Legally Speaking : दिल्ली आबकारी घोटाला- बेहद सख्त शर्तों के साथ मनीष सिसोदिया को 7 घण्टे की अंतरिम जमानत

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दिल्ली आबकारी नीति
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Aaj Samaj (आज समाज),Legally Speaking, नई दिल्ली :

9*राउज एवेन्यू कोर्ट ने जारी किए मनीष सिसोदिया और अन्य आरोपियों को सप्लीमेंटरी चार्जशीट की कापी देने के निर्देश*

राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को दिल्ली आबकारी नीति मामले से संबंधित सीबीआई मामले में मनीष सिसोदिया सहित 4 आरोपियों को आरोप पत्र और पूरक आरोप पत्र की प्रतियां उपलब्ध  कराने का निर्देश दिया है।

विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने अमनदीप ढाल, बुच्ची बाबू, अर्जुन पांडे और मनीष सिसोदिया को चार्जशीट और सप्लीमेंट्री चार्जशीट और दस्तावेज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.इस मामले में मनीष सिसोदिया की पेशी सिसोदिया की पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई। मनीष सिसोदिया की अर्जी पर अदालत ने सिसोदिया से उनके वकीलों और एक दोस्त को मिलने की अनुमति दी। मामले को अगली सुनवाई के लिए 6 जुलाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। कोर्ट ने 27 मई को दिल्ली आबकारी नीति मामले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और तीन अन्य के खिलाफ दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था।कोर्ट ने संज्ञान लेने के बाद मनीष सिसोदिया और तीन अन्य आरोपियों को समन जारी किया था।

चार्जशीट में आरोपर है कि  मनीष सिसोदिया ने दिल्ली में शराब के व्यापार के एकाधिकार और कार्टेलाइजेशन को सुविधाजनक बनाने के लिए एक तरह से आबकारी नीति बनाई और लागू की। दिल्ली शराब नीति कथित घोटाला मामले में यह पूरक आरोप पत्र 25 अप्रैल को दाखिल किया गया था.यह पूरक आरोप पत्र आईपीसी के  भ्रष्टाचार निवारण (पीओसी) अधिनियम और आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और सबूत मिटाने की धाराओं के तहत दायर किया गया है।

मनीष सिसोदिया को इस मामले में 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
चार्जशीट दाखिल करते समय सीबीआई ने अदालत को सूचित किया कि मनीष सिसोदिया पर मुकदमा चलाने के लिए पीसी अधिनियम की धारा 19 के तहत मंजूरी ले ली गई है और पूरक चार्जशीट के साथ संलग्न है।

सीबीआई ने कहा था कि तत्कालीन आबकारी आयुक्त अरावा गोपी कृष्ण का नाम भी चार्जशीट के कॉलम 12 में चार्जशीट में एक संदिग्ध के रूप में दर्ज है।इस चार्जशीट के साथ गवाहों की सूची के साथ-साथ दस्तावेज भी हैं।
इसके अलावा, इस चार्जशीट के साथ एक डीवीडी है जिसमें चार्जशीट के साथ-साथ गवाहों और आरयूडी के बयान भी हैं। डीवीडी के संबंध में वन हैश वैल्यू सर्टिफिकेट भी सप्लीमेंट्री चार्जशीट के साथ रिकॉर्ड में दर्ज है।सीबीआई का मामला राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (जीएनसीटीडी) की आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं से संबंधित है।

मुख्य चार्जशीट सीबीआई द्वारा पहले ही दायर की जा चुकी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा यह दावा किया गया है कि पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने जुलाई 2022 से पहले इस्तेमाल किए जा रहे दो फोन को नष्ट करने की बात स्वीकार की है।

सीबीआई ने कहा है कि जांच में खुलासा हुआ है कि एक जनवरी 2020 से 19 अगस्त 2022 की अवधि के दौरान आरोपी मनीष सिसोदिया ने तीन मोबाइल हैंडसेट का इस्तेमाल किया। मामले में तलाशी के दौरान उसके द्वारा इस्तेमाल किया गया आखिरी हैंडसेट जब्त किया गया था।

10*दिल्ली आबकारी घोटाला- बेहद सख्त शर्तों के साथ मनीष सिसोदिया को 7 घण्टे की अंतरिम जमानत*

दिल्ली आबकारी नीति मामले के आरोपी मनीष सिसोदिया को  दिल्ली हाई कोर्ट से मनीष सिसोदिया को सशर्त फौरी राहत दी है। दिल्ली हाईकोर्ट ने मनीष  सिसोदिया को कल यानी शनिवार को कुछ घंटे के लिए दी जेल से बाहर आने और अपनी पत्नी से मिलने की इजाजत दी है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने मनीष सिसोदिया को कल सुबह 10 से शाम 5 बजे तक के लिए अंतरिम जमानत दी है। मनीष सिसोदिया को शाम बजे जेल में वापस पहुंचना होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि  सिसोदिया की पत्नी की मेडिकल रिपोर्ट को कल शाम तक जमा की जाए।

दिल्ली हाईकोर्ट की ने शर्त लगाते हुए कहा कि मनीष सिसोदिया अंतरिम जमानत के दौरान मीडिया से बात नहीं करेंगे, परिवार के अलावा किसी और शख्स से बात नहीं करेंगे,इस दौरान वो मोबाईल या इंटरनेट का इस्तेमाल भी नहीं करेंगे।

दरअसल, मनीष सिसोदिया ने पत्नी को सेहत के हवाले से अंतरिम जमानत की मांग की थी। जिस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने बेहद सख्त शर्तों के साथ मनीष सिसोदिया को 7 घण्टे की अंतरिम जमानत दी है।

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