
शनि 06:10 – 07:12
बृहस्पति 07:12 – 08:14
मंगल 08:14 – 09:17
सूर्य 09:17 – 10:19
शुक्र 10:19 – 11:21
बुध 11:21 – 12:23
चन्द्र 12:23 – 13:25
शनि 13:25 – 14:27
बृहस्पति 14:27 – 15:29
मंगल 15:29 – 16:32
सूर्य 16:32 – 17:34
शुक्र 17:34 – 18:36

होरा, रात
बुध 18:36 – 19:34
चन्द्र 19:34 – 20:31
शनि 20:31 – 21:29
बृहस्पति 21:29 – 22:27
मंगल 22:27 – 23:25
सूर्य 23:25 – 24:22
शुक्र 24:22* – 25:20
बुध 25:20* – 26:18
चन्द्र 26:18* – 27:16
शनि 27:16* – 28:13
बृहस्पति 28:13* – 29:11
मंगल 29:11* – 30:09

*** उदयलग्न प्रवेशकाल *** 

मीन > 05:22 से 06:52 तक
मेष > 06:52 से 09:36 तक
वृषभ > 09:36 से 11:16 तक
मिथुन > 11:16 से 12:36 तक
कर्क > 12:36 से 14:56 तक
सिंह > 14:56 से 16:01 तक
कन्या > 16:01 से 07:13 तक
तुला > 07:13 से 09:44 तक
वृश्चिक > 09:44 से 00:56 तक
धनु > 00:56 से 02:00 तक
मकर > 02:00 से 03:46 तक
कुम्भ > 03:46 से 05:18 तक

विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो लोंग अथवा कालीमिर्च खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

1 + 7 + 1 = 9 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*** ग्रह मुख आहुति ज्ञान ***

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

सूर्य ग्रह मुखहुति

शिव वास एवं फल -:

1 + 1 + 5 = 7 ÷ 7 = 0 शेष

शमशान = मृत्यु कारक

भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

***  विशेष जानकारी ***

*गुड़ी पड़वा नव संवत्सर 1979 प्रारम्भ

* नवरात्रि प्रारम्भ घटस्थापन

* गौतम जयंती

* झूलेलाल जयंती

*** शुभ विचार ***

एकोदरसमुद् भूता एकनक्षत्रजातकाः ।
न भवन्ति समाः शीला यथा बदरिकण्टकाः ।।
।। चा o नी o।।

अनेक व्यक्ति जो एक ही गर्भ से पैदा हुए है या एक ही नक्षत्र में पैदा हुए है वे एकसे नहीं रहते. उसी प्रकार जैसे बेर के झाड के सभी बेर एक से नहीं रहते.

*** सुभाषितानि ***

गीता -: गुणत्रयविभागयोग अo-14

सत्त्वं सुखे सञ्जयति रजः कर्मणि भारत ।,
ज्ञानमावृत्य तु तमः प्रमादे सञ्जयत्युत ॥,

हे अर्जुन! सत्त्वगुण सुख में लगाता है और रजोगुण कर्म में तथा तमोगुण तो ज्ञान को ढँककर प्रमाद में भी लगाता है॥,9॥,

आपका दिन मंगलमय हो
*** *** *** *** *** 
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

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