सिंह राशिफल 30 जुलाई 2022

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***|| जय श्री राधे ||***
?? महर्षि पाराशर पंचांग ??
??? अथ पंचांगम् ???
****ll जय श्री राधे ll****
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दिनाँक:-30/07/2022, शनिवार

?? दैनिक राशिफल ??

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

?सिंह
आज का दिन व्यापार कर रहे लोगों के लिए उत्तम रहेगा व अपने व्यापार में भी कुछ नए परिवर्तन भी कर सकते हैं, लेकिन परिवार में किसी सदस्य को सरकारी नौकरी का ऑफर आ सकता है, जिसके कारण परिवार में किसी पार्टी का आयोजन भी होगा। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में सुकून रहेगा। जल्दबाजी में कोई आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। कानूनी अड़चन आ सकती है। विवाद न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी। आर्थिक स्थिति पहले से मजबूत होगी। ससुराल पक्ष से आपको मान सम्मान मिलता दिख रहा है, लेकिन सायंकाल से लेकर रात्रि तक आप सामाजिक कार्य व विकास के कार्यों से लिप्त रहेंगे, जो लोग सट्टेबाजी में निवेश करते हैं, उन्हें निवेश करना बेहतर रहेगा।

द्वितीया, शुक्ल पक्ष,
श्रावण
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

तिथि———-द्वितीया 26:59:29 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र——– आश्लेषा 12:11:31
योग——— व्यतापता 18:59:14
करण———- बालव 14:12:33
करण———– कौलव 26:59:29
वार————————शनिवार
माह———————– श्रावण
चन्द्र राशि———कर्क 12:11:31
चन्द्र राशि——————– सिंह
सूर्य राशि——————– कर्क
रितु————————– वर्षा
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर) ———————-नल
विक्रम संवत—————- 2079
विक्रम संवत (कर्तक)———- 2078
शक संवत——————-1944

वृन्दावन
सूर्योदय————— 05:42:31
सूर्यास्त—————- 19:08:28
दिन काल————- 13:25:56
रात्री काल————–10:34:35
चंद्रोदय—————- 06:48:57
चंद्रास्त—————- 20:31:36

लग्न—- कर्क 12°41′ , 102°41′

सूर्य नक्षत्र——————– पुष्य
चन्द्र नक्षत्र—————- आश्लेषा
नक्षत्र पाया——————- रजत

??? पद, चरण ???

डो—- आश्लेषा 12:11:31

मा—- मघा 18:45:11

मी—- मघा 25:17:39

??? ग्रह गोचर ???

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=कर्क 12:12 पुष्य , 3 हो
चन्द्र = कर्क 26 °23, आश्लेषा , 4 डो
बुध =कर्क 26 ° 07′ आश्लेषा ‘ 3 डे
शुक्र=मिथुन 20°05, पुनर्वसु ‘ 1 के
मंगल=मेष 22°30 ‘ भरणी ‘ 3 ले
गुरु=मीन 14°30 ‘ उ o भा o, 4 ञ
शनि=कुम्भ 29°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी
राहू=(व) मेष 24°15’ भरणी , 4 लो
केतु=(व) तुला 24°15 विशाखा , 2 तू

??? मुहूर्त प्रकरण ???

राहू काल 09:04 – 10:45 अशुभ
यम घंटा 14:06 – 15:47 अशुभ
गुली काल 05:43 – 07:23 अशुभ
अभिजित 11:59 – 12:52 शुभ
दूर मुहूर्त 07:30 – 08:24 अशुभ

?गंड मूल अहोरात्र अशुभ

?चोघडिया, दिन
काल 05:43 – 07:23 अशुभ
शुभ 07:23 – 09:04 शुभ
रोग 09:04 – 10:45 अशुभ
उद्वेग 10:45 – 12:25 अशुभ
चर 12:25 – 14:06 शुभ
लाभ 14:06 – 15:47 शुभ
अमृत 15:47 – 17:28 शुभ
काल 17:28 – 19:08 अशुभ

?चोघडिया, रात
लाभ 19:08 – 20:28 शुभ
उद्वेग 20:28 – 21:47 अशुभ
शुभ 21:47 – 23:06 शुभ
अमृत 23:06 – 24:26* शुभ
चर 24:26* – 25:45* शुभ
रोग 25:45* – 27:04* अशुभ
काल 27:04* – 28:24* अशुभ
लाभ 28:24* – 29:43* शुभ

?होरा, दिन
शनि 05:43 – 06:50
बृहस्पति 06:50 – 07:57
मंगल 07:57 – 09:04
सूर्य 09:04 – 10:11
शुक्र 10:11 – 11:18
बुध 11:18 – 12:25
चन्द्र 12:25 – 13:33
शनि 13:33 – 14:40
बृहस्पति 14:40 – 15:47
मंगल 15:47 – 16:54
सूर्य 16:54 – 18:01
शुक्र 18:01 – 19:08

?होरा, रात
बुध 19:08 – 20:01
चन्द्र 20:01 – 20:54
शनि 20:54 – 21:47
बृहस्पति 21:47 – 22:40
मंगल 22:40 – 23:33
सूर्य 23:33 – 24:26
शुक्र 24:26* – 25:19
बुध 25:19* – 26:12
चन्द्र 26:12* – 27:04
शनि 27:04* – 27:57
बृहस्पति 27:57* – 28:50
मंगल 28:50* – 29:43

?? उदयलग्न प्रवेशकाल ??

कर्क > 03:58 से 06:14 तक
सिंह > 06:14 से 08:24 तक
कन्या > 08:24 से 10:34 तक
तुला > 10:34 से 12:49 तक
वृश्चिक > 12:49 से 15:04 तक
धनु > 15:04 से 17:24 तक
मकर > 17:24 से 19:07 तक
कुम्भ > 19:07 से 20:40 तक
मीन > 20:40 से 21:14 तक
मेष > 21:14 से 11:46 तक
वृषभ > 11:46 से 01:38 तक
मिथुन > 01:38 से 03:58 तक

?विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

?दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो लौंग अथवा कालीमिर्च खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

? अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

2 + 7 + 1 = 10 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

?? ग्रह मुख आहुति ज्ञान ??

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

सूर्य ग्रह मुखहुति

? शिव वास एवं फल -:

2 + 2 + 5 = 9 ÷ 7 = 2 शेष

गौरि सन्निधौ = शुभ कारक

?भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

?? विशेष जानकारी ??

*स्वामी श्री करपात्र जी महाराज जयन्ती

*अश्वत्थ मारुति पूजन

??? शुभ विचार ???

कःकालः कानि मित्राणि को देशः को व्ययागमौ ।
कस्याहं का च मेशक्तिरिति चिन्त्यं मुहुर्मुहुः ।।
।। चा o नी o।।

इन बातो को बार बार गौर करे…
सही समय
सही मित्र
सही ठिकाना
पैसे कमाने के सही साधन
पैसे खर्चा करने के सही तरीके
आपके उर्जा स्रोत.

??? सुभाषितानि ???

गीता -: मोक्षसान्यांसयोग अo-18

यया तु धर्मकामार्थान्धत्या धारयतेऽर्जुन।,
प्रसङ्‍गेन फलाकाङ्क्षी धृतिः सा पार्थ राजसी॥,

परंतु हे पृथापुत्र अर्जुन! फल की इच्छावाला मनुष्य जिस धारण शक्ति के द्वारा अत्यंत आसक्ति से धर्म, अर्थ और कामों को धारण करता है, वह धारण शक्ति राजसी है॥,34॥,

?आपका दिन मंगलमय हो?
?????????
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

 

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