एलजी ने दिए दिल्ली की नई आबकारी नीति के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश

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LG orders CBI inquiry against Delhi's new excise policy

आज समाज डिजिटल,नई दिल्ली:

 

दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने केजरीवाल सरकार की नई आबकारी नीति के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। आरोप है कि नई आबकारी नीति में नियमों की अनदेखी कर टेंडर दिए गए। एलजी ने यह कदम मुख्य सचिव की रिपोर्ट में अनियमितता की बात सामने आने पर उठाया है। मुख्य सचिव की रिपोर्ट में शराब माफिया को 144 करोड़ का फायदा पहुंचाने का जिक्र था। दरअसल, दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति 2022-23 की अनुमति में देरी को लेकर मौजूदा खुदरा शराब की दुकानों की लाइसेंस अवधि अगले दो महीनों के लिए बढ़ा दी थी। इसमें अन्य लाइसेंस के अलावा शराब की होम डिलीवरी भी शामिल थी। दिल्ली कैबिनेट ने 5 मई को हुई अपनी बैठक में आबकारी नीति 2022-23 को मंजूरी दी थी।

नियमों की अनदेखी कर टेंडर देने का आरोप

उधर, इस नीति के तहत सभी शराब की दुकानों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए थे। शराब की सरकारी दुकानें तक बंद कर दी गई थी और नई नीति से नए टेंडर जारी कर निजी ऑपरेटरों को शराब की दुकानें खोलने की इजाजत दी गई थी। जिस पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए थे। नई आबकारी नीति के तहत प्रत्येक वार्ड में चार शराब की दुकानें खोलने का जिक्र था, इसके तहत जिन-जिन इलाकों में शराब की दुकानें खुली, वहां के स्थानीय लोगों ने भी इसका पुरजोर विरोध किया, अभी भी दिल्ली के कुछ इलाकों में नई नीति के तहत खुली शराब की दुकानों महिलाएं विरोध कर रही हैं। मामला एलजी के पास पहुंचा तो अब उन्होनें इसकी सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। बता दें कि दिल्ली सरकार ने पिछले साल 17 नवंबर को नई आबकारी नीति लागू की थी। इस नीति के तहत पूरे शहर में शराब की 849 दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई थी। जिनमें से अभी तक 600 के करीब शराब की दुकाने खोली जा चुकी हैं। इन सभी नई शुरू हुई शराब की दुकानों की सूची एक्साइज डिपार्टमेंट की ऑफिशियल वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है। दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के तहत, पूरे शहर में शराब के कारोबार अब प्राइवेट क्षेत्र के व्यापारियों के हाथों में सौंप दिया गया है। जहां वह कम से कम 500 वर्ग मीटर के दायरे में बड़े और आकर्षक ठेकों का निर्माण कर सकते हैं।