1. कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ी,वीर सावरकर के पोते ने दाखिल किया मानहानि का मुकदमा
पूर्व लोकसभा सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है। वीर सावरकर के पोते सात्यकी सावरकर ने पुणे कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। सात्यकी ने आरोप लगाया गया है कि राहुल गांधी ने वीर सावरकर का अपमान किया है। दरसअल असल में लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद प्रेस कॉफ्रेंस के दौरान राहुल गांधी से जब सवाल किया गया कि लोग कहते हैं कि राहुल गांधी माफी मांग लेते, तो राहुल गांधी क्या सोचते हैं? इस सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है और गांधी किसी से माफी नहीं मांगता।
सात्यकी ने कहा कि राहुल गांधी ने यह बात पहली बार नहीं कही थी बल्कि इससे पहले भी कई बार कह चुके हैं और अक्सर सावरकर को निशाने पर लेते रहते हैं।
सात्यकी सावरकर ने अपनी याचीका में कहा है कि राहुल गांधी पिछले महीने इंग्लैंड गए थे और एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि वीर सावरकर ने अपनी किताब में बताया है कि
5-6 लोग मिलकर एक मुस्लिम युवक को पीट रहे थे और सावरकर ने वो पसंद किया था। ये उनके प्रति एक अपमान है क्योंकि ये पूरी घटना ही काल्पनिक है।
दरअसल इससे पहले भी राहुल गांधी दावे कर चुके हैं कि वीर सावरकर अंग्रेजों से डर गए थे और उनका आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं रहा।
2.मनी लॉड्रिंग मामलाः सत्येंद्र जैन को राउज एवेन्यू कोर्ट से झटका, सीबीआई अदालत में ही होगी आरोपों की सुनवाई
मनी लांड्रिंग मामले में जेल में बंद आम आदमी पार्टी के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की अर्जी को खारिज कर दिया है। सत्येंद्र जैन ने अर्जी में कहा था कि उनकी सुनवाई स्पेशल जज सीबीआई की अदालत से हटाकर किसी अन्य अदालत की जाए। राउज एवेन्यू कोर्ट के जिला एंव सत्र न्यायाधीश विनय कुमार गुप्ता ने कहा कि वो मुकदमा किसी अन्य कोर्ट में ट्रांस्फर नहीं करेंगे अलबत्ता उन्होंने ईडी को नोटिस जरूर जारी कर दिया है।
राउज़ एवेन्यु कोर्ट में अब इस मामले की अगली सुनवाई 4 मई को होगी। सत्येंद्र जैन के वकील ने कहा कि जब तक ट्रांसफर याचिका पर कोर्ट फैसला नहीं करता तब तक के लिए निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक लगा दी जाए। इस पर सत्र न्यायाधीश विनय गु्प्ता ने इंकार कर दिया।
इससे पहले ईडी के वकील ने कहा सीबीआई वाले मामले की ट्रांसफर याचिका पर सुनवाई 4 मई होगी इससे पहले वो अपना जवाब दाखिल कर देंगे। दरअसल, मनी लॉड्रिंग के आरोपी सत्येंद्र जैन चाहते हैं कि उनके ऊपर लगे आरोपों की सुनवाई सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में न हो इसलिए उन्होंने सत्र न्यायाधीश के सामने अपनी अर्जी लगाई थी, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली।
3. लड़कियों के पहनावे पर कैलाश विजयवर्गीय के बयान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका, 21 अप्रैल को सुनवाई
लड़कियों के पहनावे को लेकर दिए गए बयान पर मध्यप्रदेश बीजेपी के बड़े नेता कैलाश विजय वर्गीय की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। विजय वर्गीय के बयान के खिलाफ अंजलि पटेल नामकी एक सामाजिक कार्यकर्ता ने सीधे सुप्रीम कोर्ट याचिका दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 21 अप्रैल को सुनवाई करेगा।
दरअसल, एक सामाजिक समारोह में कहा था कि भारतीय संस्कृति में महिलाओं को देवी का दर्जा दिया गया है लेकिन कुछ महिलाएं इस तरह के कपड़े पहनती हैं कि वो शूपर्णखा लगती हैं।
अंजलि ठाकुर ने विजयवर्गीय के इसी बयान को आधार बनाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। यह याचिका उषा ठाकुर के खिलाफ भी है क्यों कि उषा ठाकुर ने विजय वर्गीय के बयान का समर्थन किया था। अंजलि ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए दोनो नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
मध्य प्रदेश के बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय और उषा ठाकुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग वाली अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को हुआ तैयार
इस याचिका में आईपीसी की धारा 354 और 500 के तहत मुकदमा दर्ज करने का निर्देश देने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
याचिका की संवेदनशीलता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहाकि यद्यपि यह इतना भी आवश्यक नहीं है कि याचिका को तुरंत सुना जाए लेकिन कोर्ट 21 अप्रैल को इस मामले पर सुनवाई करेगी।
4.कॉलेजियम ने उत्तराखंड एक न्यायिक अधिकारी और तीन वकीलों को जज के तौर पर नियुक्ति की सिफारिश भेजी
कॉलेजियम ने हाल ही में उत्तराखंड उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में तीन अधिवक्ताओं और एक न्यायिक अधिकारी की नियुक्ति की सिफारिश की है।
इनमें विवेक भारती शर्मा अनुशंसित न्यायिक अधिकारी हैं। इसके अलावा राकेश थपलियाल, पंकज पुरोहित, और सुभाष उपाध्याय तीन सुझाए गए वकीलों के नाम हैं।
उपरोक्त अनुशंसा उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा 7 सितंबर, 2022 को अपने दो वरिष्ठतम सहयोगियों के परामर्श से दी गई थी।
सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम के अनुसार, सिफारिश को मुख्यमंत्री और उत्तराखंड के राज्यपाल द्वारा समर्थित किया गया था।
1 अप्रैल, 2023 को सुप्रीम कोर्ट को न्याय विभाग से फाइल मिली।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने नामांकित व्यक्तियों की फिटनेस का निर्धारण करने के लिए उत्तराखंड उच्च न्यायालय की गतिविधियों से परिचित सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों से परामर्श किया।
कॉलेजियम ने इस तरह के परामर्श और अतिरिक्त जानकारी पर विचार करने के बाद उत्तराखंड उच्च न्यायालय में पदोन्नति के लिए चार उम्मीदवारों का सुझाव देने का संकल्प लिया।
उत्तराखंड उच्च न्यायालय 1 न्यायाधीशों की स्वीकृत है, जिनमें से 6 पद रिक्त चल रहे हैं।
5. उमेश पाल के ईनामी हत्यारे और अतीक अहमद के बेटे असद अहमद का झांसी में एनकाउंटर, UP STF ने मार गिराया
जिस अतीक अहमद और उसके बेटों के एक इशारे पर घर के घर उजाड़ दिए जाते थे आज उसी के बेटे असद अहमद को यूपी एसटीएफ की टीम ने झांसी में मार गिराया है। उसके अलावा एक और बदमाश गुलाम को भी पुलिस ने ढेर कर दिया। दोनों पर 5-5 लाख रुपये का इनाम था और ये उमेश पाल हत्याकांड में वॉन्टेड थे। एसटीएफ की ओर से बताया गया कि इन लोगों की घेराबंदी हुई तो असद अहमद और गुलाम फायरिंग करने लगे। इस पर पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की जिसमें दोनों मारे गए। दोनों ही बाइक पर सवार थे। यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने इस एनकाउंटर की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि इन लोगों के पास से विदेशी हथियार भी बरामद किए गए हैं।
एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने कहा कि इन लोगों के पीछे हमारी टीम डेढ़ महीने से जुटी हुई थी और आज जाकर हमें बड़ी कामयाबी मिली है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले भी 5 मिनट के फासले से ये दोनों लोग मिस हो गए थे और चकमा देकर भाग निकले थे। उमेश पाल की हत्या के मामले में अतीक अहमद का बेटा असद वॉन्टेड था और उस पर 5 लाख रुपये का इनाम भी घोषित था। इसी केस में गुलाम भी वॉन्टेड था। अतीक अहमद के 5 बेटों में से असद तीसरे नंबर का था।
उमेश पाल केस में अतीक अहमद प्रयागराज की अदालत में था और इस बीच झांसी में यह मुठभेड़ हो गई। अतीक के अलावा उसके भाई अशरफ को भी अदालत में पेश किया गया है।
माफिया अतीक अहमद के बेटे पांच लाख के इनामी असद ने अपने चाचा अशरफ की मदद से दिल्ली में शरण ली थी। दिल्ली में वह संगम विहार कॉलोनी में छिपा था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की मदद से पकड़े गए असद के दोस्तों ने कई खुलासे किए थे।
उमेश पाल हत्याकांड के बाद असद अन्य शूटर समेत नौ रास्तों से होते हुए भागे थे। साजिश में ही ये रास्ते गुड्डू मुस्लिम और माफिया अतीक अहमद के बेटे असद ने तय कर दिये थे। असद और गुड्डू ने लखनऊ, बिहार और नेपाल सीमा पर छुपने के ठिकाने भी बता दिये थे। इसके साथ ही यह भी सख्त हिदायत थी कि कोई एक दूसरे से मोबाइल पर कतई बात नहीं करेगा।
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